ETV Bharat / state

हरतालिका तीज पर आज बन रहा है शुभ संयोग, जानें क्यों मनाया जाता है ये पर्व

हरतालिका तीज का पर्व 21 अगस्त को मनाया जाएगा. इस पर्व को मनाने की क्या वजह है और इसे किस तरह मनाया जाता है, इसके बारे में बता रहे हैं गोरखपुर के ज्योतिषाचार्य शरद चंद्र मिश्र.

etv bharat
हरतालिका तीज पर बन रहा है शुभ संयोग
author img

By

Published : Aug 21, 2020, 2:02 AM IST

गोरखपुरः हरतालिका तीज का पर्व 21 अगस्त को मनाया जाएगा. इस पर्व पर स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. यह पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन का व्रत रखने से स्त्रियों के पति की आयु लंबी होती है. साथ ही इस पर्व के अनुष्ठान से आपदाओं से मुक्ति मिलती है.

जानकारी देते ज्योतिषाचार्य.

गोरखपुर के ज्योतिषाचार्य शरद चंद्र मिश्र ने ईटीवी भारत के साथ तमाम जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि हरतालिका तीज पर औदायिक और शुभ नामक योग बन रहा है. यह योग हरतालिका तीज पर व्रत रखने वाली स्त्रियों के परिवार के लिए लाभकारी होगा. उन्होंने बताया कि सबसे पहले इस व्रत को मां पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पति रूप में प्राप्त करने के लिए रखा था.

स्कंद व पद्म पुराण में मिलता है हरतालिका तीज का वर्णन
हरतालिका तीज का पर्व करोड़ों लोगों की आस्था का विषय है. इस पर्व का उल्लेख स्कंद व पद्म पुराण में मिलता है. शरद चंद्र मिश्र ने बताया कि इस व्रत को सबसे पहले मां पार्वती ने रखा था. महिलाएं जिस तप और तपस्या से यह व्रत रखती हैं, वह बहुत ही कठिन है. इस व्रत पर जल भी ग्रहण नहीं किया जाता है. शरद चंद्र मिश्र ने हरतालिका तीज के पर्व पर अनुष्ठान करने की विधि साझा की. उन्होंने बताया कि व्रत के दिन केले के पत्ते से मंडप बनाकर उसमें गौरी-शंकर और गणेश की मूर्तियां स्थापित कर पूजन करना चाहिए. पूजन में भगवान गणेश को लड्डुओं का भोग लगाना चाहिए.

इसके अलावा भगवान शिव को नैवेद्य, वस्त्र तथा माता पार्वती को भोग पदार्थों के अतिरिक्त सुहाग की वस्तुएं अर्पित की जाती हैं. इस मांगलिक व्रत के संकल्प के दौरान व्रती को दिन में सोना नहीं चाहिए. इस व्रत के दिन कन्या राशि पर चंद्रमा की स्थिति बनी रहेगी, इसलिए यह पिछले कई वर्षों से ज्यादा फल देने वाला है.

गोरखपुरः हरतालिका तीज का पर्व 21 अगस्त को मनाया जाएगा. इस पर्व पर स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. यह पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन का व्रत रखने से स्त्रियों के पति की आयु लंबी होती है. साथ ही इस पर्व के अनुष्ठान से आपदाओं से मुक्ति मिलती है.

जानकारी देते ज्योतिषाचार्य.

गोरखपुर के ज्योतिषाचार्य शरद चंद्र मिश्र ने ईटीवी भारत के साथ तमाम जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि हरतालिका तीज पर औदायिक और शुभ नामक योग बन रहा है. यह योग हरतालिका तीज पर व्रत रखने वाली स्त्रियों के परिवार के लिए लाभकारी होगा. उन्होंने बताया कि सबसे पहले इस व्रत को मां पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पति रूप में प्राप्त करने के लिए रखा था.

स्कंद व पद्म पुराण में मिलता है हरतालिका तीज का वर्णन
हरतालिका तीज का पर्व करोड़ों लोगों की आस्था का विषय है. इस पर्व का उल्लेख स्कंद व पद्म पुराण में मिलता है. शरद चंद्र मिश्र ने बताया कि इस व्रत को सबसे पहले मां पार्वती ने रखा था. महिलाएं जिस तप और तपस्या से यह व्रत रखती हैं, वह बहुत ही कठिन है. इस व्रत पर जल भी ग्रहण नहीं किया जाता है. शरद चंद्र मिश्र ने हरतालिका तीज के पर्व पर अनुष्ठान करने की विधि साझा की. उन्होंने बताया कि व्रत के दिन केले के पत्ते से मंडप बनाकर उसमें गौरी-शंकर और गणेश की मूर्तियां स्थापित कर पूजन करना चाहिए. पूजन में भगवान गणेश को लड्डुओं का भोग लगाना चाहिए.

इसके अलावा भगवान शिव को नैवेद्य, वस्त्र तथा माता पार्वती को भोग पदार्थों के अतिरिक्त सुहाग की वस्तुएं अर्पित की जाती हैं. इस मांगलिक व्रत के संकल्प के दौरान व्रती को दिन में सोना नहीं चाहिए. इस व्रत के दिन कन्या राशि पर चंद्रमा की स्थिति बनी रहेगी, इसलिए यह पिछले कई वर्षों से ज्यादा फल देने वाला है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.