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गोरखपुर: मॉक ड्रिल कर एनडीआरएफ ने जीता लोगों का भरोसा - गोरखपुर में एनडीआरएफ का मॉक ड्रिल

यूपी के गोरखपुर जिले में राप्ती नदी के तट पर जिला आपदा प्रबंधन व एनडीआरफ ने मेगा मॉक ड्रिल किया. एनडीआरएफ के कमांडर ने बताया कि इस मॉक ड्रिल का मकसद जिले की जनता के बीच सुरक्षा की भावना जागृत करना है.

एनडीआरएफ की टीम ने मॉक ड्रिल किया.
एनडीआरएफ की टीम ने मॉक ड्रिल किया.
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Published : Oct 17, 2020, 5:03 PM IST

गोरखपुर: जनपद के मुक्तिधाम राजघाट राप्ती नदी के तट पर जिला आपदा प्रबंधन व एनडीआरफ की टीम ने मेगा मॉक ड्रिल किया. इस दौरान लोगों को यह संदेश दिया गया कि आपदा के समय एनडीआरएफ, पीएसी, NCC और आपदा मित्रों की टीम उनके बचाव के लिए हमेशा तैयार है.

देखें एनडीआरएफ टीम का मॉक ड्रिल.
दरअसल किसी भी आपदा या दुर्घटना में प्रतिक्रिया और कुशल प्रबंधन के लिए विश्वव्यापी इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम यानी आईआरएस को भारत सरकार द्वारा मान्यता प्रदान की गई है. इस प्रणाली के तहत जिले के तमाम एजेंसियों जैसे- जिला प्रशासन एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस होमगार्ड, नगर निगम, अग्निशमन विभाग और पीएससी के साथ बचाव कार्य भी किया.

इसी क्रम में गोरखपुर जिले में मेगा मॉक एक्सरसाइज की गई, जहां इस दौरान एनडीआरएफ को राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने से किनारे बसे शेरगढ़ गांव में पानी भरने की सूचना जिला प्रशासन ने दी. जिला प्रशासन ने बताया कि पानी भरने से आवागमन की सुविधाएं ठप हो गई हैं. सूचना मिलते ही एनडीआरएफ के टीम कमांडर इंस्पेक्टर डीपी चंद्रा अपने बचावकर्मियों, मोटरवोट, लाइफ जैकेट, डीप डाइविंग सेट व अन्य जरूरी उपकरणों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना हो गए. एनडीआरएफ की त्वरित कार्रवाई के लिए पुलिस ने एक ग्रीन कोरिडोर बनाया, जिससे टीम जल्द ही स्टेजिंग एरिया में पहुंच गई.

पानी से निकालकर भेजा गया अस्पताल
मौके पर पहुंची एनडीआरएफ टीम के जवानों ने लोगों को भीषण बाढ़ से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. इस दौरान यात्रियों से भरी एक नाव के नदी में पलटने की सूचना मिली. एनडीआरएफ के बचावकर्मी अपनी मोटरवोट पर सवार होकर डूबते लोगों की सहायता करने पहुंचे, जहां तुरंत कार्यवाही करते हुए एनडीआरएफ के बचावकर्मियों ने सभी लोगों को पानी से बाहर निकाला और बचावकर्मी सभी लोगों को मेडिकल कैंप में ले गए, जहां पीएचटी देकर उन्हें स्थानीय अस्पताल के लिए भेज दिया गया.

टीम के कमांडर ने दी जानकारी
एनडीआरएफ के टीम कमांडर डी पी चंद्रा ने बताया कि इस मॉक ड्रिल में जिला प्रशासन और विभिन्न रेस्क्यू एजेंसियों में आपसी तालमेल देखने को मिला. इससे लोगों को भरोसा भी मिला है कि हमारी टीम आपदा के समय उनके बचाव के लिए तैयार है. वहीं इस मॉक ड्रिल के दौरान आपदा मित्रों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. आपदा मित्रों को एनडीआरएफ की टीम ने 14 दिनों की ट्रेनिंग दी है. साथ ही पिछले 4 दिनों से राप्ती नदी के तट पर उन्हें बचाव तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा था. आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री राजेंद्र सिंह बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे. इस मॉक ड्रिल का मकसद गोरखपुर की जनता के बीच सुरक्षा की भावना जागृत करना रहा.

गोरखपुर: जनपद के मुक्तिधाम राजघाट राप्ती नदी के तट पर जिला आपदा प्रबंधन व एनडीआरफ की टीम ने मेगा मॉक ड्रिल किया. इस दौरान लोगों को यह संदेश दिया गया कि आपदा के समय एनडीआरएफ, पीएसी, NCC और आपदा मित्रों की टीम उनके बचाव के लिए हमेशा तैयार है.

देखें एनडीआरएफ टीम का मॉक ड्रिल.
दरअसल किसी भी आपदा या दुर्घटना में प्रतिक्रिया और कुशल प्रबंधन के लिए विश्वव्यापी इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम यानी आईआरएस को भारत सरकार द्वारा मान्यता प्रदान की गई है. इस प्रणाली के तहत जिले के तमाम एजेंसियों जैसे- जिला प्रशासन एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस होमगार्ड, नगर निगम, अग्निशमन विभाग और पीएससी के साथ बचाव कार्य भी किया.

इसी क्रम में गोरखपुर जिले में मेगा मॉक एक्सरसाइज की गई, जहां इस दौरान एनडीआरएफ को राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने से किनारे बसे शेरगढ़ गांव में पानी भरने की सूचना जिला प्रशासन ने दी. जिला प्रशासन ने बताया कि पानी भरने से आवागमन की सुविधाएं ठप हो गई हैं. सूचना मिलते ही एनडीआरएफ के टीम कमांडर इंस्पेक्टर डीपी चंद्रा अपने बचावकर्मियों, मोटरवोट, लाइफ जैकेट, डीप डाइविंग सेट व अन्य जरूरी उपकरणों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना हो गए. एनडीआरएफ की त्वरित कार्रवाई के लिए पुलिस ने एक ग्रीन कोरिडोर बनाया, जिससे टीम जल्द ही स्टेजिंग एरिया में पहुंच गई.

पानी से निकालकर भेजा गया अस्पताल
मौके पर पहुंची एनडीआरएफ टीम के जवानों ने लोगों को भीषण बाढ़ से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. इस दौरान यात्रियों से भरी एक नाव के नदी में पलटने की सूचना मिली. एनडीआरएफ के बचावकर्मी अपनी मोटरवोट पर सवार होकर डूबते लोगों की सहायता करने पहुंचे, जहां तुरंत कार्यवाही करते हुए एनडीआरएफ के बचावकर्मियों ने सभी लोगों को पानी से बाहर निकाला और बचावकर्मी सभी लोगों को मेडिकल कैंप में ले गए, जहां पीएचटी देकर उन्हें स्थानीय अस्पताल के लिए भेज दिया गया.

टीम के कमांडर ने दी जानकारी
एनडीआरएफ के टीम कमांडर डी पी चंद्रा ने बताया कि इस मॉक ड्रिल में जिला प्रशासन और विभिन्न रेस्क्यू एजेंसियों में आपसी तालमेल देखने को मिला. इससे लोगों को भरोसा भी मिला है कि हमारी टीम आपदा के समय उनके बचाव के लिए तैयार है. वहीं इस मॉक ड्रिल के दौरान आपदा मित्रों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. आपदा मित्रों को एनडीआरएफ की टीम ने 14 दिनों की ट्रेनिंग दी है. साथ ही पिछले 4 दिनों से राप्ती नदी के तट पर उन्हें बचाव तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा था. आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री राजेंद्र सिंह बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे. इस मॉक ड्रिल का मकसद गोरखपुर की जनता के बीच सुरक्षा की भावना जागृत करना रहा.

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