गोरखपुर: हथकरघा वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित एवं हथकरघा वस्त्र उद्योग उत्तर प्रदेश कानपुर द्वारा आयोजित स्पेशल हैंडलूम एक्सपो का आयोजन टाउन हॉल स्थित कचहरी क्लब मैदान में किया गया. जिसका शुभारंभ एडीएम सिटी आरके श्रीवास्तव ने फीता काटकर किया. इस स्पेशल हैंडलूम एक्सपो में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र की साड़ियों की धूम मची हुई है. बड़ी संख्या में यहां लोग आकर सिल्क साड़ियों की विभिन्न वैरायटी को खरीद रहे हैं.
एडीएम सिटी ने किया शुभारंभ
कचहरी क्लब मैदान में लगे 14 दिवसीय स्पेशल हैंडलूम एक्सपो में प्रदेश के विभिन्न जिलों के उत्पादों के स्टाल लगाए गए हैं. ऐसे में बनारस के सिल्क उद्योग की अपनी एक अलग ही डिमांड है. हैंडलूम और पावर लूम से निर्मित सिल्क की साड़ियां एक्स्पो में आने वाले लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रही हैं. बड़ी संख्या में लोग विभिन्न सिल्क साड़ियों की खरीदारी भी कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि सिल्क की साड़ियां पूरे विश्व में बनारस की मशहूर है. बनारस जाकर वहां खरीद पाना थोड़ा मुश्किल लगता है. ऐसे में अपने ही शहर में विभिन्न जनपदों के उत्कृष्ट उत्पादों को देखने और उनकी खरीदारी करने का अपना एक अलग ही आनंद होता है.
स्पेशल हैंडलूम एक्सपो में मऊ, आजमगढ़, वाराणसी की साड़ियों के साथ मुरादाबाद एवं मेरठ के बेडशीट और तौलिए मिल रहे हैं. हरदोई मल्लावा के बेडशीट, दरेट, गोरखपुर के बेड शीट, बेड कवर एवं गाजीपुर के हैंडीक्राफ्ट आदि के गुणवत्ता युक्त उत्पाद उचित मूल्य पर बिक्री करने एवं उत्पाद के प्रदर्शन के लिए लगाई गई है.
इस संबंध में एडीएम सिटी आरके श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेशभर से आए हुए बुनकरों व हथकरघा उत्पादों को समझने और रोजगार को बढ़ावा लेने के उद्देश्य से स्पेशल हैंडलूम एक्सपो गोरखपुर 21 का 14 दिवसीय आयोजन किया जा रहा है. जनपद वासियों से यह अपील है कि यहां आकर लोकल उत्पादों की खरीदारी कर बुनकरों और अन्य कार्यक्रमों का उत्साहवर्धन करें.
कारीगरों को है काफी उम्मीद
बनारसी सिल्क के पुश्तैनी कार्य से जुड़े इकलाख हमद अंसारी ने बताया कि सिल्क प्रदर्शनी में बनारस की विभिन्न सिल्क साड़ियों को बिक्री के लिए लगाया गया है. एक सिल्क साड़ी बनाने में 10 से 12 दिन का समय लगता है. इसे 2 से 4 लोग मिलकर बनाते हैं. तब जाकर साड़ी तैयार होती है. मेले में सिल्क साड़ी की अच्छी खासी डिमांड होती है.
स्पेशल हैंडलूम एक्सपो में आई नीरज ने बताया कि बनारस जाकर सिल्क साड़ियां खरीद पाना मुश्किल है. ऐसे में अपने ही शहर में बनारस की सिल्क साड़ियों का अनूठा संग्रह देखने को मिल रहा है और उचित रेट पर हम खरीदारी कर रहे हैं. सिल्क साड़ियों का अपना ही एक अलग महत्व होता है. इसे पहनने के बाद आत्मविश्वास के साथ एक अलग पहचान भी स्थापित होती है.
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