गोरखपुर: सनातन संस्कृति में वर्ष में पड़ने वाली नवरात्रि के दोनों पर्व मातृशक्ति की अधिष्ठात्री मां दुर्गा को समर्पित होते हैं. ये दोनों नवरात्रि गोरक्षपीठ के लिए बेहद खास होती हैं. इस दौरान पीठ में मातृशक्ति की पूजा और उसकी महत्ता का जीवंत स्वरूप गोरक्षपीठ में दिखता है. नवरात्रि के पहले दिन मठ की पहली मंजिल पर कलश स्थापना के साथ ही प्रतिदिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की खास पूजा होती है. नवरात्रि के अंतिम दिन कन्या पूजन से इसका समापन होता है. इस दिन खुद पीठाधीश्वर के रूप में मुख्यमंत्री कन्याओं के पांव पखारते हैं, उनको भोजन कराते हैं और दक्षिणा देकर विदा करते हैं. यह खुद में नारियों के प्रति सम्मान का एक बहुत बड़ा संदेश है.
यह तो रहा मातृशक्ति के आराधना एवं पूजा का पक्ष. अगर व्यावहारिक रूप से महिलाओं के स्वालंबन एवं सशक्तिकरण के लिहाज से पीठ के योगदान को देखें तो इसमें भी पीठ का खासा योगदान रहा है. पीठ के शैक्षिक प्रकल्प महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद करीब एक सदी से आधी आबादी के शैक्षिक पुनर्जागरण और आर्थिक स्वावलंबन का अलग-अलग तरीकों से पूरे पूर्वांचल में अलख जगा रहा है. महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के शिक्षण संस्थाओं में से कई में बालिकाओं के लिए सह शिक्षा (को-एजूकेशन) की व्यवस्था है.
मुख्यमंत्री बनने के बाद भी पीठ की परंपरा के अनुसार, वह मातृशक्ति की सुरक्षा, सम्मान और स्वालंबलन के लिए अपने पहले कार्यकाल से ही दायित्व के अनुसार एक बड़े फलक पर इस भूमिका को पूरी संजीदगी से निभा रहे हैं. इन योजनाओं का दायरा किसी बालिका के जन्म से लेकर उसके लालन-पालन, शिक्षा, विवाह से लेकर जीवन पर्यंत तक है. मसलन मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ बालिका के जन्म से लेकर उसकी पढ़ाई तक के विभिन्न चरणों में मिलता है. इसी तरह मुख्यमंत्री सामूहिक योजना के तहत मिलने वाला 511 हजार रुपये का लाभ भी हर वर्ग की पात्र महिलाओं के लिए है. यही स्थित निराश्रित महिला पेंशन में भी है. सरकार ने पेंशन बढ़ाने के साथ इस योजना में पहले से तय उम्र सीमा को भी खत्म कर दिया.
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शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिवस के अवसर पर आज @Gorakhnathmndr परिसर स्थित श्री दुर्गा मंदिर में परंपरागत रूप से वैदिक मंत्रों के मध्य विधि-विधान से कलश की स्थापना की।
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माँ आदिशक्ति से प्रार्थना है कि संपूर्ण जगत का कल्याण करें।
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— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 26, 2022
माँ आदिशक्ति से प्रार्थना है कि संपूर्ण जगत का कल्याण करें।
जय माता दी! pic.twitter.com/yPALsfDgtNशारदीय नवरात्रि के प्रथम दिवस के अवसर पर आज @Gorakhnathmndr परिसर स्थित श्री दुर्गा मंदिर में परंपरागत रूप से वैदिक मंत्रों के मध्य विधि-विधान से कलश की स्थापना की।
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माँ आदिशक्ति से प्रार्थना है कि संपूर्ण जगत का कल्याण करें।
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महिलाओं को सशक्त एवं स्वावलंबी बनाने और उनमें सुरक्षा का भाव जगाने के लिए 'मिशन शक्ति' योगी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. दो साल पहले शारदीय नवरात्रि के दौरान बलरामपुर से इसकी शुरूआत खुद में एक बड़ा संदेश थी. बलराम के ही तुलसीपुर में देश की शक्तिपीठों में से एक मां पाटेश्वरी देवी का मंदिर है. मौजूदा समय में इसका चौथा चरण चल रहा है. यकीनन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा (बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ) और गोरक्षपीठ की शक्ति (देवी) उपासना की परंपरा के अनुसार उत्तर प्रदेश आने वाले वर्षों में नारी सशक्तिकरण, स्वावलंबन और सुरक्षा की नजीर बनेगा. घर से लेकर बाहर तक किसी भी समय महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी. मानसिक और आर्थिक रूप से भी.
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महिलाओं का यह सम्मान योगी आदित्यनाथ के लिए कोई नई बात नहीं है. दरअसल, मुख्यमंत्री के साथ वह देश के प्रमुख धर्मपीठों में शुमार गोरखपुर स्थित गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर भी हैं. महिलाओं का सम्मान (आराधना) इस पीठ की परंपरा रही है. सिर्फ आराधना के नहीं, बल्कि व्यवहारिक स्तर पर भी महिलाओं की शिक्षा एवं स्वावलंबन में 1932 में गठित महाराणा शिक्षा परिषद की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. मार्च 2017 में मुख्यमंत्री बड़ी भूमिका के साथ मातृ शक्ति के लिए उनके दायित्व का फलक भी बड़ा हो गया है. वह इस भूमिका को बखूबी निभा भी रहे हैं. विधानमंडल के मौजूदा सत्र में एक दिन सिर्फ महिला जनप्रतिनिधियों के लिए इसका ताजा प्रमाण है.
गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में सीएम योगी ने की कलश स्थापना
नवरात्रि के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर परिसर में स्थित दुर्गा मंदिर में वैदिक मंत्रों के साथ कलश की स्थापना की गई. कलश स्थापना के पहले गोरखनाथ मंदिर परिसर में भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई. योगी कमलनाथ के नेतृत्व में साधु-संतों की शोभायात्रा मां दुर्गा के जयघोष के बीच पौराणिक मान्यता वाले भीम सरोवर पर पहुंची. जहां कलश भरने और सरोवर की परिक्रमा के बाद शोभायात्रा वापस शक्तिपीठ पहुंची. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं इस कलश को उठाया और शक्तिपीठ के गर्भगृह में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश स्थापित किया.
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