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गोरखपुर में 27, 28 और 29 अप्रैल को बारिश होने की संभावना, एडवाइजरी जारी - गोरखपुर कृषि विज्ञान केंद्र

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 27, 28 और 29 अप्रैल को हल्की बारिश होने की संभावना है. इसके लिए एडवाइजरी जारी हुई है, जिसमें किसानों से अपील की गई है कि गेहूं की फसल की कटाई करके भंडारण कर लें.

गोरखपुर में आज बारिश होने की संभावना
गोरखपुर में आज बारिश होने की संभावना
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Published : Apr 27, 2020, 9:47 AM IST

गोरखपुरः कृषि विज्ञान केंद्र गोरखपुर (बेलीपार) से जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 27, 28 और 29 अप्रैल को हल्की बारिश होने की संभावना है. केन्द्र द्वारा जारी एडवाइजरी में वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने किसानों से अपील की है कि किसान गेहूं की फसल की कटाई मड़ाई करके भंडारण की उचित व्यवस्था सुनिश्चित कर लें. फसल के अवशेष पर प्रति एकड़ क्षेत्रफल में 20 ग्राम वेस्ट डी कंपोजर 200 लीटर पानी और 1 किलो ग्राम गुड़ के साथ मिलाकर छिड़काव करें. इसके बाद पलटाई कर दें, जिससे फसल अवशेष शीघ्र सड़ जाएगा और मिट्टी को कार्बनिक पदार्थ मिल जाएगा.

सब्जियों में कीटों से बचाव के लिए नीम के तेल का करें छिड़काव
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि जिन किसान भाइयों ने लता वर्गीय सब्जियों की खेती की है. उनमें कीटों से बचाव के लिए नीम का तेल 3 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें और जिन लता वर्गीय सब्जियों में लाल भृंग कीट का प्रकोप दिखाई दे रहा हो तो उसमें डाई क्लोरोवास 1 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें. बैंगन और टमाटर की फसल में फल छेदक कीट लगा हो ऐसे खेत में से क्षतिग्रस्त फलों को एकत्रित करके खेत से बाहर कर दें. इसके बाद नीम का 3 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से हर सप्ताह छिड़काव करते रहे. अधिक समस्या होने पर स्पाइनोसेट कीटनाशक 1 मिलीलीटर प्रति 4 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें.

शीघ्र करें हल्दी और सूरन की खेती
डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि जो किसान हल्दी और सूरन की खेती करना चाहते हैं. इनकी बुवाई का उचित समय है. शीघ्र सूरन के लिए गजेंद्र सूरन और हल्दी के लिए नरेंद्र हल्दी 16, नरेंद्र हल्दी 18, राजेंद्र, सोनिया आदि प्रमुख जातियों का चयन करके बुवाई करें.

आम फसल को गिरने से बचाएं
डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि इस समय किसानों के आम के फल गिरना एक बड़ी समस्या है. इससे बचाव के लिए 4 ग्राम बोरेक्स प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें. आम के जिन पौधों में गोंद निकलने की समस्या है उसमें प्रति पौधे में 250 ग्राम कॉपर सल्फेट का प्रयोग करें और मुख्य तने को चूने से पुताई करें.

लीची को फल बेधक कीट के प्रभाव से बचाएंं
लीची के बागों में फल बेधक कीट से बचाने के यियोक्लोप्रिड 0.75 मिलीलीटर या नोवान्यूरॉन 1.5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें. लीची के फल फटने से बचाने के लिए बोरेक्स 4 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें, जिन किसान भाइयों की लहसुन और प्याज की फसल तैयार हो चुकी है, उसकी खुदाई कर भंडारण करें. प्याज के डंठल को काटते समय ध्यान रखें के प्याज के बल्ब के साथ 2 सेंटीमीटर डंठल अवश्य छोड़ें इससे प्याज की भंडारण क्षमता में वृद्धि होगी.

ये भी पढ़ें- गोरखपुरः एसएसपी ने थाना-चौकी का किया निरीक्षण, सीमा पर चौकसी बढाने के निर्देश

गोरखपुरः कृषि विज्ञान केंद्र गोरखपुर (बेलीपार) से जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 27, 28 और 29 अप्रैल को हल्की बारिश होने की संभावना है. केन्द्र द्वारा जारी एडवाइजरी में वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने किसानों से अपील की है कि किसान गेहूं की फसल की कटाई मड़ाई करके भंडारण की उचित व्यवस्था सुनिश्चित कर लें. फसल के अवशेष पर प्रति एकड़ क्षेत्रफल में 20 ग्राम वेस्ट डी कंपोजर 200 लीटर पानी और 1 किलो ग्राम गुड़ के साथ मिलाकर छिड़काव करें. इसके बाद पलटाई कर दें, जिससे फसल अवशेष शीघ्र सड़ जाएगा और मिट्टी को कार्बनिक पदार्थ मिल जाएगा.

सब्जियों में कीटों से बचाव के लिए नीम के तेल का करें छिड़काव
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि जिन किसान भाइयों ने लता वर्गीय सब्जियों की खेती की है. उनमें कीटों से बचाव के लिए नीम का तेल 3 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें और जिन लता वर्गीय सब्जियों में लाल भृंग कीट का प्रकोप दिखाई दे रहा हो तो उसमें डाई क्लोरोवास 1 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें. बैंगन और टमाटर की फसल में फल छेदक कीट लगा हो ऐसे खेत में से क्षतिग्रस्त फलों को एकत्रित करके खेत से बाहर कर दें. इसके बाद नीम का 3 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से हर सप्ताह छिड़काव करते रहे. अधिक समस्या होने पर स्पाइनोसेट कीटनाशक 1 मिलीलीटर प्रति 4 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें.

शीघ्र करें हल्दी और सूरन की खेती
डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि जो किसान हल्दी और सूरन की खेती करना चाहते हैं. इनकी बुवाई का उचित समय है. शीघ्र सूरन के लिए गजेंद्र सूरन और हल्दी के लिए नरेंद्र हल्दी 16, नरेंद्र हल्दी 18, राजेंद्र, सोनिया आदि प्रमुख जातियों का चयन करके बुवाई करें.

आम फसल को गिरने से बचाएं
डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि इस समय किसानों के आम के फल गिरना एक बड़ी समस्या है. इससे बचाव के लिए 4 ग्राम बोरेक्स प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें. आम के जिन पौधों में गोंद निकलने की समस्या है उसमें प्रति पौधे में 250 ग्राम कॉपर सल्फेट का प्रयोग करें और मुख्य तने को चूने से पुताई करें.

लीची को फल बेधक कीट के प्रभाव से बचाएंं
लीची के बागों में फल बेधक कीट से बचाने के यियोक्लोप्रिड 0.75 मिलीलीटर या नोवान्यूरॉन 1.5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें. लीची के फल फटने से बचाने के लिए बोरेक्स 4 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें, जिन किसान भाइयों की लहसुन और प्याज की फसल तैयार हो चुकी है, उसकी खुदाई कर भंडारण करें. प्याज के डंठल को काटते समय ध्यान रखें के प्याज के बल्ब के साथ 2 सेंटीमीटर डंठल अवश्य छोड़ें इससे प्याज की भंडारण क्षमता में वृद्धि होगी.

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