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जानिए कैसे सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित 'लवी' बने आत्मनिर्भर... - लवी शॉपिंग वेबसाइट

गोरखपुर के रहमत नगर निवासी मोहम्मद मोइनुद्दीन लवी जन्म से ही सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित हैं. वह न ठीक से बोल पाते हैं और न ही ठीक से चल पाते हैं. इन सब के बावजूद लवी न सिर्फ लोगों के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं, बल्कि 10 से 12 हजार रुपये महीना कमा रहे हैं. पढ़ें बेमिसाल लवी की कहानी...

सेरेब्रल पाल्सी.
सेरेब्रल पाल्सी.
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Published : Jan 23, 2021, 6:15 PM IST

गोरखपुरः लाइलाज समझी जाने वाली बीमारी सेरेब्रल पाल्सी से जूझ रहे 22 वर्षीय मोहम्मद मोइनुद्दीन लवी ने अपने हौसले से समाज के लिए मिसाल पेश की है. बीमारी से जूझते हुए लवी न सिर्फ ऑनलाइन शॉपिंग की वेबसाइट संचालित कर आजीविका चला रहे हैं. बल्कि आत्मनिर्भरता का सशक्त उदाहरण भी पेश कर रहे हैं. यही नहीं लवी अपने आसपास और सोशल मीडिया के माध्यम से दूर-दूर तक अपने कार्य और बेबाक वक्तव्य के लिए काफी मशहूर हैं.

रिपोर्ट.

लड़खड़ाता शरीर पर हौसले बेमिसाल

गोरखपुर के रहमत नगर निवासी मोहम्मद मोइनुद्दीन लवी जन्म से ही सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित हैं. व्यवसायी पिता ताजुद्दीन और मां नगमा खातून ने इन्हें कभी इस लाइलाज बीमारी का एहसास होने नहीं दिया. जन्म से ही काफी इलाज के बाद भी जब लवी इस बीमारी से सही नहीं हुए तो घर वालों ने लवी को सामान्य बच्चों की तरह प्यार देकर लगातार उनका हौसला अफजाई करते रहे. मां ने घर पर ही शिक्षा देनी शुरू की. बचपन से ही टीवी और मोबाइल के शौकीन लवी ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने छोटे से व्यापार ऑनलाइन शॉपिंग की शुरुआत की. अब अन्य लोगों को भी इस ऑनलाइन शॉपिंग से जोड़कर रोजगार प्रदान कर रहे हैं.

लवी की कहानी.
सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित लवी.

शौक और जज्बे ने बनाया व्यवसायी

संयुक्त परिवार में रहने वाले लवी के बड़े भाई अनस बताते हैं कि बचपन से ही वह इस बीमारी से ग्रसित है, लेकिन उन्होंने कभी भी इस बीमारी को अपने ऊपर हावी होने नहीं दिया. अपने शौक और जज्बे से मोबाइल के माध्यम से अपनी वेबसाइट बनाई. लवी अपनी वेबसाइट www.lovyshopping.in पर ऑनलाइन शॉपिंग की दुकान संचालित कर अन्य सामान्य बच्चों के लिए मिसाल पेश की. आज अपनी इस ख्याति की वजह से काफी मशहूर भी हो गए हैं. अपनी छोटी सी साइकिल की मदद से वह मोहल्ले और आसपास के क्षेत्रों में जाकर लोगों से मिलकर अपने प्रोडक्ट के बारे में जानकारी देते हैं. आर्डर आने पर ऑनलाइन के माध्यम से सामानों को उन तक पहुंचाने का कार्य कर अच्छी खासी रकम हर महीने कमा रहे हैं.

लवी की कहानी.
अपने काम को दिखाते लवी.

डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से ग्रसित हुए लाइलाज बीमारी से

ऑनलाइन दुकान चलाने वाले मोहम्मद मोइनुद्दीन लवी ने बताया कि जन्म के समय डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से वह सेरेब्रल पाल्सी जैसी लाइलाज बीमारी से ग्रसित हो गए. घरवालों ने काफी इलाज करवाया, लेकिन स्थिति जस की तस बनी रही. लवी ने बताया कि मोबाइल ने उनकी जिंदगी को काफी हद तक बदल दिया. उसकी मदद से उसने पढ़ाई पर जोर दिया. यहीं से उसने ऑनलाइन बिजनेस का आईडिया मिला.

लवी की कहानी.
लवी शॉपिंग.

लवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्टार्टअप अभियान से उन्हें बल मिला. वर्ष 2019 में उसने 'लवी शॉपिंग' (lovy shopping) के नाम से पोर्टल शुरू किया. इससे बड़ी संख्या में लोग जुड़े और ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं. पोर्टल पर लवी ने गारमेंट, लेदर प्रोडक्ट, जूता चप्पल, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, होम अप्लायंस सहित होम डेकोरेशन के कई प्रोडक्ट उपलब्ध हैं. व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर नए-नए उत्पादों को अपलोड करते रहते हैं. वह प्रतिदिन मोबाइल पर ही देश-दुनिया की खबरों से रूबरू होते हैं. वहीं मोबाइल पर पढ़ने लिखने के शौकीन सोशल मीडिया पर लापरवाह डाक्टरों और समाज में हो रहे जुल्म के खिलाफ मुखर होकर लिखते पढ़ते रहते हैं. ऑनलाइन दुकान चलाने में परिवार के सदस्यों के साथ मोहल्ले और समाज के अन्य लोगों का पूरा सहयोग मिलता रहता है.

गोरखपुरः लाइलाज समझी जाने वाली बीमारी सेरेब्रल पाल्सी से जूझ रहे 22 वर्षीय मोहम्मद मोइनुद्दीन लवी ने अपने हौसले से समाज के लिए मिसाल पेश की है. बीमारी से जूझते हुए लवी न सिर्फ ऑनलाइन शॉपिंग की वेबसाइट संचालित कर आजीविका चला रहे हैं. बल्कि आत्मनिर्भरता का सशक्त उदाहरण भी पेश कर रहे हैं. यही नहीं लवी अपने आसपास और सोशल मीडिया के माध्यम से दूर-दूर तक अपने कार्य और बेबाक वक्तव्य के लिए काफी मशहूर हैं.

रिपोर्ट.

लड़खड़ाता शरीर पर हौसले बेमिसाल

गोरखपुर के रहमत नगर निवासी मोहम्मद मोइनुद्दीन लवी जन्म से ही सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित हैं. व्यवसायी पिता ताजुद्दीन और मां नगमा खातून ने इन्हें कभी इस लाइलाज बीमारी का एहसास होने नहीं दिया. जन्म से ही काफी इलाज के बाद भी जब लवी इस बीमारी से सही नहीं हुए तो घर वालों ने लवी को सामान्य बच्चों की तरह प्यार देकर लगातार उनका हौसला अफजाई करते रहे. मां ने घर पर ही शिक्षा देनी शुरू की. बचपन से ही टीवी और मोबाइल के शौकीन लवी ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने छोटे से व्यापार ऑनलाइन शॉपिंग की शुरुआत की. अब अन्य लोगों को भी इस ऑनलाइन शॉपिंग से जोड़कर रोजगार प्रदान कर रहे हैं.

लवी की कहानी.
सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित लवी.

शौक और जज्बे ने बनाया व्यवसायी

संयुक्त परिवार में रहने वाले लवी के बड़े भाई अनस बताते हैं कि बचपन से ही वह इस बीमारी से ग्रसित है, लेकिन उन्होंने कभी भी इस बीमारी को अपने ऊपर हावी होने नहीं दिया. अपने शौक और जज्बे से मोबाइल के माध्यम से अपनी वेबसाइट बनाई. लवी अपनी वेबसाइट www.lovyshopping.in पर ऑनलाइन शॉपिंग की दुकान संचालित कर अन्य सामान्य बच्चों के लिए मिसाल पेश की. आज अपनी इस ख्याति की वजह से काफी मशहूर भी हो गए हैं. अपनी छोटी सी साइकिल की मदद से वह मोहल्ले और आसपास के क्षेत्रों में जाकर लोगों से मिलकर अपने प्रोडक्ट के बारे में जानकारी देते हैं. आर्डर आने पर ऑनलाइन के माध्यम से सामानों को उन तक पहुंचाने का कार्य कर अच्छी खासी रकम हर महीने कमा रहे हैं.

लवी की कहानी.
अपने काम को दिखाते लवी.

डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से ग्रसित हुए लाइलाज बीमारी से

ऑनलाइन दुकान चलाने वाले मोहम्मद मोइनुद्दीन लवी ने बताया कि जन्म के समय डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से वह सेरेब्रल पाल्सी जैसी लाइलाज बीमारी से ग्रसित हो गए. घरवालों ने काफी इलाज करवाया, लेकिन स्थिति जस की तस बनी रही. लवी ने बताया कि मोबाइल ने उनकी जिंदगी को काफी हद तक बदल दिया. उसकी मदद से उसने पढ़ाई पर जोर दिया. यहीं से उसने ऑनलाइन बिजनेस का आईडिया मिला.

लवी की कहानी.
लवी शॉपिंग.

लवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्टार्टअप अभियान से उन्हें बल मिला. वर्ष 2019 में उसने 'लवी शॉपिंग' (lovy shopping) के नाम से पोर्टल शुरू किया. इससे बड़ी संख्या में लोग जुड़े और ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं. पोर्टल पर लवी ने गारमेंट, लेदर प्रोडक्ट, जूता चप्पल, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, होम अप्लायंस सहित होम डेकोरेशन के कई प्रोडक्ट उपलब्ध हैं. व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर नए-नए उत्पादों को अपलोड करते रहते हैं. वह प्रतिदिन मोबाइल पर ही देश-दुनिया की खबरों से रूबरू होते हैं. वहीं मोबाइल पर पढ़ने लिखने के शौकीन सोशल मीडिया पर लापरवाह डाक्टरों और समाज में हो रहे जुल्म के खिलाफ मुखर होकर लिखते पढ़ते रहते हैं. ऑनलाइन दुकान चलाने में परिवार के सदस्यों के साथ मोहल्ले और समाज के अन्य लोगों का पूरा सहयोग मिलता रहता है.

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