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कोरोना संक्रमण से बचाव की तैयारियों को लेकर स्वास्थ्य महकमा तैयार, गोरखपुर कमिश्नर हुए संक्रमण के शिकार - गोरखपुर कमिश्नर हुए संक्रमण के शिकार

गोरखपुर स्वास्थ्य महकमा कोरोना के नए वेरियेंट ओमीक्रोन और कोरोना को लेकर अपनी तैयारियों को मुकम्मल कर चुका है. जिले में लगभग 60 अस्पतालों को इसके लिए तैयार किया गया है. जहां पर 3 हजार बेड इस महामारी के लक्षण वाले मरीजों के लिए सुरक्षित कर दिए गए हैं. वहीं इसी बीच कमिश्नर गोरखपुर रवि कुमार एनजी कोरोना संक्रमित हो गए हैं.

कोरोना संक्रमण से बचाव की तैयारियों को लेकर स्वास्थ्य महकमा तैयार
कोरोना संक्रमण से बचाव की तैयारियों को लेकर स्वास्थ्य महकमा तैयार
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Published : Dec 30, 2021, 12:37 PM IST

गोरखपुर: कोरोना के नए वेरियेंट ओमीक्रोन और कोरोना के प्रसार को देखते हुए, सरकार की गाइड लाइन के अनुसार गोरखपुर स्वास्थ्य महकमा अपनी तैयारियों को मुकम्मल कर चुका है. जिले में लगभग 60 अस्पतालों को इसके लिए तैयार किया गया है. जहां पर 3 हजार बेड इस महामारी के लक्षण वाले मरीजों के लिए सुरक्षित कर दिए गए हैं. लेवल वन के दो अन्य अस्पतालों में रेलवे अस्पताल जहां 200 बेड और स्पोर्ट्स कॉलेज में एक अस्थाई अस्पताल 150 बेड का बनाया जा रहा है, जिससे गंभीर रोगियों को यहां पर बेहतर इलाज मिल पाएगा.

फिलहाल जिले में दो कोविड-19 अस्पताल शुरू कर दिए गए हैं. जिनमें एक बीआरडी मेडिकल कॉलेज में लेवल- 3 और टीवी अस्पताल लेबल -टू के रूप में संचालित किया जा रहा है. इस बीच कमिश्नर गोरखपुर रवि कुमार एनजी कोरोना संक्रमित हो गए हैं. वह चार दिन पहले बेंगलुरु की यात्रा पर गए थे और लौटने के बाद संक्रमित हो गए हैं. वहीं मेडिकल कॉलेज में दो संक्रमित भर्ती भी हैं, जो देवरिया के हैं. जिले में मात्र एक संक्रमित है, जिसका खोराबार स्थित घर पर ही उपचार चल रहा है. भविष्य में मरीजों की संख्या बढ़ने पर स्वास्थ्य महकमा स्कूल और रैन बसेरों को भी अस्पताल में तब्दील कर उसका उपयोग कर सकता है.

जिले में कोविड-19 को देखते हुए जो संसाधन तैयार किए गए हैं, उसके हिसाब से कुल 2652 बेड पूरी तरह तैयार हैं. बेड़ों की बात करें तो सरकारी अस्पतालों में 1205, निजी अस्पतालों में 1447 बेड बनाए गए हैं. इनमें आईसीयू बेड की संख्या 927 है. पीडियाट्रिक्स आईसीयू बेड की संख्या 89 है और 350 बेड बढ़ाए जाने की प्रक्रिया चल रही है. जिले में ऑक्सीजन प्लांट भी 16 की संख्या में तैयार हैं और एक पर कार्य चल रहा है.

सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने कहा है कि ओमीक्रोन और कोरोना के हर वेरिएंट से लड़ने की तैयारी चल रही है. जिले में मात्र एक संक्रमित है, जिसका नमूना जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है. संसाधन की तैयारी के साथ ट्रेस और ट्रीटमेंट दोनों पर फोकस बना है, जिससे इसके प्रसार और प्रभाव को रोका जा सके. साथ ही उन्होंने लोगों से बचाव के सभी जरूरी उपायों को अपनाने की अपील भी की है.

इसे भी पढ़ें-Water Sports Complex in UP: आज यूपी को सीएम योगी देंगे पहले वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की सौगात

जिले के लोग अपने क्षेत्र के अनुसार भी अस्पतालों का चयन कर सकते हैं, जिनकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने जारी की है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जहां 200 बेड आईसीयू के हैं, तो वही वेंटिलेटर की संख्या 65 है. इसके अलावा पांच सौ बेड और भी तैयार हैं. नेहरू अस्पताल में आईसीयू बेड सात और वेंटिलेटर के दो बेड और पचास बेड समान्य स्तर के हैं.

एयरफोर्स अस्पताल में 5 आईसीयू बेड और 5 वेंटिलेटर बेड हैं तो 60 बेड और भी तैयार हैं. सीएचसी चौरी चौरा में तीन आईसीयू बेड और 3 वेंटिलेटर बेड हैं, जबकि 50 अन्य बेड भी हैं. जबकि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज 175 आईसीयू बेड और 100 वेंटिलेटर बेड हैं.

इसके अलावा दो सौ बेड और भी तैयार किये गए हैं. इसी प्रकार निजी अस्पतालों में कुल 492 आईसीयू बेड और 108 वेंटिलेटर बेड हैं, जबकि रेलवे अस्पताल में 25 आईसीयू बेड तैयार हैं. इसके अलावा राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज बड़हलगंज, सीएससी कैंपियरगंज समेत जिले की सभी सीएचसी, एम्स में बेड सुरक्षित किए जा चुके हैं, जहां पर मरीजों का इलाज होगा.

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गोरखपुर: कोरोना के नए वेरियेंट ओमीक्रोन और कोरोना के प्रसार को देखते हुए, सरकार की गाइड लाइन के अनुसार गोरखपुर स्वास्थ्य महकमा अपनी तैयारियों को मुकम्मल कर चुका है. जिले में लगभग 60 अस्पतालों को इसके लिए तैयार किया गया है. जहां पर 3 हजार बेड इस महामारी के लक्षण वाले मरीजों के लिए सुरक्षित कर दिए गए हैं. लेवल वन के दो अन्य अस्पतालों में रेलवे अस्पताल जहां 200 बेड और स्पोर्ट्स कॉलेज में एक अस्थाई अस्पताल 150 बेड का बनाया जा रहा है, जिससे गंभीर रोगियों को यहां पर बेहतर इलाज मिल पाएगा.

फिलहाल जिले में दो कोविड-19 अस्पताल शुरू कर दिए गए हैं. जिनमें एक बीआरडी मेडिकल कॉलेज में लेवल- 3 और टीवी अस्पताल लेबल -टू के रूप में संचालित किया जा रहा है. इस बीच कमिश्नर गोरखपुर रवि कुमार एनजी कोरोना संक्रमित हो गए हैं. वह चार दिन पहले बेंगलुरु की यात्रा पर गए थे और लौटने के बाद संक्रमित हो गए हैं. वहीं मेडिकल कॉलेज में दो संक्रमित भर्ती भी हैं, जो देवरिया के हैं. जिले में मात्र एक संक्रमित है, जिसका खोराबार स्थित घर पर ही उपचार चल रहा है. भविष्य में मरीजों की संख्या बढ़ने पर स्वास्थ्य महकमा स्कूल और रैन बसेरों को भी अस्पताल में तब्दील कर उसका उपयोग कर सकता है.

जिले में कोविड-19 को देखते हुए जो संसाधन तैयार किए गए हैं, उसके हिसाब से कुल 2652 बेड पूरी तरह तैयार हैं. बेड़ों की बात करें तो सरकारी अस्पतालों में 1205, निजी अस्पतालों में 1447 बेड बनाए गए हैं. इनमें आईसीयू बेड की संख्या 927 है. पीडियाट्रिक्स आईसीयू बेड की संख्या 89 है और 350 बेड बढ़ाए जाने की प्रक्रिया चल रही है. जिले में ऑक्सीजन प्लांट भी 16 की संख्या में तैयार हैं और एक पर कार्य चल रहा है.

सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने कहा है कि ओमीक्रोन और कोरोना के हर वेरिएंट से लड़ने की तैयारी चल रही है. जिले में मात्र एक संक्रमित है, जिसका नमूना जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है. संसाधन की तैयारी के साथ ट्रेस और ट्रीटमेंट दोनों पर फोकस बना है, जिससे इसके प्रसार और प्रभाव को रोका जा सके. साथ ही उन्होंने लोगों से बचाव के सभी जरूरी उपायों को अपनाने की अपील भी की है.

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जिले के लोग अपने क्षेत्र के अनुसार भी अस्पतालों का चयन कर सकते हैं, जिनकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने जारी की है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जहां 200 बेड आईसीयू के हैं, तो वही वेंटिलेटर की संख्या 65 है. इसके अलावा पांच सौ बेड और भी तैयार हैं. नेहरू अस्पताल में आईसीयू बेड सात और वेंटिलेटर के दो बेड और पचास बेड समान्य स्तर के हैं.

एयरफोर्स अस्पताल में 5 आईसीयू बेड और 5 वेंटिलेटर बेड हैं तो 60 बेड और भी तैयार हैं. सीएचसी चौरी चौरा में तीन आईसीयू बेड और 3 वेंटिलेटर बेड हैं, जबकि 50 अन्य बेड भी हैं. जबकि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज 175 आईसीयू बेड और 100 वेंटिलेटर बेड हैं.

इसके अलावा दो सौ बेड और भी तैयार किये गए हैं. इसी प्रकार निजी अस्पतालों में कुल 492 आईसीयू बेड और 108 वेंटिलेटर बेड हैं, जबकि रेलवे अस्पताल में 25 आईसीयू बेड तैयार हैं. इसके अलावा राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज बड़हलगंज, सीएससी कैंपियरगंज समेत जिले की सभी सीएचसी, एम्स में बेड सुरक्षित किए जा चुके हैं, जहां पर मरीजों का इलाज होगा.

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