गोरखपुरः धर्मगुरु मौलाना कारी नुरुल हुदा मिस्बाही ने कहा कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन की मजबूरी में अपने घर में इबादत करें. इसका सवाब (नेकी) मस्जिद में इबादत करने के बराबर मिलेगा. साथ ही गरीब लोगों की मदद करने के लिए आगे आएं.
अकीदतमंद मदरसा शिक्षक संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी धर्मगुरु मौलाना कारी नुरुल हुदा मिस्बाही ने बताया कि पवित्र महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रख रहे हैं. लॉकडाउन के दौर में लोग अपने-अपने घरों में नमाज अदा कर रहे हैं. इस रमजान में पहली बार तरावीह की नमाज घरों में अदा हो रही है, जिसकी वजह से इस वर्ष बाजारों में पहले जैसी चहल-पहल देखने को नहीं मिली.
फिजूल खर्च से बचें और गरीबों की करें मदद
धर्मगुरु मौलाना कारी नुरुल हुदा मिस्बाही ने बताया कि लॉकडाउन कब खत्म होगा कुछ कहा नहीं जा सकता. इसलिए हम सब को चाहिए कि ईद के लिए फिजूल खर्च न कर. उसका सही इस्तेमाल गरीबों और परेशान हाल लोगों पर करें. इस वर्ष तमाम मुसलमानों को चाहिए कि वह ज्यादा से ज्यादा गरीबों और जरूरतमंदों की दिल खोलकर मदद करें.
धर्मगुरु ने अकीदतमंदों से की अपील
धर्मगुरु ने अकीदतमंदों से अपील की कि अल्लाह ने जिनको दौलत से नवाजा है वह इस साल ज्यादा नुमाइश न कर के गरीबों और फकीरों के अलावा लॉकडाउन में फंसे मजबूर लोगों की मदद करें. ताकि आपकी वजह से उन परेशान हाल लोगों को भी खुशियां नसीब हों. मौलाना मिस्बाही ने लोगों से गुजारिश है कि लॉकडाउन के सिलसिले में शासन प्रशासन की ओर से जो भी फरमान जारी किया गया है उसका सख्ती से पालन करें.