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पासिंग आउट परेड में दिखा SSB जवानों का हैरतंगेज कारनामा, अब सीमा पर संभालेंगे सुरक्षा का मोर्चा - Fertilizer SSB camp

गोरखपुर के फर्टिलाइजर SSB कैम्प(Fertilizer SSB camp Gorakhpur) में 277 जवान पासिंग (SSB jawans passing out parade) आउट परेड में शामिल हुए. इस परेड में SSB जवानों ने अपने हैरतअंगेज करनामें दिखाए और आईजी को सलामी दी.

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SSB जवानों की पासिंग आउट परेड
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 20, 2023, 6:02 PM IST

एसएसबी रतन संजय ने मीडिया को दी जानकारी

गोरखपुर: एसएसबी (arms border force) के कैंप और प्रशिक्षण केंद्र फर्टिलाइजर में सोमवार को 277 प्रशिक्षु अपना प्रशिक्षण पूरा कर पासिंग आउट परेड में पूरे जोश के साथ शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अपने हैरतअंगेज करनामें भी प्रस्तुत किए. जिसे देखकर मौजूद अधिकारियों और जवानों ने जमकर तालियां बजाईं और उनका हौसला बढ़ाया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में आईजी SSB रतन संजय मौजूद रहे. पासिंग आउट परेड में जवानों ने आईजी को सलामी दी.

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पासिंग आउट परेड में हैरतअंगेज कारनामें करते जवान

277 जवान परेड का बने हिस्सा: आईजी ने परेड का निरीक्षण किया और जवानों ने एकता, अखंडता की शपथ भी ली. आईजी ने बताया कि आज जो 277 जवान पासिंग आउट परेड का हिस्सा बने हैं. वह देश की सरहदों पर, देश की सुरक्षा के लिए तैनात किए जाएंगे. सभी 277 जवानों ने संविधान की शपथ ली है. राष्ट्रपति और अपने सीनियर अधिकारियों के आदेश पर इन्होंने अपने प्राणों की आहुति देने का भी संकल्प लिया है. भारत नेपाल और भूटान के बॉर्डर के तैनाती के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह बॉर्डर हमारे लिए चुनौती पूर्ण है. नेपाल और भूटान पड़ोसी मुल्क हैं. नेपाल और भूटान के नागरिकों के लिए बॉर्डर खुला हुआ है. भारत के नागरिक भी इस बॉर्डर के रास्ते जाते हैं. ऐसे में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि इस बॉर्डर के रास्ते कोई गलत चीज का प्रयोग न करें और न ही कोई संदिग्ध व्यक्ति इस में रास्ते प्रवेश कर सके. इसको लेकर हमारी एक इंटेलिजेंस टीम भी काम करती है.

इसे भी पढ़े-पासिंग आउट परेड में अंतिम पग पार करते ही भारतीय सेना का हिस्सा बने 114 अग्निवीर

भारत- नेपाल और भूटान बॉर्डर पर सतर्कता जरुरी: आईजी रतन संजय ने कहा कि एसएसबी का मूल वाक्य ही है सेवा, सुरक्षा और बंधुत्व. हमारे जवान जिस भी सीमा पर ड्यूटी देते हैं, वहां लोगों से मिलजुल कर और सहृदयी भाव रखकर अपनी ड्यूटी करते हैं. कुछ जगहों पर तो जवान सिविल ड्रेस में लोगों के बीच घुल मिलकर रहते हैं. जिससे हम अपना काम भी कर सकें और लोगों के बीच आपसी सौहार्द भी बना रहें. उन्होंने भारत- नेपाल और भूटान बॉर्डर के कुछ खास पॉइंट का जिक्र करते हुए कहा कि, हमें वहां पर सतर्कता बरतनी होती है. जिसके लिए हमारे जवानों को इंटेलिजेंस का प्रशिक्षण दिया जाता है. जो देश में सुरक्षा के लिए वर्ष 1963 में मानक स्थापित था. उसके आधार पर इसे आगे बढ़ाया जाता है. यही वजह है कि एसएसबी के जवान सुरक्षा के बेहतर परिणाम दे रहे हैं.

भारत-नेपाल सीमा पर मानव तस्करी रोकने का प्रयास: आईजी रतन संजय ने कहा कि भारत नेपाल सीमा पर हम सुरक्षा के साथ मानव तस्करी को रोकने का भी प्रयास करते हैं. जिसमें स्थानीय लोगों और कुछ एनजीओ की मदद भी ली जाती है. उन्होंने कहा कि इस सेना बल में देश के सभी प्रदेश के लोग शामिल हैं. जिसमें इस बार सबसे अधिक संख्या बिहार के सैनिकों की है. यह 44 सप्ताह का प्रशिक्षण प्राप्त करके अब पासिंग आउट परेड के बाद, देश की सुरक्षा में तैनात होंगे. इनके हवाले सबसे मजबूत सुरक्षा केंद्र होगा. जो सीमा क्षेत्र है, इसमें यह ध्यान रखना होता है कि हमारे पड़ोसी राष्ट्रों से संबंध खराब न हों, क्योंकि वह हमारे मित्र राष्ट्र हैं. वहीं, किसी तीसरे देश की तरफ से इन देशों का लाभ उठाते हुए कोई भारत में प्रवेश भी न करने पाये.

यह भी पढ़े-लखनऊ विश्वविद्यालय में एग्जाम्टेड पेपर का चैप्टर बंद, अब देना होगा सिर्फ इम्प्रूवमेंट एग्जाम

एसएसबी रतन संजय ने मीडिया को दी जानकारी

गोरखपुर: एसएसबी (arms border force) के कैंप और प्रशिक्षण केंद्र फर्टिलाइजर में सोमवार को 277 प्रशिक्षु अपना प्रशिक्षण पूरा कर पासिंग आउट परेड में पूरे जोश के साथ शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अपने हैरतअंगेज करनामें भी प्रस्तुत किए. जिसे देखकर मौजूद अधिकारियों और जवानों ने जमकर तालियां बजाईं और उनका हौसला बढ़ाया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में आईजी SSB रतन संजय मौजूद रहे. पासिंग आउट परेड में जवानों ने आईजी को सलामी दी.

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पासिंग आउट परेड में हैरतअंगेज कारनामें करते जवान

277 जवान परेड का बने हिस्सा: आईजी ने परेड का निरीक्षण किया और जवानों ने एकता, अखंडता की शपथ भी ली. आईजी ने बताया कि आज जो 277 जवान पासिंग आउट परेड का हिस्सा बने हैं. वह देश की सरहदों पर, देश की सुरक्षा के लिए तैनात किए जाएंगे. सभी 277 जवानों ने संविधान की शपथ ली है. राष्ट्रपति और अपने सीनियर अधिकारियों के आदेश पर इन्होंने अपने प्राणों की आहुति देने का भी संकल्प लिया है. भारत नेपाल और भूटान के बॉर्डर के तैनाती के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह बॉर्डर हमारे लिए चुनौती पूर्ण है. नेपाल और भूटान पड़ोसी मुल्क हैं. नेपाल और भूटान के नागरिकों के लिए बॉर्डर खुला हुआ है. भारत के नागरिक भी इस बॉर्डर के रास्ते जाते हैं. ऐसे में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि इस बॉर्डर के रास्ते कोई गलत चीज का प्रयोग न करें और न ही कोई संदिग्ध व्यक्ति इस में रास्ते प्रवेश कर सके. इसको लेकर हमारी एक इंटेलिजेंस टीम भी काम करती है.

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भारत- नेपाल और भूटान बॉर्डर पर सतर्कता जरुरी: आईजी रतन संजय ने कहा कि एसएसबी का मूल वाक्य ही है सेवा, सुरक्षा और बंधुत्व. हमारे जवान जिस भी सीमा पर ड्यूटी देते हैं, वहां लोगों से मिलजुल कर और सहृदयी भाव रखकर अपनी ड्यूटी करते हैं. कुछ जगहों पर तो जवान सिविल ड्रेस में लोगों के बीच घुल मिलकर रहते हैं. जिससे हम अपना काम भी कर सकें और लोगों के बीच आपसी सौहार्द भी बना रहें. उन्होंने भारत- नेपाल और भूटान बॉर्डर के कुछ खास पॉइंट का जिक्र करते हुए कहा कि, हमें वहां पर सतर्कता बरतनी होती है. जिसके लिए हमारे जवानों को इंटेलिजेंस का प्रशिक्षण दिया जाता है. जो देश में सुरक्षा के लिए वर्ष 1963 में मानक स्थापित था. उसके आधार पर इसे आगे बढ़ाया जाता है. यही वजह है कि एसएसबी के जवान सुरक्षा के बेहतर परिणाम दे रहे हैं.

भारत-नेपाल सीमा पर मानव तस्करी रोकने का प्रयास: आईजी रतन संजय ने कहा कि भारत नेपाल सीमा पर हम सुरक्षा के साथ मानव तस्करी को रोकने का भी प्रयास करते हैं. जिसमें स्थानीय लोगों और कुछ एनजीओ की मदद भी ली जाती है. उन्होंने कहा कि इस सेना बल में देश के सभी प्रदेश के लोग शामिल हैं. जिसमें इस बार सबसे अधिक संख्या बिहार के सैनिकों की है. यह 44 सप्ताह का प्रशिक्षण प्राप्त करके अब पासिंग आउट परेड के बाद, देश की सुरक्षा में तैनात होंगे. इनके हवाले सबसे मजबूत सुरक्षा केंद्र होगा. जो सीमा क्षेत्र है, इसमें यह ध्यान रखना होता है कि हमारे पड़ोसी राष्ट्रों से संबंध खराब न हों, क्योंकि वह हमारे मित्र राष्ट्र हैं. वहीं, किसी तीसरे देश की तरफ से इन देशों का लाभ उठाते हुए कोई भारत में प्रवेश भी न करने पाये.

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