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गोरखपुर: सीएम सिटी के जिला अस्पताल में पानी के लिए तड़प रहे हैं मरीज

गोरखपुर जिला अस्पताल के विभागों की लापरवाही देखने को मिली है. जहां एक तरफ मरीज अपने इलाज के लिए घंटों कतारों में खड़े रहते है तो वहीं दूसरी ओर मरीजों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. वाटर कूलर तो है लेकिन खराब पड़े हुए हैं. अब ऐसे में मरीजों के साथ आने वाले तीमारदार भी पेयजल न होने से परेशान है. इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन कोई भी कड़े कदम नहीं उठा रहा है.

सीएम सिटी के जिला अस्पताल में पानी के लिए तड़प रहे है मरीज
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Published : May 28, 2019, 9:46 PM IST

गोरखपुर: प्रदेश सरकार जहां स्वास्थ्य पर शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए करोड़ों रुपए के बजट हर साल जिला अस्पतालों को मुहैया कराती है. वहीं मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर में पानी के लिए मरीजों को दर-दर भटकना पड़ रहा है. रोज हजारों की संख्या में मरीज जिला अस्पताल अपना इलाज कराने आते हैं. ऐसे में गरीब,असहाय, ग्रामीण क्षेत्रों, दूरदराज से आने वाले मरीजों के लिए अपनी बीमारी का इलाज कराना समस्या है तो वहीं दूसरी सबसे बड़ी समस्या यहां आकर पानी के लिए दर-दर भटकना इनकी मजबूरी हो गई है.

सीएम सिटी के जिला अस्पताल में पानी के लिए तड़प रहे है मरीज

अल्ट्रासाउंड विभाग, टिटनेस वॉर्ड, आर्थो ओपीडी सहित कई विभागों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. वहीं मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन किए गए प्याऊ की स्थिति भी जर्जर है. वाटर कूलर तो लगा है लेकिन काफी समय से खराब पड़ा है. टोटियां सुखी हुई है.

सुबह से ही लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच गला सूख जा रहा है, इतनी भीषण गर्मी पड़ रही है लेकिन यहां पर प्यास बुझाने के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई है. यहां सारी सुविधाएं होनी चाहिए. क्षेत्र निदान केंद्र के बाहर एक वाटर कूलर और 2 सरकारी हैंडपंप लगे हुए हैं, लेकिन दोनों ही खराब पड़े हुए हैं.
रामकेश, मरीज

खराब पड़े वॉटर कूलर और सरकारी हैंड पाइपों की जानकारी उन्हें हैं और उन्होंने संबंधित विभाग को इसके बारे में लिख दिया है. अभी तक इन्हें दुरुस्त नहीं किया जा सका, ऐसे में मरीजों को थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जल्द से जल्द हम खराब पड़े वाटर कूलर और दोनो सरकारी हैंडपंपों को सही करा देंगे.
राजकुमार गुप्ता, प्रमुख अधीक्षक

गोरखपुर: प्रदेश सरकार जहां स्वास्थ्य पर शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए करोड़ों रुपए के बजट हर साल जिला अस्पतालों को मुहैया कराती है. वहीं मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर में पानी के लिए मरीजों को दर-दर भटकना पड़ रहा है. रोज हजारों की संख्या में मरीज जिला अस्पताल अपना इलाज कराने आते हैं. ऐसे में गरीब,असहाय, ग्रामीण क्षेत्रों, दूरदराज से आने वाले मरीजों के लिए अपनी बीमारी का इलाज कराना समस्या है तो वहीं दूसरी सबसे बड़ी समस्या यहां आकर पानी के लिए दर-दर भटकना इनकी मजबूरी हो गई है.

सीएम सिटी के जिला अस्पताल में पानी के लिए तड़प रहे है मरीज

अल्ट्रासाउंड विभाग, टिटनेस वॉर्ड, आर्थो ओपीडी सहित कई विभागों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. वहीं मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन किए गए प्याऊ की स्थिति भी जर्जर है. वाटर कूलर तो लगा है लेकिन काफी समय से खराब पड़ा है. टोटियां सुखी हुई है.

सुबह से ही लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच गला सूख जा रहा है, इतनी भीषण गर्मी पड़ रही है लेकिन यहां पर प्यास बुझाने के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई है. यहां सारी सुविधाएं होनी चाहिए. क्षेत्र निदान केंद्र के बाहर एक वाटर कूलर और 2 सरकारी हैंडपंप लगे हुए हैं, लेकिन दोनों ही खराब पड़े हुए हैं.
रामकेश, मरीज

खराब पड़े वॉटर कूलर और सरकारी हैंड पाइपों की जानकारी उन्हें हैं और उन्होंने संबंधित विभाग को इसके बारे में लिख दिया है. अभी तक इन्हें दुरुस्त नहीं किया जा सका, ऐसे में मरीजों को थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जल्द से जल्द हम खराब पड़े वाटर कूलर और दोनो सरकारी हैंडपंपों को सही करा देंगे.
राजकुमार गुप्ता, प्रमुख अधीक्षक

Intro:गोरखपुर। अगर आप अपना इलाज जिला अस्पताल में कराने आ रहे हैं तो अपने साथ पानी खरीदकर अवश्य लाएं, क्योंकि यहां पर वाटर कूलर तो है। लेकिन पानी नदारद है मशीन काफी दिनों से खराब है अधिकारियों को जानकारी भी है लेकिन ढुलमुल रवैया की वजह से मरीजों को इस भीषण गर्मी में बिना पानी के घंटों घंटों लाइनों में खड़ा होना पड़ रहा है। ऐसे में जो सक्षम है वह बाहर से पानी खरीदकर अपनी प्यास बुझा ले रहे हैं लेकिन गरीब, असहाय और दूरदराज से आए हुए मरीजों को पानी की टोटी और हैंडपंप खोजने के लिए परिसर से बाहर जाना पड़ रहा है।


Body:प्रदेश सरकार जहां स्वास्थ्य पर शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए करोड़ों रुपए के बजट हर साल जिला अस्पतालों को मुहैया कराती है। वही मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर में पानी के लिए मरीजों को दर-दर भटकना कर रहा है, रोज हजारों की संख्या में मरीज जिला अस्पताल अपना इलाज कराने आते हैं। ऐसे में गरीब, असहाय, ग्रामीण क्षेत्रों, दूरदराज से आने वाले मरीजों के लिए अपनी बीमारी का इलाज कराना जहां एक समस्या है वहीं दूसरी सबसे बड़ी समस्या यहां आकर पानी के लिए दर-दर भटकना इनकी मजबूरी हो गई है।

क्षेत्रीय निदान केंद्र, एक्स-रे विभाग, अल्ट्रासाउंड विभाग, टिटनेस वॉर्ड, आर्थो ओपीडी सहित आधा दर्जन विभागों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। वहीं मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन किए गए प्याऊ की स्थिति भी जर्जर है। वाटर कूलर तो लगा है लेकिन काफी समय से खराब पड़ा है, टोटियां सुखी हुई है। थके, प्यासे मरीज वाटर कूलर को देखकर अपनी प्यास बुझाने के लिए जैसे ही मशीन की तरफ बढ़ते हैं, उनके हाथ निराशा लगती है। क्योंकि टोटिया सूखी हुई है।


Conclusion:दूरदराज से अपना इलाज कराने आए रमेश, रामकेश और गोविंद ने बताया कि सुबह से ही लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच गला सूख जा रहा है, इतनी भीषण गर्मी पड़ रही है कि शरीर का पानी निकल जा रहा है। लेकिन यहां पर प्यास बुझाने के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई है, कहने को तो मुख्यमंत्री का शहर है। यहां सारी सुविधाएं होनी चाहिए, क्षेत्र निदान केंद्र के बाहर एक वाटर कूलर और 2 सरकारी हैंडपंप लगे हुए हैं लेकिन दोनों ही खराब पड़े हुए हैं। ऐसे में पानी खरीदकर पीना मजबूरी है, लेकिन पैसे के अभाव में बाहर जाकर टोटी और हैंडपंप खोजना पड़ रहा है, तब जाकर कहीं प्यास बुझ पा रही है।

बाइट - रमेश, मरीज
बाइट - रामकेश, मरीज
बाइट - गोविन्द, तीमारदार

जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक राजकुमार गुप्ता ने बताया कि खराब पड़े वॉटर कूलर और सरकारी हैडपाइपो की जानकारी उन्हें हैं और उन्होंने संबंधित विभाग को इसके बारे में लिख दिया है। अभी तक इन्हें दुरुस्त नहीं किया जा सका, ऐसे में मरीजों को थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जल्द से जल्द हम खराब पड़े वाटर कूलर और दोनो सरकारी हैंडपंपों को सही करा देंगे।

बाइट - राजकुमार गुप्ता, प्रमुख अधीक्षक - जिला अस्पताल




निखिलेश प्रताप
गोरखपुर
9453623738

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