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गोरखपुर: कोरोना से हुई मौत का विश्लेषण करेगा स्वास्थ्य विभाग

यूपी के गोरखपुर में कोरोना के कारण जान गंवाने वाले एक-एक शख्स की मौत का विश्लेषण होगा. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने 19 अलग-अलग बिंदुओं से संबंधित पत्र जनपद के सभी अधीक्षकों और प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को जारी किया है. इन बिंदुओं के आधार पर ही मौत का विश्लेषण होगा.

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डॉक्टर.
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Published : Jul 31, 2020, 12:27 AM IST

गोरखपुर: जिले में कोरोना के कारण जान गंवाने वाले एक-एक शख्स की मौत का विश्लेषण होगा. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने 19 अलग-अलग बिंदुओं से संबंधित पत्र जनपद के सभी अधीक्षकों और प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को जारी किया है. इन बिंदुओं के आधार पर ही मौत का विश्लेषण होगा.

यह सर्वे कोरोना के कारण गोरखपुर जनपद में होने वाली मौतों का ट्रेंड बताने में भी मददगार होगा. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पत्र की पुष्टि करते हुए बताया कि जिले में कोरोना से जो भी मौतें हो रही हैं, उन लोगों में पूर्व की किसी गंभीर बीमारी की केस हिस्ट्री सामने आई है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक मौत के मामले में सूचनादाता का विवरण, मरीज का विवरण, मृत्यु विवरण, प्रथम लक्षण विवरण, लक्षण और मृत्यु के समय के अंतर, स्वास्थ्य विभाग को लक्षण के बारे में दी गई जानकारी का विवरण, सरकारी अस्पताल से पहले हुए इलाज का विवरण, सूचना प्राप्ति के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही का विवरण और डायग्नोसिस समेत 19 बिंदुओं पर सर्वे होगा. इस सर्वे का यह भी फायदा होगा कि समुदाय को बीमारी से होने वाली मौत के कारणों के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी. लोगों के भीतर से कोरोना का भय खत्म करवाया जाएगा.

मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि पत्र के साथ 37 कोरोना मृतकों की सूची भेजी गई है. बाकी मौतों से संबंधित जानकारी भी समय-समय पर साझाकर यह विश्लेषण करवाया जाएगा. उन्होंने बताया कि जिन 37 मृतकों की सूची साझा की गई है वे सभी ह्रदय रोग, किडनी, ब्रेन ट्यूमर, ब्लड प्रेशर, मधुमेह, क्रानिक रेनल डिजीज में से किसी न किसी एक या एक से अधिक बीमारी से पीड़ित थे. इस विश्लेषण से अब यह भी सामने आ सकेगा कि मौत के कारण में सिर्फ पूर्व की बीमारी या कोरोना के इलाज में लेटलतीफी जिम्मेदार थी. उन्होंने मृतकों के परिजनों से अपील की है कि वह इस विश्लेषण में सही जानकारी देकर पूरा सहयोग करें, ताकि जनपद में कोरोना की मृत्यु दर कम रखी जा सके.

जिले में 2.38 फीसदी मृत्यु दर

मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा है कि कोरोना से लोगों को डरने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है. अगर किसी के भीतर कोरोना का लक्षण नजर आए तो छुपाए नहीं, बल्कि जांच कराए. जिले में 29 जुलाई तक मिली रिपोर्ट के अनुसार कोरोना की मृत्यु दर 2.38 फीसदी है. हर सामने वाले को कोरोना मरीज मानकर अगर सावधानी का बर्ताव रखा जाए तो काफी मदद मिलेगी. दो मीटर दूरी बनाकर रखना चाहिए. मॉस्क अनिवार्य रूप से लगाना है. एक मिनट तक साबुन पानी से हाथों को धुलना है. अगर भीड़भाड़ वाली जगह पर काम कर रहे हैं तो हर एक घंटे में हाथों को धुलने या सैनिटाइज करने की आदत डालनी होगी. कोरोना बहुल इलाकों से गुजरते समय फेस शील्ड, चश्मे या हेलमेट का इस्तेमाल अवश्य करें.

गोरखपुर: जिले में कोरोना के कारण जान गंवाने वाले एक-एक शख्स की मौत का विश्लेषण होगा. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने 19 अलग-अलग बिंदुओं से संबंधित पत्र जनपद के सभी अधीक्षकों और प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को जारी किया है. इन बिंदुओं के आधार पर ही मौत का विश्लेषण होगा.

यह सर्वे कोरोना के कारण गोरखपुर जनपद में होने वाली मौतों का ट्रेंड बताने में भी मददगार होगा. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पत्र की पुष्टि करते हुए बताया कि जिले में कोरोना से जो भी मौतें हो रही हैं, उन लोगों में पूर्व की किसी गंभीर बीमारी की केस हिस्ट्री सामने आई है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक मौत के मामले में सूचनादाता का विवरण, मरीज का विवरण, मृत्यु विवरण, प्रथम लक्षण विवरण, लक्षण और मृत्यु के समय के अंतर, स्वास्थ्य विभाग को लक्षण के बारे में दी गई जानकारी का विवरण, सरकारी अस्पताल से पहले हुए इलाज का विवरण, सूचना प्राप्ति के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही का विवरण और डायग्नोसिस समेत 19 बिंदुओं पर सर्वे होगा. इस सर्वे का यह भी फायदा होगा कि समुदाय को बीमारी से होने वाली मौत के कारणों के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी. लोगों के भीतर से कोरोना का भय खत्म करवाया जाएगा.

मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि पत्र के साथ 37 कोरोना मृतकों की सूची भेजी गई है. बाकी मौतों से संबंधित जानकारी भी समय-समय पर साझाकर यह विश्लेषण करवाया जाएगा. उन्होंने बताया कि जिन 37 मृतकों की सूची साझा की गई है वे सभी ह्रदय रोग, किडनी, ब्रेन ट्यूमर, ब्लड प्रेशर, मधुमेह, क्रानिक रेनल डिजीज में से किसी न किसी एक या एक से अधिक बीमारी से पीड़ित थे. इस विश्लेषण से अब यह भी सामने आ सकेगा कि मौत के कारण में सिर्फ पूर्व की बीमारी या कोरोना के इलाज में लेटलतीफी जिम्मेदार थी. उन्होंने मृतकों के परिजनों से अपील की है कि वह इस विश्लेषण में सही जानकारी देकर पूरा सहयोग करें, ताकि जनपद में कोरोना की मृत्यु दर कम रखी जा सके.

जिले में 2.38 फीसदी मृत्यु दर

मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा है कि कोरोना से लोगों को डरने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है. अगर किसी के भीतर कोरोना का लक्षण नजर आए तो छुपाए नहीं, बल्कि जांच कराए. जिले में 29 जुलाई तक मिली रिपोर्ट के अनुसार कोरोना की मृत्यु दर 2.38 फीसदी है. हर सामने वाले को कोरोना मरीज मानकर अगर सावधानी का बर्ताव रखा जाए तो काफी मदद मिलेगी. दो मीटर दूरी बनाकर रखना चाहिए. मॉस्क अनिवार्य रूप से लगाना है. एक मिनट तक साबुन पानी से हाथों को धुलना है. अगर भीड़भाड़ वाली जगह पर काम कर रहे हैं तो हर एक घंटे में हाथों को धुलने या सैनिटाइज करने की आदत डालनी होगी. कोरोना बहुल इलाकों से गुजरते समय फेस शील्ड, चश्मे या हेलमेट का इस्तेमाल अवश्य करें.

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