गोरखपुर: "ब्रुक्सिज्म" को आम भाषा में दांत पीसने की समस्या कहा जाता है. यह बच्चों और बड़ों में अलग-अलग कारणों से हो सकता है. लेकिन इससे सबसे ज्यादा प्रभावित महिलाएं ही होती हैं. इस बीमारी से पीड़ित लोगों के दांत खराब होने की भी समस्या होती है. डॉक्टरों के अनुसार इससे बचाव के कई आसान तरीके हैं. जिसे अपनाकर लोग इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.
डेंटल सर्जन मनीष कुमार सिंह के मुताबिक ब्रुक्सिज्म के कारण सबसे ज्यादा नुकसान दांतों को पहुंचता है. यहां तक की इसके चलते कई बार पीड़ित के दांत भी खराब हो सकते हैं. डॉक्टर मनीष कुमार सिंह का कहना है कि अगर कोई भी बात-बात में दांत को पीसने का आदी है तो उसे सावधान हो जाना चाहिए. क्योंकि यह दांत की सेहत के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है. इस बीमारी से पीड़ित इंसान में तनाव और नशे की आदत में वृद्धि भी हो सकती है.
डेंटल सर्जन मनीष कुमार सिंह ने बताया कि यह लक्षण बीमारी के नहीं है. लेकिन ब्रुक्सिज्म (दांत पीसने) का लक्षण उन लोगों में ज्यादा होती है, जो अधिक तनाव में रहते हैं या नशीले पदार्थो का सेवन करते हैं. उन्होंने बताया कि अक्सर रात में सोते समय कुछ लोग दांत पीसते हैं. जिसका प्रभाव उनके दांतों और जबड़ों पर पड़ता है. इसमें दांतों की ऊपरी परत यानी इनेमल खत्म हो जाती है. इसके साथ ही दांतों का आकर भी छोटा हो जाता है. उन्होंने बताया कि इसकी वजह से दांतों में ठंडा लगना और सेंसटेविटी की समस्या होने लगती है. इसके अलावा सिर में दर्द, टीएमजे डिसऑर्डर में बदलाव हो सकता है और जबड़े भी कमजोर हो जाते हैं. इसके साथ-साथ दांतो के ढीला होने और जल्दी गिर जाने का भी खतरा बना रहता है. डॉक्टर मनीष सिंह ने बताया कि इसका निदान यह है कि लोग अपनी आदतों में बदलाव लाएं. यह बीमारी बड़ों के साथ ही बच्चों को भी अपनी गिरफ्त में ले रही है. उन्होंने इसके बचाव के कई तरीके भी बताए हैं. जिसके चलते लोग इस समस्या से उबर सकते हैं.
ब्रुक्सिज्म रोकने के उपाय
1- रात में सोते समय माउथ गार्ड को पहने.
2- नियमित तनाव कम करने के लिऐ डॉक्टर की सलाह लें.
3- रोज व्यायाम करें और भरपूर नींद लें.
4- मन को शांत रखने वाली किताबें पढ़ें.
5- समय से दांतों का इलाज कराएं.
6- नशा करने की आदत को छोड़ें.
7- कैफिन वाले पदार्थ काफी, चाय, कोल्ड ड्रिंक आदि का उपयोग कम करें.
डॉक्टर मनीष कुमार सिंह बताया कि अगर इन सभी से भी लाभ न मिले तो ब्रुक्सिज्म को कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर ही एंटी एनजायटी, पेन किलर, मसल रिलेक्सटेंटे, सिडेटिव और एंटी इंफिलेम्ट्री दवाओं का इस्तेमाल करें. खानपान और जीवन शैली के साथ कैल्सियम की प्रचुर और सही मात्रा का न मिलना भी दांतो में समस्या हो सकती है. इसलिए दांत की देखभाल करते रहें.
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