गोरखपुर: योगी सरकार के बजट में मनरेगा के जरिए रोजगार को बढ़ाने पर जोर दिया गया है. इसका असर अब गांव में भी देखने को मिल रहा है. गोरखपुर में इस वर्ष करीब 15 लाख मानव दिवस रोजगार बढ़ जाएंगे. मनरेगा मजदूरों को मजदूरी के लिए अब बहुत भागदौड़ नहीं करनी होगी. जिले में करीब 2 लाख 85 हजार 171 जॉब कार्ड धारक हैं. इन्हें रोजगार उपलब्ध होगा. यही नहीं, इस योजना के तहत अब मनरेगा में कराए जाने वाले कार्यों की श्रृंखला भी बढ़ गई है. अब यह सिर्फ कच्ची सड़कें और ताल पोखरों की सफाई तक ही सीमित नहीं होंगे. इनसे कई अन्य तरीकों के भी कार्यों को लिया जाएगा. यही वजह है कि मानव दिवस बढ़े हैं. इससे मनरेगा मजदूरों को भी रोजगार मिलेगा.
पिछले वर्ष की तुलना में इस बार करीब 23% अधिक मानव दिवस प्रदेश सरकार ने सृजित करने का लक्ष्य लिया है. इससे पूरे प्रदेश में करीब 6 करोड़ अधिक मानव दिवस सृजित होंगे. वहीं, गोरखपुर में 15 लाख से अधिक मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य है. पूरे प्रदेश में वित्तीय वर्ष 202- 22 में करीब 26 करोड़ मानव दिवस का चयन हुआ था और मौजूदा वित्त वर्ष में इसे बढ़ाकर 32 करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है.
गोरखपुर जिले में मनरेगा जॉब कार्ड धारकों की संख्या 2 लाख 85 हजार 171 है. पिछले वित्तीय वर्ष में 61 लाख 12678 मानव दिवस का सृजन किया गया था. इसके लिए विभिन्न कार्यों पर करीब 185.17 करोड़ का बजट भी खर्च किया गया था. अनुसूचित वर्ग के लिए 16 लाख 93 हजार 143 मानव दिवस का सृजन हुआ था.
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जिले के मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि मनरेगा के जरिए गांवों में रोजगार सृजित किया जा रहा है. पिछले साल की प्रगति काफी अच्छी रही है. ग्राम प्रधानों का अभी इसमें भरपूर सहयोग मिल रहा है. इस बार और बेहतर करने की कार्य योजना बनाई गई है.
पिछले साल के बकाया बजट का भुगतान इस माह कर दिया जाएगा. इससे कार्यों में और तेजी आएगी. उन्होंने बताया कि मनरेगा को परंपरागत कार्यों से अलग अन्य कार्यों से भी जोड़कर रोजगार के अवसर बढ़ाये गए हैं. अब इसके तहत वर्मी कंपोस्ट पिट, खेल का मैदान, चारागाह, आदर्श तालाब, पंचायत भवन, बकरी सेट, सामुदायिक शौचालय, स्कूल की चारदीवारी, इंटरलॉकिंग, खड़ंजा, नाली निर्माण जैसे कार्यों में मनरेगा मजदूरों से काम कराकर रोजगार सृजित किया जा रहा है.
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