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गोरखपुर: इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम दिलाएगा जाम की झाम से राहत - जाम के प्रति जागरुकता

यूपी के गोरखपुर जिले में ट्रैफिक कंट्रोल करने और लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करने के लिए यातायात पुलिस ने इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया है. इसकी मदद से चौक-चौराहों पर ट्रैफिक से निजात दिलाने में मदद मिल रही है.

एंट्रीगेट ट्रैफिक सिस्टम से जाम के प्रति लोगों को किया जाएगा जागरुक
इंटीग्रेटेड ट्रैफिक सिस्टम जाम से दिलाएगा निजात.
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Published : Aug 23, 2020, 7:27 PM IST

गोरखपुर: जिले में जाम की समस्या बड़े पैमाने पर उभर कर सामने आई है. ऐसे में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बीच पूर्ण प्रोटोकॉल का पालन कराना भी पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर भीड़ की संख्या में लोग दिखाई दे रहे हैं. यातायात नियमों का कड़ाई के साथ पालन कराने के लिए इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत शहर के नौ प्रमुख चौक-चौराहों पर 40 से ज्यादा कैमरे लगाए हैं, जिन्हें कंट्रोल रूम के माध्यम से संबंधित अधिकारी द्वारा देख-रेख के साथ ही यातायात नियमों का कड़ाई के साथ पालन भी कराया जाएगा. लोगों को साउंड सिस्टम के जरिए वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रति जागरूक भी किया जाएगा.

इंटीग्रेटेड ट्रैफिक सिस्टम जाम से दिलाएगा निजात.

जाम की समस्या के साथ लोगों को वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाना जिला और पुलिस प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है. लोग घंटों जाम में फंस कर जहां शहर की सूरत को बिगाड़ रहे हैं, वहीं प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पाए जाने वाले संक्रमित स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं. ऐसे में नगर निगम आरटीएमएस परियोजना के तहत यातायात व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाया है. यहां से 40 कैमरों की मदद से शहर के 9 महत्वपूर्ण चौराहों को ट्रैक किया जा रहा है. एक बड़ी सी टीवी स्क्रीन पर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जा रहा है. किस चौराहे पर ट्रैफिक लोड ज्यादा है, स्क्रीन पर साफ देख कर लोगों को बकायदा स्पीकर के माध्यम से गाड़ियों को सड़क के किनारे से हटाने का निर्देश भी दिया जा रहा है. अगर कोई व्यक्ति निर्देश की अवहेलना करते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ यातायात अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है.

इस संबंध में आईटीएमएस परियोजना की देखरेख कर रहे प्रोजेक्ट मैनेजर शिशिर प्रकाश ने बताया कि शहर में जाम की समस्या गंभीर समस्या के रूप में उभर कर सामने आई है. ऐसे में शासन ने इस समस्या से निजात दिलाने के लिए इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को डेवलप किया है. इस सिस्टम के तहत जहां लोगों को जाम की समस्या से निजात मिल रही है, वहीं यातायात नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ यातायात विभाग कार्रवाई भी कर रहा है.

एसपी ट्रैफिक आशुतोष शुक्ला ने बताया कि जिले में जाम की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए यह सिस्टम लगाया गया है. हमारी पूरी कोशिश है कि जिले में लोगों को इस समस्या से राहत मिले, शहर के नौ प्रमुख चौक-चौराहों को चिन्हित किया गया है. प्रत्येक चौराहों पर 4 से 6 अत्याधुनिक कैमरे लगाए गए हैं, जिन्हें कंट्रोल रूम के माध्यम से संचालित किया जा रहा है. कंट्रोल रूम में ट्रैफिक विभाग के इंस्पेक्टर की नियुक्ति की गई है, जो इसकी देखरेख कर ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रति लाउडस्पीकर के माध्यम से जागरूक भी करते हैं.

गोरखपुर: जिले में जाम की समस्या बड़े पैमाने पर उभर कर सामने आई है. ऐसे में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बीच पूर्ण प्रोटोकॉल का पालन कराना भी पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर भीड़ की संख्या में लोग दिखाई दे रहे हैं. यातायात नियमों का कड़ाई के साथ पालन कराने के लिए इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत शहर के नौ प्रमुख चौक-चौराहों पर 40 से ज्यादा कैमरे लगाए हैं, जिन्हें कंट्रोल रूम के माध्यम से संबंधित अधिकारी द्वारा देख-रेख के साथ ही यातायात नियमों का कड़ाई के साथ पालन भी कराया जाएगा. लोगों को साउंड सिस्टम के जरिए वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रति जागरूक भी किया जाएगा.

इंटीग्रेटेड ट्रैफिक सिस्टम जाम से दिलाएगा निजात.

जाम की समस्या के साथ लोगों को वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाना जिला और पुलिस प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है. लोग घंटों जाम में फंस कर जहां शहर की सूरत को बिगाड़ रहे हैं, वहीं प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पाए जाने वाले संक्रमित स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं. ऐसे में नगर निगम आरटीएमएस परियोजना के तहत यातायात व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाया है. यहां से 40 कैमरों की मदद से शहर के 9 महत्वपूर्ण चौराहों को ट्रैक किया जा रहा है. एक बड़ी सी टीवी स्क्रीन पर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जा रहा है. किस चौराहे पर ट्रैफिक लोड ज्यादा है, स्क्रीन पर साफ देख कर लोगों को बकायदा स्पीकर के माध्यम से गाड़ियों को सड़क के किनारे से हटाने का निर्देश भी दिया जा रहा है. अगर कोई व्यक्ति निर्देश की अवहेलना करते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ यातायात अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है.

इस संबंध में आईटीएमएस परियोजना की देखरेख कर रहे प्रोजेक्ट मैनेजर शिशिर प्रकाश ने बताया कि शहर में जाम की समस्या गंभीर समस्या के रूप में उभर कर सामने आई है. ऐसे में शासन ने इस समस्या से निजात दिलाने के लिए इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को डेवलप किया है. इस सिस्टम के तहत जहां लोगों को जाम की समस्या से निजात मिल रही है, वहीं यातायात नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ यातायात विभाग कार्रवाई भी कर रहा है.

एसपी ट्रैफिक आशुतोष शुक्ला ने बताया कि जिले में जाम की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए यह सिस्टम लगाया गया है. हमारी पूरी कोशिश है कि जिले में लोगों को इस समस्या से राहत मिले, शहर के नौ प्रमुख चौक-चौराहों को चिन्हित किया गया है. प्रत्येक चौराहों पर 4 से 6 अत्याधुनिक कैमरे लगाए गए हैं, जिन्हें कंट्रोल रूम के माध्यम से संचालित किया जा रहा है. कंट्रोल रूम में ट्रैफिक विभाग के इंस्पेक्टर की नियुक्ति की गई है, जो इसकी देखरेख कर ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रति लाउडस्पीकर के माध्यम से जागरूक भी करते हैं.

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