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Gorakhpur Syed Modi Stadium: रेलवे ने तैयार किया अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता लायक स्विमिंग पूल, आप भी उठा सकतें हैं लाभ

गोरखपुर के सैयद मोदी स्टेडियम (Syed Modi Stadium) में अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्विमिंग पूल तैयार होने के बाद यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता कराई जा सकती है. यह स्वीमिंग पूल अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानक को पूरी तरह से पूरा करता है.

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया
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Published : Mar 11, 2023, 3:22 PM IST

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया.

गोरखपुर: शहर में गर्मी की शुरुआत होने से पहले ही पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर के सैयद मोदी स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्विमिंग पूल बनकर तैयार हो गया है. इस पूल की डिजाइन और क्षमता के आधार पर यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता कराई जा सकती है. करीब एक करोड़ रुपये की लागत तैयार यह पूल सभी जन सुविधाओं से लैस है. इसे अपडेट करते हुए रेल कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ स्थानीय लोगों को भी बहुत ही उचित शुल्क पर प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके साथ ही यह प्रतियोगिताओं के आयोजनों के लिए भी एक बड़ा पूल होगा.

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे क्रिकेट से लेकर फुटबॉल, वॉलीबॉल जैसी कई प्रतियोगिताओं को स्थानीय स्तर पर आयोजित कराता है. जिसमें देशभर की विभिन्न टीम और रेलवे के विभिन्न मुख्यालयों की टीमें प्रतिभाग करती हैं. रेलवे के कई सफल खिलाड़ी देश के विभिन्न टीमों का हिस्सा बनते हैं. स्वीमिंग पूल के बन जाने के बाद स्विमिंग के क्षेत्र में भी यहां बड़ी प्रतियोगिता के आयोजन की उम्मीद है.

सैयद मोदी स्टेडियम स्विमिंग पूल से निकले खिलाड़ीः मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे के सैयद मोदी स्टेडियम में यह स्विमिंग पूल वर्ष 1962 में बनकर तैयार हुआ था. यहां पर स्विमिंग का प्रशिक्षण और रेलवे से जुड़े कर्मचारी अधिकारी लेते थे. यहां से स्विमिंग का प्रशिक्षण लेने वालों को भी प्रशिक्षण दिया जाता रहा है. प्रशिक्षण के बाद यहां के कई ऐसे तैराक निकले जो रेलवे के विभिन्न जोन में, बतौर खिलाड़ी नियुक्ति पाने में सफल हो गए. इसके साथ ही अन्य संस्थानों में भी स्विमिंग के खिलाड़ी नियुक्त हुए हैं. पूर्वोत्तर रेलवे में अभय कुमार मिश्रा उर्फ नंदू मिश्रा, वरिष्ठ टीटीई के रूप में कार्यरत हैं और जल क्रीड़ा संघ के जिलाध्यक्ष भी हैं. इन्होंने इसी स्वीमिंग पूल से प्रशिक्षण लिया है. अंजनी कुमार मिश्रा भी रेलवे में तैनात हैं. यह भी इसी पूल के प्रशिक्षु हैं. वह गोरखपुर जिला क्रीड़ा संघ के सचिव भी हैं. इसके अलावा मुंबई रेलवे में अश्वनी सिंह की तैनाती है. यह तरणताल अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानक को पूरा करता है. जो बाइस मीटर चौड़ा और 50 मीटर लंबाई में निर्मित है.

जल्द ही फिर शुरू होगी तैराकीः पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि कोरोना काल में 2020 में इसके बंद हो जाने से इसमें कुछ कमी आ गई थी. जिसके जीर्णोद्धार के लिए पिछले वर्ष एक करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ था. उसके तहत जरूरी की सभी सुविधाएं इसमें विकसित की जा चुकी हैं. बहुत जल्द यह खेल और खिलाड़ियों के लिए खोल दिया जाएगा. जहां पर लोग तैराकी के आनंद के साथ प्रशिक्षण भी ले सकेंग.

स्वीमिंग पूल में 8 लेनः मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि पुराने दो सीसी डाइविंग प्लेटफार्म की जगह 4 नॉन स्लीपरी फाइवरी ग्लास डाइविंग बोर्ड लगाया गया है. तरणताल के फ्लोर और वालों का टाइल्स बदला गया है. ताल के अंदर पर्याप्त रोशनी के लिए अत्याधुनिक 12 बोल्ट के लाइटिंग की व्यवस्था की गई है. आसपास के क्षेत्र में चेकर्ड टाइल्स लगाए गए हैं. प्रतियोगिता आयोजन को देखते हुए इसमें आठ लेन बनाए गए हैं. यहां के स्विमिंग कोच भूपेंद्र कुमार उपाध्याय ने बताया कि यह तरणताल अपने मानक पर पूरी तरह से खरा उतरता है. छोटी उम्र से लेकर बड़ी उम्र सभी स्तर पर तैराकी के पूल हैं. यहां महिला पुरुष दोनों को अलग-अलग समय में तैराकी की सुविधा दी जाती है.

यह भी पढ़ें- Indian Railways : स्पेशल ट्रेनाें से यात्रियाें काे मिली राहत, टिकट कंफर्म होने पर जताई खुशी

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया.

गोरखपुर: शहर में गर्मी की शुरुआत होने से पहले ही पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर के सैयद मोदी स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्विमिंग पूल बनकर तैयार हो गया है. इस पूल की डिजाइन और क्षमता के आधार पर यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता कराई जा सकती है. करीब एक करोड़ रुपये की लागत तैयार यह पूल सभी जन सुविधाओं से लैस है. इसे अपडेट करते हुए रेल कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ स्थानीय लोगों को भी बहुत ही उचित शुल्क पर प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके साथ ही यह प्रतियोगिताओं के आयोजनों के लिए भी एक बड़ा पूल होगा.

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे क्रिकेट से लेकर फुटबॉल, वॉलीबॉल जैसी कई प्रतियोगिताओं को स्थानीय स्तर पर आयोजित कराता है. जिसमें देशभर की विभिन्न टीम और रेलवे के विभिन्न मुख्यालयों की टीमें प्रतिभाग करती हैं. रेलवे के कई सफल खिलाड़ी देश के विभिन्न टीमों का हिस्सा बनते हैं. स्वीमिंग पूल के बन जाने के बाद स्विमिंग के क्षेत्र में भी यहां बड़ी प्रतियोगिता के आयोजन की उम्मीद है.

सैयद मोदी स्टेडियम स्विमिंग पूल से निकले खिलाड़ीः मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे के सैयद मोदी स्टेडियम में यह स्विमिंग पूल वर्ष 1962 में बनकर तैयार हुआ था. यहां पर स्विमिंग का प्रशिक्षण और रेलवे से जुड़े कर्मचारी अधिकारी लेते थे. यहां से स्विमिंग का प्रशिक्षण लेने वालों को भी प्रशिक्षण दिया जाता रहा है. प्रशिक्षण के बाद यहां के कई ऐसे तैराक निकले जो रेलवे के विभिन्न जोन में, बतौर खिलाड़ी नियुक्ति पाने में सफल हो गए. इसके साथ ही अन्य संस्थानों में भी स्विमिंग के खिलाड़ी नियुक्त हुए हैं. पूर्वोत्तर रेलवे में अभय कुमार मिश्रा उर्फ नंदू मिश्रा, वरिष्ठ टीटीई के रूप में कार्यरत हैं और जल क्रीड़ा संघ के जिलाध्यक्ष भी हैं. इन्होंने इसी स्वीमिंग पूल से प्रशिक्षण लिया है. अंजनी कुमार मिश्रा भी रेलवे में तैनात हैं. यह भी इसी पूल के प्रशिक्षु हैं. वह गोरखपुर जिला क्रीड़ा संघ के सचिव भी हैं. इसके अलावा मुंबई रेलवे में अश्वनी सिंह की तैनाती है. यह तरणताल अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानक को पूरा करता है. जो बाइस मीटर चौड़ा और 50 मीटर लंबाई में निर्मित है.

जल्द ही फिर शुरू होगी तैराकीः पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि कोरोना काल में 2020 में इसके बंद हो जाने से इसमें कुछ कमी आ गई थी. जिसके जीर्णोद्धार के लिए पिछले वर्ष एक करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ था. उसके तहत जरूरी की सभी सुविधाएं इसमें विकसित की जा चुकी हैं. बहुत जल्द यह खेल और खिलाड़ियों के लिए खोल दिया जाएगा. जहां पर लोग तैराकी के आनंद के साथ प्रशिक्षण भी ले सकेंग.

स्वीमिंग पूल में 8 लेनः मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि पुराने दो सीसी डाइविंग प्लेटफार्म की जगह 4 नॉन स्लीपरी फाइवरी ग्लास डाइविंग बोर्ड लगाया गया है. तरणताल के फ्लोर और वालों का टाइल्स बदला गया है. ताल के अंदर पर्याप्त रोशनी के लिए अत्याधुनिक 12 बोल्ट के लाइटिंग की व्यवस्था की गई है. आसपास के क्षेत्र में चेकर्ड टाइल्स लगाए गए हैं. प्रतियोगिता आयोजन को देखते हुए इसमें आठ लेन बनाए गए हैं. यहां के स्विमिंग कोच भूपेंद्र कुमार उपाध्याय ने बताया कि यह तरणताल अपने मानक पर पूरी तरह से खरा उतरता है. छोटी उम्र से लेकर बड़ी उम्र सभी स्तर पर तैराकी के पूल हैं. यहां महिला पुरुष दोनों को अलग-अलग समय में तैराकी की सुविधा दी जाती है.

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