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गोरखपुर: रमजान के पहले जुमा पर नमाज अता, मुल्क के सलामी के लिए मांगी दुआ - roja

गोरखपुर में माह-ए-रमजान करीम का पहला जुमा अकीदतमंदों ने शहर से लेकर ग्रामीणांचल की मस्जिदों में अदा किया. पाक रमजान के सिलसिले से अकीदतमंदों ने देश के अमनोअमान खैरोबरकत तथा तरक्की की दुआएं मांगी.

नमाज अदा कर निकलते मुस्लिम बंधु
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Published : May 11, 2019, 10:58 AM IST

गोरखपुर : जनपद के हजारों इबादतगाहों व मस्जिदों में रमजानुल मुकारक के पाक महिने में पहला जुमा का नमाज रोजदारों ने अकीदत से अदा किया. वहीं परवरदिगार से देश में खुशहाली और तरक्की और अमन के लिए हाथ उठा कर दुआएं मांगी. नमाजियों से बाजारों में काफी भीड़भाड़ देखने मिली तो वहीं इनके भीड़भाड़ से बाजार भी गुलजार रहें.

पहले जुमा की नमाज अदा कर मांगी मुल्क के सलामती की दुआ
  • मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना मोहम्मद शावान कादरी ने कहा कि हमने अल्लाह से सबकी सलामती के लिए दुआ फरमाया है.
  • कहा कि अगर हम चाहें कि हम अल्लाह से बात करें तो कुरान पढ़ना चाहिए, अगर आप चाहते हो अल्लाह आपसे बात करें तो नमाज अदा करें.
  • रमजान के पाक महीने में पांच वक्त की नमाज पढ़ने से अल्लाह बरकत देता है.

मुस्लिम धर्म गुरु श्री कादरी ने कौम के लोगों को मशवरा दिया कि इस महिने में हर मुस्लिम को ज्यादा से ज्यादा इबादत करना चाहिए. फहश गीबत चुगली भाईयों की बीच दरार नही डालना चाहिए. कुर्आन की तिलावत करनी चाहिए. लोगों से सलामी का प्रचार करना चाहिए. अगर इंसान अल्लाह के करीब होकर गुश्ल व वजू के साथ नेकनीयती से रोजा रखे और अल्लाह से गिड़गिड़ा कर दुआ मांगे कि अल्लाह हमने तेरे हुक्म के मुताबिक रोजा रखा, इबादतें की कुर्आन की तिलावत की तेरे पैगम्बर पर दरुदेपाक पड़ते है. तो मुझे उम्मीद है कि अल्लाह ताला उसके इस दुआ से खुश है तो उसे गुनाहों को जरुर मुआफ फरमायेगा.

गोरखपुर : जनपद के हजारों इबादतगाहों व मस्जिदों में रमजानुल मुकारक के पाक महिने में पहला जुमा का नमाज रोजदारों ने अकीदत से अदा किया. वहीं परवरदिगार से देश में खुशहाली और तरक्की और अमन के लिए हाथ उठा कर दुआएं मांगी. नमाजियों से बाजारों में काफी भीड़भाड़ देखने मिली तो वहीं इनके भीड़भाड़ से बाजार भी गुलजार रहें.

पहले जुमा की नमाज अदा कर मांगी मुल्क के सलामती की दुआ
  • मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना मोहम्मद शावान कादरी ने कहा कि हमने अल्लाह से सबकी सलामती के लिए दुआ फरमाया है.
  • कहा कि अगर हम चाहें कि हम अल्लाह से बात करें तो कुरान पढ़ना चाहिए, अगर आप चाहते हो अल्लाह आपसे बात करें तो नमाज अदा करें.
  • रमजान के पाक महीने में पांच वक्त की नमाज पढ़ने से अल्लाह बरकत देता है.

मुस्लिम धर्म गुरु श्री कादरी ने कौम के लोगों को मशवरा दिया कि इस महिने में हर मुस्लिम को ज्यादा से ज्यादा इबादत करना चाहिए. फहश गीबत चुगली भाईयों की बीच दरार नही डालना चाहिए. कुर्आन की तिलावत करनी चाहिए. लोगों से सलामी का प्रचार करना चाहिए. अगर इंसान अल्लाह के करीब होकर गुश्ल व वजू के साथ नेकनीयती से रोजा रखे और अल्लाह से गिड़गिड़ा कर दुआ मांगे कि अल्लाह हमने तेरे हुक्म के मुताबिक रोजा रखा, इबादतें की कुर्आन की तिलावत की तेरे पैगम्बर पर दरुदेपाक पड़ते है. तो मुझे उम्मीद है कि अल्लाह ताला उसके इस दुआ से खुश है तो उसे गुनाहों को जरुर मुआफ फरमायेगा.

Intro:गोरखपुर जनपद में माह ए रमजान करीम का पहला जुमाना अकीदतमंदों ने शहर से लेकर ग्रामीणांचल की मस्जिदों में अदा किया. पवित्र रमजान के सिलसिले से अकीदतमंदों ने देश के अमनोअमान खैरोबरकत तथा तरक्की के दुआएं मांगी.

गोरखपुर पिपराइचः जनपद के हजारों इबादतगाहों व मस्जिदों में रमजानुल मुकारक के पाक महिने में पहला जुमा का नजाज रोजदारों ने अकीदत से अदा किया. वही परवरदिगार से देश में खुशहाली और तरक्की एवं अमनोअमान के लिए हाथ उठा कर दुआएं मांगी. नमाजियों से बाजारों में काफी भीड़भाड़ देखने मिला तो वही इनके भीड़भाड़ से बाजार भी गुलजार रहे.Body:मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना मोहम्मद शावान कादरी ने बताया कि अल्लाह तबारक ताला ने अपने महबूब के खास दुआ पर रमजान इनायत फरमाया है. खास कर उसके महबूब पर इसी महीने में नाजिल की गई पाक ग्रांथ कुर्आन की तिलावत की जाती है. इसी नमाज के सिलसिले से उन्होंने बताया कि शेरे खुदा हरत मौला अली फरमाते है कि जब मैं चाहताहूं कि अल्लाह से बाते करुं तो कुर्आन पढने लगता हूं और मै जब चाहता हूं कि अल्लाह मुझसे बातें करे तो मै नमाज पढने लगता हूं. इस महीने की सबसे बड़ी खुबी यह है कि हर मोमिन बंदा इस महिने में अल्लाह के करीब होता है. रमजान का महिना बरकों का महिना है अन्य महिनों के अपेक्षा इस में एक पुन्य के बदले 70 पुन्य (नेकी) मिलता है. ये माहिना हर तरह से रसूलुल्लाह के उम्मतीयों पर अल्लाह की रहमत मगफिरत का नुजूल होता है. उसकी दुआएं कुबुल होती है रोजा रखकर पंजगाना नमाज पढने से अल्लाह ताला खुश होता है. इफ्तार की वक्त रोजगार जब इफ्तार करता है तो उसकी एक दुआ कुबूल होता है.Conclusion:मुस्लिम धर्म गुरु श्री कादरी ने कौम के लोगों को मशवरा दिया कि इस महिने में हर मुस्लिम को ज्यादा से ज्यादा इबादत करना चाहिए फहश गीबत चुगली भाईयों की बीच दरार नही डालना चाहिए. कुर्आन की तिलावत करना चाहिए. लोगों से सलामी का प्रचार करना चाहिए. खूबियों बरकों का रहमतों का महिना है. अल्लाह के रसूल ने अल्लाह से दुआ कर के इस महिनों को इस लिए मांगा ताकि उनके उम्मतियों को बख्शीश हो सके. इन्सान से होने वाले तरह तरह के गुनाहों को इस महिने में बख्शे जाते है. अगर इन्सान अल्लाह के करीब होकर गुश्ल व वजू के साथ नेकनीयती से रोजा रखे और अल्लाह से गिड़गिड़ा कर दुआ मांगे कि अल्लाह हमने तेरे हुक्म के मुताबिक रोजा रखा, इबादतें की कुर्आन की तिलावत की तेरे पैगम्बर पर दरुदेपाक पड़ते है. इन इबादतों के एबज में मौला ताला मेरे आलोऔलाद व बीबीयों के गुनाहों को मुआफ फरमा दे. तो मुझे उम्मीद है कि अल्लाह ताला उसके इस दुआ से खुश है तो उसे गुनाहों को जरुर मुआफ फरमायेगा.



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