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World Psoriasis Day: त्वचा रोग सोरायसिस है तो न घबराएं, फोटोथेरेपी और जैविक चिकित्सा से होगा ठीक

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 31, 2023, 4:16 PM IST

Updated : Oct 31, 2023, 4:53 PM IST

गोरखपुर एम्स(Gorakhpur AIIMS) में सोरायसिस के उपचार(treatment of psoriasis) को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित(World Psoriasis Day) किया गया. जिसमें रोगियों को सोरासिस के बेहतर इलाज के बारे में जानकारी दी. वहीं, चिकित्सकों ने रोगियों को बताया कि वह सोरायसिस का खुद से इलाज न करें.

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गोरखपुर: "सोरायसिस" स्किन से जुड़ी एक बड़ी समस्या है. इसका सावधानी पूर्वक इलाज किसी के जीवन में भी उमंग भर सकता है. नहीं तो इसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति हीन भावना से भर जाता है, वह समाज से कटता है. यह कहना है एम्स गोरखपुर के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवांगी राणा का. उनका कहना है कि इस समस्या से निजात दिलाने में "फोटोथेरेपी और जैविक चिकित्सा" जैसे नवाचारिक उपचार बेहतर विकल्प बनकर उभरे हैं.

सोरायसिस के उपचार में फोटोथेरेपी और जैविक चिकित्सा लाभकारी
सोरायसिस के उपचार में फोटोथेरेपी और जैविक चिकित्सा लाभकारी

विश्व सोराइसिस दिवस पर जागरूकता: लोगों को इन उपायों के बारे में जानकारी देने का प्रयास एम्स गोरखपुर विभिन्न आयोजनों के माध्यम से कर रहा हैं. जिससे लोग अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें. विश्व सोरायसिस दिवस के अवसर पर एम्स में आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम सोरायसिस रोगियों को इस रोग के प्रबंधन और संबंध में शिक्षित किया गया. इस अवसर पर कार्यकारी निदेशक डॉ. सुरेखा किशोर ने भी इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम के महत्व पर जोर दिया और बताया कि कैसे एम्स सोरायसिस रोगियों के लिए बेहतर उपचार दे रहा है.

सोरायसिस का फोटोथेरेपी और जैविक चिकित्सा से इलाज
सोरायसिस का फोटोथेरेपी और जैविक चिकित्सा से इलाज
क्या है सोराइसिस: चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि सोरायसिस एक चर्म रोग है. जिसमें त्वचा पर पपड़ीदार लाल धब्बे हो जाते हैं. यह अधिकतर वयस्कों में होता है. लेकिन यह किसी भी आयु में हो सकता है. एम्स गोरखपुर में औसतन हर महीने सोरायसिस के 150-200 मरीज देखे जाते हैं. सर्दियों में यह संख्या बढ़ जाती है. अब जब ठंड शुरू हो चुकी है, तो लोगों को इसके प्रति जागरूक रहना चाहिए. वहीं, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार सौरभ ने मरीजों को सलाह दी कि इस रोग का खुद से उपचार करने की बजाय त्वचा विशेषज्ञ के पास जाएं.ऐसे होता है इलाज: डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि एम्स गोरखपुर में त्वचाविज्ञान विभाग सोरायसिस रोगियों में सबसे उन्नत उपचार दे रहा है. जिसमें फोटोथेरेपी उपचार शामिल है. जो रोगी गंभीर सोरायसिस से पीड़ित हैं, उन्हें आईपीडी में भर्ती कराया जाता है. जहां उनका सबसे उन्नत जैविक चिकित्सा से इलाज किया जाता है. दैनिक ओपीडी के अलावा एम्स सोरायसिस पेटिनेट्स के लिए विशेष क्लीनिक भी चलाया जा रहा है. इस स्थिति से जुड़े मनोवैज्ञानिक तनाव और मानसिक चिंता को प्रबंधित करने के लिए त्वचाविज्ञान विभाग "केंद्रित समूह चर्चा" भी आयोजित करता है. जहां विशेष रूप से सोरायसिस रोगियों और उनके रिश्तेदारों के सभी प्रश्न और संदेह का समाधान किया जाता है. सोरायसिस जागरुकता आयोजन के माध्यम से आईआईएमएस गोरखपुर ने सोरायसिस के प्रबंधन के महत्वपूर्ण विकल्पों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संकल्प लिया है. जिससे लोगों को स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने को मिले.

यह भी पढ़ें: गोरखपुर एम्स में लगातार अंगदान के लिए पहुंच रहे लोग, आप भी ऐसे कर सकते हैं योगदान

यह भी पढ़ें: World Anatomy Day: मानव शरीर संरचना को जानने का विषय है एनाटॉमी, वीडियो आधारित प्रोजेक्ट छात्रों का करेंगे मार्गदर्शन

गोरखपुर: "सोरायसिस" स्किन से जुड़ी एक बड़ी समस्या है. इसका सावधानी पूर्वक इलाज किसी के जीवन में भी उमंग भर सकता है. नहीं तो इसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति हीन भावना से भर जाता है, वह समाज से कटता है. यह कहना है एम्स गोरखपुर के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवांगी राणा का. उनका कहना है कि इस समस्या से निजात दिलाने में "फोटोथेरेपी और जैविक चिकित्सा" जैसे नवाचारिक उपचार बेहतर विकल्प बनकर उभरे हैं.

सोरायसिस के उपचार में फोटोथेरेपी और जैविक चिकित्सा लाभकारी
सोरायसिस के उपचार में फोटोथेरेपी और जैविक चिकित्सा लाभकारी

विश्व सोराइसिस दिवस पर जागरूकता: लोगों को इन उपायों के बारे में जानकारी देने का प्रयास एम्स गोरखपुर विभिन्न आयोजनों के माध्यम से कर रहा हैं. जिससे लोग अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें. विश्व सोरायसिस दिवस के अवसर पर एम्स में आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम सोरायसिस रोगियों को इस रोग के प्रबंधन और संबंध में शिक्षित किया गया. इस अवसर पर कार्यकारी निदेशक डॉ. सुरेखा किशोर ने भी इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम के महत्व पर जोर दिया और बताया कि कैसे एम्स सोरायसिस रोगियों के लिए बेहतर उपचार दे रहा है.

सोरायसिस का फोटोथेरेपी और जैविक चिकित्सा से इलाज
सोरायसिस का फोटोथेरेपी और जैविक चिकित्सा से इलाज
क्या है सोराइसिस: चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि सोरायसिस एक चर्म रोग है. जिसमें त्वचा पर पपड़ीदार लाल धब्बे हो जाते हैं. यह अधिकतर वयस्कों में होता है. लेकिन यह किसी भी आयु में हो सकता है. एम्स गोरखपुर में औसतन हर महीने सोरायसिस के 150-200 मरीज देखे जाते हैं. सर्दियों में यह संख्या बढ़ जाती है. अब जब ठंड शुरू हो चुकी है, तो लोगों को इसके प्रति जागरूक रहना चाहिए. वहीं, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार सौरभ ने मरीजों को सलाह दी कि इस रोग का खुद से उपचार करने की बजाय त्वचा विशेषज्ञ के पास जाएं.ऐसे होता है इलाज: डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि एम्स गोरखपुर में त्वचाविज्ञान विभाग सोरायसिस रोगियों में सबसे उन्नत उपचार दे रहा है. जिसमें फोटोथेरेपी उपचार शामिल है. जो रोगी गंभीर सोरायसिस से पीड़ित हैं, उन्हें आईपीडी में भर्ती कराया जाता है. जहां उनका सबसे उन्नत जैविक चिकित्सा से इलाज किया जाता है. दैनिक ओपीडी के अलावा एम्स सोरायसिस पेटिनेट्स के लिए विशेष क्लीनिक भी चलाया जा रहा है. इस स्थिति से जुड़े मनोवैज्ञानिक तनाव और मानसिक चिंता को प्रबंधित करने के लिए त्वचाविज्ञान विभाग "केंद्रित समूह चर्चा" भी आयोजित करता है. जहां विशेष रूप से सोरायसिस रोगियों और उनके रिश्तेदारों के सभी प्रश्न और संदेह का समाधान किया जाता है. सोरायसिस जागरुकता आयोजन के माध्यम से आईआईएमएस गोरखपुर ने सोरायसिस के प्रबंधन के महत्वपूर्ण विकल्पों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संकल्प लिया है. जिससे लोगों को स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने को मिले.

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Last Updated : Oct 31, 2023, 4:53 PM IST
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