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होटल और मॉल के साथ आवासीय कॉलोनी विकसित करने में जुटा पूर्वोत्तर रेलवे - गोरखपुर का समाचार

पूर्वोत्तर रेलवे अपनी आमदनी का स्त्रोत बढ़ाने के साथ ही शहर को खूबसूरत माहौल देने की तैयारी में है. रेलवे अपनी खाली पड़ी जमीनों पर मॉल रेस्टोरेंट्स, होटल और आवासीय कॉलोनियों को विकसित करके अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करेगा.

आवासीय कॉलोनियों को विकसित करने की कवायद
आवासीय कॉलोनियों को विकसित करने की कवायद
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Published : Oct 11, 2021, 3:56 PM IST

गोरखपुरः पूर्वोत्तर रेलवे शहर के लोगों को को आकर्षक और सुविधानजक भवनों का तोहफा देगा. पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में इस बात का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि खाली पड़ी रेलवे की जमीनों पर या फिर ऐसे संसाधन जो अनुपयोगी दिखाई दे रहे हों. उनको उपयोग में लेकर रेलवे की आय को बढ़ाना है. इसके साथ ही इन जमीनों पर ऐसे प्रोजेक्ट को खड़ा करना है, जो देखने में आकर्षक हों और रेलवे का भी मान बढ़ाती हो. उन्होंने कहा कि इसके लिए रेल भूमि विकास प्राधिकरण (RLDA) को जो प्रस्ताव भेजा गया था. वो स्वीकार हो चुका है.

रेलवे की जिस भूमि पर ये प्रोजेक्ट तैयार होंगे, उनमें जूनियर इंस्टीट्यूट की 2.7492 हेक्टेयर और धर्मशाला बाजार की 0.041 हेक्टेयर खाली भूमि को कामर्शियल उपयोग में लाया जाएगा. इसके अलावा रामगढ़ ताल के किनारे स्थित रेलवे की सालों पुरानी कॉलोनी को भी गिराकर यहां कर्मचारी आवास के साथ मॉल और रेस्टोरेंट भी बनाने की योजना है. रामगढ़ताल इस समय गोरखपुर का पर्यटक हब बना हुआ है. राज्य सरकार यहां वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के साथ कई और परियोजनाओं को आगे बढ़ा रही है. जिसमें रेलवे भी अपनी अनुपयोगी जमीन का उचित प्रबंधन करके आर्थिक लाभ करने के साथ शहर के इंट्री प्वॉइंट को आकर्षक बनाने की ओर कदम बढ़ा दिया है. इसी तरह असुरन चौराहा की जमीन का भी रेलवे कमर्शियल उपयोग करने में जुटा है. ये ऐसे प्लाइंट की जमीन है, जो खाली हैं. ये शहर के प्रवेश का बिंदु है, जो निर्माण के साथ भव्यता देंगी.

आवासीय कॉलोनी विकसित करने में जुटा पूर्वोत्तर रेलवे

इसे भी पढ़ें- UP विधानसभा चुनाव में अबकी सस्ता घर भी बनेगा बड़ा मुद्दा, फिर बढ़े सीमेंट, सरिया और मौरंग के दाम

पूरे देश की बात करें तो भारतीय रेलवे के पास देशभर में करीब 43 हजार हेक्टेयर खाली भूमि है. जिसमें 84 रेलवे की कॉलोनी के पुनर्विकास परियोजना पर कार्य शुरू हो चुका है. इसी तरह गोरखपुर में आरएलडीए ने रामगढ़ताल के किनारे रेलवे कॉलोनी की 32,011 वर्ग मीटर भूमि को 99 साल के लिए लीज पर देने की प्रक्रिया पहले ही फाइनल कर चुकी है. कॉलोनी में भी 900 वर्ग मीटर क्षेत्र में रेलवे के अफसरों के लिए ट्रांजिट सूट भी तैयार किया जाएगा. भूमि को विकसित करने की जिम्मेदारी निजी फर्म के हाथों में होगी. जिसके लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल आमंत्रित कर दिया गया है. पूर्वोत्तर रेलवे के प्रस्ताव पर बोर्ड की हरी झंड़ी और रेल भूमि विकास प्राधिकरण को जिम्मेदारी भी मिल चुकी है. जिससे इस प्रोजेक्ट के बहुत जल्द शुरू होने की उम्मीद जाग गई है.

महाप्रबंधक कार्यालय, पूर्वोत्तर रेलवे
महाप्रबंधक कार्यालय, पूर्वोत्तर रेलवे

गोरखपुरः पूर्वोत्तर रेलवे शहर के लोगों को को आकर्षक और सुविधानजक भवनों का तोहफा देगा. पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में इस बात का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि खाली पड़ी रेलवे की जमीनों पर या फिर ऐसे संसाधन जो अनुपयोगी दिखाई दे रहे हों. उनको उपयोग में लेकर रेलवे की आय को बढ़ाना है. इसके साथ ही इन जमीनों पर ऐसे प्रोजेक्ट को खड़ा करना है, जो देखने में आकर्षक हों और रेलवे का भी मान बढ़ाती हो. उन्होंने कहा कि इसके लिए रेल भूमि विकास प्राधिकरण (RLDA) को जो प्रस्ताव भेजा गया था. वो स्वीकार हो चुका है.

रेलवे की जिस भूमि पर ये प्रोजेक्ट तैयार होंगे, उनमें जूनियर इंस्टीट्यूट की 2.7492 हेक्टेयर और धर्मशाला बाजार की 0.041 हेक्टेयर खाली भूमि को कामर्शियल उपयोग में लाया जाएगा. इसके अलावा रामगढ़ ताल के किनारे स्थित रेलवे की सालों पुरानी कॉलोनी को भी गिराकर यहां कर्मचारी आवास के साथ मॉल और रेस्टोरेंट भी बनाने की योजना है. रामगढ़ताल इस समय गोरखपुर का पर्यटक हब बना हुआ है. राज्य सरकार यहां वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के साथ कई और परियोजनाओं को आगे बढ़ा रही है. जिसमें रेलवे भी अपनी अनुपयोगी जमीन का उचित प्रबंधन करके आर्थिक लाभ करने के साथ शहर के इंट्री प्वॉइंट को आकर्षक बनाने की ओर कदम बढ़ा दिया है. इसी तरह असुरन चौराहा की जमीन का भी रेलवे कमर्शियल उपयोग करने में जुटा है. ये ऐसे प्लाइंट की जमीन है, जो खाली हैं. ये शहर के प्रवेश का बिंदु है, जो निर्माण के साथ भव्यता देंगी.

आवासीय कॉलोनी विकसित करने में जुटा पूर्वोत्तर रेलवे

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पूरे देश की बात करें तो भारतीय रेलवे के पास देशभर में करीब 43 हजार हेक्टेयर खाली भूमि है. जिसमें 84 रेलवे की कॉलोनी के पुनर्विकास परियोजना पर कार्य शुरू हो चुका है. इसी तरह गोरखपुर में आरएलडीए ने रामगढ़ताल के किनारे रेलवे कॉलोनी की 32,011 वर्ग मीटर भूमि को 99 साल के लिए लीज पर देने की प्रक्रिया पहले ही फाइनल कर चुकी है. कॉलोनी में भी 900 वर्ग मीटर क्षेत्र में रेलवे के अफसरों के लिए ट्रांजिट सूट भी तैयार किया जाएगा. भूमि को विकसित करने की जिम्मेदारी निजी फर्म के हाथों में होगी. जिसके लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल आमंत्रित कर दिया गया है. पूर्वोत्तर रेलवे के प्रस्ताव पर बोर्ड की हरी झंड़ी और रेल भूमि विकास प्राधिकरण को जिम्मेदारी भी मिल चुकी है. जिससे इस प्रोजेक्ट के बहुत जल्द शुरू होने की उम्मीद जाग गई है.

महाप्रबंधक कार्यालय, पूर्वोत्तर रेलवे
महाप्रबंधक कार्यालय, पूर्वोत्तर रेलवे
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