ETV Bharat / state

कोरोना का कहर: ताक पर प्रोटोकाल, बगैर पीपीई किट पहने जांच कर रहे स्वास्थ्य कर्मी

देश में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से फैल रहा रहा है. लगातार नए मामले सामने आ रहे हैं. इसके बाद भी गोरखपुर में स्वास्थ्यकर्मी बगैर पीपीई किट पहने जांच कर रहे हैं.

etv bharat
बगैर पीपीई किट पहने जांच कर रहे स्वास्थ्य कर्मी
author img

By

Published : Apr 4, 2021, 1:10 PM IST

गोरखपुर: वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. सरकार ने कोविड-19 की सभी गाइडलाइन का पालन करने का निर्देश भी जारी कर दिया गया है. मास्क के साथ दो गज की दूरी और हाथ को धोते रहने के निर्देश दिए गए हैं. कोरोना की जांच करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को पीपीई किट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके बाद भी जिले में प्रोटोकॉल को ताक पर रखकर स्वास्थ्यकर्मी बगैर पीपीई किट पहने ही जांच कर रहा है. ऐसे में कोरोना वायरस के फैलने का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि, जब लोगों ने विरोध जताया तो स्वास्थ्यकर्मी ने पीपीई किट पहन ली.

बगैर पीपीई किट पहने जांच कर रहे स्वास्थ्य कर्मी

इसे भी पढ़ें- यूपी में कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल 31 मार्च तक बंद


स्वास्थ्यकर्मी बिना पीपीई किट पहने आए नजर
प्रदेश सरकार वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए जिला और स्वास्थ्य विभाग को जांच की संख्या बढ़ाने के लिए कह रही है. इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति कर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं. ताजा मामला जनपद के जिला चिकित्सालय के बगल में बने निःशुल्क कोविड-19 सेंटर का है. वहां मानकों को ताक पर रखते हुए स्वास्थ्यकर्मी बिना पीपीई किट पहने आने वाले लोगों का जांच कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की इस लापरवाही से लोगों में वैश्विक महामारी फैलने का खतरा बना हुआ है.

लापरवाही से हो सकता है खतरा
चाचा की जांच कराने आए बृजेश राम त्रिपाठी ने बताया कि उनका अल्ट्रासाउंड होना था. इसलिए चिकित्सक ने कोविड जांच कराने के लिए भेज दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने जब पीपीई किट उपलब्ध कराया हुआ है, तो स्वास्थ्यकर्मियों को इस तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं है कि हर जांच कराने आने वाला व्यक्ति पॉजिटिव हो. लेकिन, एक भी पॉजिटिव निकला तो उसके संपर्क में आने वाला स्वास्थ्यकर्मी खुद की, अपने परिवार की और आसपास मौजूद लोगों की जान के लिए खतरा पैदा कर सकता है. इसलिए उनके टोकने के बाद स्वास्थ्यकर्मी ने पीपीई किट पहन ली.

यह भी पढ़ेंः भाजपा सेक्टर प्रभारी की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या, हत्यारे फरार


चाचा की जांच कराने आए अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने चाचा की कोरोना जांच कराई है. उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है. कोरोना जांच करने वाला स्वास्थ्यकर्मी बगैर पीपीई किट पहने ही जांच कर रहा है. यह घोर लापरवाही है. सरकार ने सारी व्यवस्था उपलब्ध कराई है. बगैर पीपीई किट पहने जांच करना गलत है. सरकार ने सारी सुविधाएं दे रखी हैं. इसके लिए वे आगे शिकायत करेंगे.

कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी
इस संबंध में सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडे ने बताया कि सीएससी, पीएससी के अलावा जिला और महिला अस्पताल के साथ बनाए गए केंद्रों पर कोरोना की जांच की जा रही है. स्वास्थ्यकर्मियों से कहा गया है कि अधिक से अधिक लोगों की कोरोनावायरस की जांच करें. सीएमओ ने कहा कि सभी स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पीपीई किट के साथ कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए जरूरी वस्तुओं को उपलब्ध करा दिया गया है. वह चाहे तो पीपीई किट पहन सकते हैं. उन्होंने कहा कि बचने का तौर तरीका पता चल जाने के कारण 2 गज की दूरी बनाकर जांच कर रहे होंगे.

गोरखपुर: वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. सरकार ने कोविड-19 की सभी गाइडलाइन का पालन करने का निर्देश भी जारी कर दिया गया है. मास्क के साथ दो गज की दूरी और हाथ को धोते रहने के निर्देश दिए गए हैं. कोरोना की जांच करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को पीपीई किट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके बाद भी जिले में प्रोटोकॉल को ताक पर रखकर स्वास्थ्यकर्मी बगैर पीपीई किट पहने ही जांच कर रहा है. ऐसे में कोरोना वायरस के फैलने का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि, जब लोगों ने विरोध जताया तो स्वास्थ्यकर्मी ने पीपीई किट पहन ली.

बगैर पीपीई किट पहने जांच कर रहे स्वास्थ्य कर्मी

इसे भी पढ़ें- यूपी में कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल 31 मार्च तक बंद


स्वास्थ्यकर्मी बिना पीपीई किट पहने आए नजर
प्रदेश सरकार वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए जिला और स्वास्थ्य विभाग को जांच की संख्या बढ़ाने के लिए कह रही है. इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति कर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं. ताजा मामला जनपद के जिला चिकित्सालय के बगल में बने निःशुल्क कोविड-19 सेंटर का है. वहां मानकों को ताक पर रखते हुए स्वास्थ्यकर्मी बिना पीपीई किट पहने आने वाले लोगों का जांच कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की इस लापरवाही से लोगों में वैश्विक महामारी फैलने का खतरा बना हुआ है.

लापरवाही से हो सकता है खतरा
चाचा की जांच कराने आए बृजेश राम त्रिपाठी ने बताया कि उनका अल्ट्रासाउंड होना था. इसलिए चिकित्सक ने कोविड जांच कराने के लिए भेज दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने जब पीपीई किट उपलब्ध कराया हुआ है, तो स्वास्थ्यकर्मियों को इस तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं है कि हर जांच कराने आने वाला व्यक्ति पॉजिटिव हो. लेकिन, एक भी पॉजिटिव निकला तो उसके संपर्क में आने वाला स्वास्थ्यकर्मी खुद की, अपने परिवार की और आसपास मौजूद लोगों की जान के लिए खतरा पैदा कर सकता है. इसलिए उनके टोकने के बाद स्वास्थ्यकर्मी ने पीपीई किट पहन ली.

यह भी पढ़ेंः भाजपा सेक्टर प्रभारी की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या, हत्यारे फरार


चाचा की जांच कराने आए अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने चाचा की कोरोना जांच कराई है. उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है. कोरोना जांच करने वाला स्वास्थ्यकर्मी बगैर पीपीई किट पहने ही जांच कर रहा है. यह घोर लापरवाही है. सरकार ने सारी व्यवस्था उपलब्ध कराई है. बगैर पीपीई किट पहने जांच करना गलत है. सरकार ने सारी सुविधाएं दे रखी हैं. इसके लिए वे आगे शिकायत करेंगे.

कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी
इस संबंध में सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडे ने बताया कि सीएससी, पीएससी के अलावा जिला और महिला अस्पताल के साथ बनाए गए केंद्रों पर कोरोना की जांच की जा रही है. स्वास्थ्यकर्मियों से कहा गया है कि अधिक से अधिक लोगों की कोरोनावायरस की जांच करें. सीएमओ ने कहा कि सभी स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पीपीई किट के साथ कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए जरूरी वस्तुओं को उपलब्ध करा दिया गया है. वह चाहे तो पीपीई किट पहन सकते हैं. उन्होंने कहा कि बचने का तौर तरीका पता चल जाने के कारण 2 गज की दूरी बनाकर जांच कर रहे होंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.