गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ के प्रमुख कार्यालय पर रेलवे के निजीकरण और निगमीकरण के विरोध में बैठक की गई. यह बैठक भारतीय मजदूर संघ के आह्वान पर पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद गुप्ता के नेतृत्व में संघ के पदाधिकारियों के साथ हुई. बैठक के दौरान केंद्र सरकार द्वारा भारतीय रेल को निजी संस्थानों के हाथों में बेचने के विरोध में रणनीति तैयार की गई.
बैठक की अध्यक्षता करते हुए पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार रेलवे को निजी हाथों में बेचकर देश के युवाओं को बेरोजगारी की ओर धकेल रही है. ऐसे में जो युवा रेल में नौकरी पाने की उम्मीद लगाए बैठे थे, उनकी उम्मीदों पर भी इस सरकार ने पानी फेर दिया है. पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ के महामंत्री बजरंगी दुबे ने कहा कि वर्षों से देश की आर्थिक हालत में कदम से कदम मिलाकर चलने वाला रेलवे देश की तरक्की में एक अहम योगदान रखता है. लाखों करोड़ों कर्मचारी अपना खून पसीना एक कर इस रेलवे को नित नए आयाम पर ले जा रहे हैं, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने लाखों करोड़ों रेल कर्मियों के साथ ही उनके परिवार वालों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ करने का काम किया है.
जगदीश प्रसाद गुप्ता ने कहा कि लड़ाई सड़क से सदन तक लड़ी जाएगी और सरकार को इस फैसले पर पीछे हटना होगा. बैठक का संचालन कर रहे संयुक्त मंत्री योगेश चंद्र शुक्ल ने कहा कि रेलवे के कर्मचारियों के कई भत्तों पर इस सरकार ने रोक लगा दी है. उसके बावजूद भी रेलकर्मी पूरे तत्परता के साथ आमजन की सेवा में जुटा हुआ है. इस वैश्विक महामारी के बीच रेलवे लगातार कार्य कर रहा है. इन सबके बावजूद केंद्र सरकार लाखों-करोड़ों लोगों के पेट पर लात मारने का काम कर रही है.
इस दौरान अशोक कुमार शुक्ला, विशेश्वर राय, संजय त्रिपाठी, भरत प्रकाश चंद, सोनू यादव, पीके सिंह, महेंद्र मिश्रा, ओपी सिंह, कन्हैया प्रसाद, जेपी गुप्ता, रामेश्वर दुबे, बीड़ी शुक्ला सहित बड़ी संख्या में पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे.