गोरखपुर: पूरे देश में हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. वहीं जिले के रवि द्विवेदी बैंक अधिकारी हैं. उन्हें पेड़ लगाने और उनके रखरखाव में काफी रूचि है. उनके घर के आंगन में पेड़-पौधे लहलहाते नजर आते हैं. वहीं पर्यावरण दिवस के अवसर पर ईटीवी भारत ने रवि द्विवेदी से बातचीत की.
- इनके पास बोनसाई पेड़ों का संग्रह है. इस वजह से लोग प्रेम से उन्हें 'बोनसाई बाबा' के नाम से पुकारते हैं.
- उन्होंने 36 सालों में बोनसाई पेड़ों का संग्रह तैयार किया है.
- पौधे लगाने की प्रेरणा उन्हें अपने एक रिश्तेदार से मिली थी.
- उनके रिश्तेदार ने उन्हें बोनसाई लगाने की सलाह दी.
- रवि की बगिया में 36 साल का पुराना बरगद और 24 साल का पाकड़ का पेड़ भी है.
- उनके बाग में रुद्राक्ष का पौधा भी उपलब्ध है.
- इनकी बगिया में करीब 450 तरह के पेड़ हैं.
- इन खास पेड़ों में पीपल, पाकड़, बरगद, जामुन और गूलर का भी पेड़ है, जो छोटे से गमले में फल देता है.
- अनार, अंजीर, नारियल, बांस, चाय, कॉफी, इलायची, करौंदा, शहतूत, गुड़हल इत्यादि पौधे उनके बाग में हैं.
- इन पेड़ों को खाद-पानी देने से लेकर संपूर्ण रखरखाव खुद रवि द्विवेदी करते हैं.
पौधों की प्रगति हो इसलिए हर सीजन में मिट्टी बदल देना चाहिए. मिट्टी में सुर्खी, कोयला, नीम की खली, जिंक, फास्फोरस भी मिलाना चाहिए. फ्रूट्स के प्लांट में हड्डी का चूरा अधिक मिलाना चाहिए और पौधों को समय-समय पर काटते-छांटते रहना चाहिए. पौधों में पानी डालने का भी खास ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि कुछ पौधे ऐसे होते हैं जिसमें 10 से 15 दिन में सिर्फ एक बार पानी की जरूरत होती है.
-रवि द्विवेदी, बोनसाई बाबा