गोरखपुर: कोरोना की महामारी के बीच संक्रामक रोगों में काफी गिरावट दर्ज की गई है. गोरखपुर समेत पूरे प्रदेश के आंकड़े इसी बात के संकेत देते हैं. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजा जय प्रताप सिंह ने खुद संक्रामक रोगों के विषय पर कहा है कि पिछले 3 महीने में स्वास्थ्य विभाग ने जो आंकड़े इकट्ठे किए हैं, उसके हिसाब से संक्रामक रोगों का फैलाव बेहद कम हुआ है. कुछ मामले कानपुर और लखनऊ में दर्ज किए गए हैं. जिनमें डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मरीज हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि रोगों पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए उनका विभाग जरूरी सभी उपायों को लागू कर रहा है.
चिंता से स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह मुक्त हो गया
कोविड की महामारी में स्वास्थ्य महकमे के लिए यह राहत भरी खबर है कि उसे संक्रामक बीमारियों का सामना नहीं करना पड़ा. यह भी कह सकते हैं कि कोरोना की महामारी में संक्रामक जैसी बीमारियां भी या तो दब गईं या फिर लोगों ने सावधानियां अपनाकर खुद से अपने को बचा लिया. पिछले वर्षों की बात करें तो मई से लेकर अक्टूबर तक का महीना इन बीमारियों का केंद्र होता था. लेकिन स्वास्थ्य मंत्री की बातों पर गौर करें तो पूरा प्रदेश इस महामारी के बीच संक्रामक बीमारियों से बचा हुआ है. इस बीच जो मामले कानपुर और लखनऊ में आए हैं उस पर नियंत्रण स्थापित कर लिया गया है.
गोरखपुर में पिछले वर्षों में संक्रामक रोगों में मलेरिया का जो आंकड़ा रहा है वह वर्ष 2016 में कुल 7 मरीजों का था तो 2017 में इसके 25 मरीज पाए गए थे. इसी प्रकार 2018 में 15 मरीज मलेरिया के चिन्हित किए गए थे तो 2019 में 11 मरीज मलेरिया की चपेट में आए थे. 2020 में अब तक कुल 3 केस मलेरिया के चिन्हित हुए हैं. जबकि इन वर्षों में मलेरिया जांच का आंकड़ा 50 हजार से लेकर 72 हजार सैंपल कलेक्शन का रहा है. इसी प्रकार डेंगू और चिकनगुनिया की बात करें तो यह आंकड़ा दहाई को भी इन वर्षों में पार नहीं कर पाया था, लेकिन कोविड-19 की महामारी में स्वास्थ्य महकमे ने इस पर से नजर नहीं हटाया है. सीएमओ गोरखपुर की माने तो आशा कार्यकर्ताओं से लेकर बाकी स्वास्थ्य कर्मी भी गांव स्तर पर मरीजों की निगरानी कर रहे हैं. जिनमें भी बुखार आने से लेकर कोई लक्षण दिखाई दे रहा है उसके संदर्भ में वह अपने सीएचसी-पीएससी के डॉक्टरों को सूचित भी कर रहे हैं. जिससे न तो कोई संक्रामक रोग की चपेट में आने पाये और न ही कोरोना के.