गोरखपुर: जिला प्रशासन प्रवासी मजदूरों को जिले में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एड़ी-चोटी एक किए हुए है. जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने इसको लेकर मुख्य विकास अधिकारी के साथ कार्य योजना तैयार की है, जिसके आधार पर उन्होंने कहा कि जिले में रोजगार का संकट नहीं पैदा होने दिया जाएगा.
उन्होंने साफ कहा कि मनरेगा के तहत जॉब कार्ड बनाने में जिला प्रदेश में पहले स्थान पर आ चुका है. साथ ही केंद्र और प्रदेश सरकार की तमाम परियोजनाएं गोरखपुर में चल रही हैं, जिनमें अकुशल और तकनीकी योग्यता वाले श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.
गोरखपुर में अब तक बाहर से करीब 50 ट्रेनों और बसों से हजारों की संख्या में प्रवासी श्रमिक आ चुके हैं. ये लोग रोजगार देने के सीएम योगी के बयान से प्रभावित होकर हरियाणा, मुंबई, गुजरात को छोड़कर गोरखपुर पहुंच रहे हैं.
श्रमिकों को रोजगार देने के तहत अब तक 12000 से ज्यादा जॉब कार्ड बनाए जा चुके हैं. 1352 ग्राम पंचायतों और 3309 राजस्व गांव के अलावा शहरी क्षेत्र में भी इन श्रमिकों से कार्य लिया जाएगा. करीब 1089 ग्राम पंचायतों में कार्य शुरू हो चुका है, इनमें मजदूरी के भुगतान के लिए दो करोड़ से ज्यादा की रकम जारी की जा चुकी है.
जिलाधिकारी ने पूरे भरोसे के साथ कहा कि जिले में कोई भी श्रमिक बेरोजगार नहीं रहने पाएगा. एम्स, फर्टिलाइजर, सड़कों के निर्माण से जुड़ी परियोजनाओं में सबको जोड़ते हुए रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. यही नहीं करीब 1700 छोटे-बड़े उद्योगों में भी इनका समायोजन किया जाएगा.
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