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मेडिकल एजुकेशन और स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में गोरखपुर-बस्ती भविष्य के बड़े केंद्र

गोरखपुर और बस्ती मंडल में स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती उपलब्धता लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. गोरखपुर और बस्ती मंडल को आने वाले समय में यूपी के पूर्वांचल में मेडिकल हब के तौर पर जाना जाएगा. दोनों मंडल के कुल सात जिलों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हो रही है, जिसमें महराजगंज, संत कबीर नगर में भी मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित है.

गोरखपुर मेडिकल कॉलेज.
गोरखपुर मेडिकल कॉलेज.
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Published : Apr 7, 2021, 10:34 PM IST

गोरखपुर: विकास की हजारों करोड़ की परियोजनाओं के साथ गोरखपुर और बस्ती मंडल स्वास्थ्य सुविधा और स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ा मुकाम हासिल करता जा रहा है. आने वाले समय में यह क्षेत्र पूर्वांचल के बड़े केंद्र के रूप में दिखाई देगा. बात करें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चार साल के कार्यकाल की तो इन वर्षों में गोरखपुर-बस्ती क्षेत्र में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई अमूलचूल परिवर्तन हुए. नई व्यवस्थाएं लागू की गईं. इसके साथ ही देवरिया और कुशीनगर जिले में भी मेडिकल कॉलेज की स्थापना निर्माण के साथ मूर्त रूप लेती दिखाई दे रही है. सुविधाओं के बढ़ते क्रम को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि यह क्षेत्र आने वाले समय में स्वास्थ्य सुविधा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हो जाएगा.

गोरखपुर-बस्ती मंडल के 7 जिलों में स्थापित हो रहे मेडिकल कॉलेज
आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में जब 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार आई थी तो गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की मात्र 100 सीटें हुआ करती थीं, लेकिन योगी सरकार ने इसे बढ़ाकर वर्तमान में 150 सीट कर दिया है. बस्ती मेडिकल कॉलेज में भी एमबीबीएस की 100 सीटों पर प्रवेश हो रहा है. इसके साथ ही 500 बेड का मेडिकल कॉलेज अपनी सेवाएं देना शुरू कर दिया है. इसी प्रकार देवरिया, और सिद्धार्थनगर में स्थापित हो रहे नए मेडिकल कॉलेज में भी एमबीबीएस की 100 सीटें राज्य सरकार ने स्वीकृत की हैं, जिसकी पढ़ाई इसी वर्ष शुरू हो जाएगी. सरकार की योजना प्रदेश के हर जिले को मेडिकल कॉलेज से जोड़ने की है, जिसमें पूर्वांचल के गोरखपुर और बस्ती मंडल के कुल सात जिलों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हो रही है, जिसमें महाराजगंज, संत कबीर नगर में भी मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित हैं. इन मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के साथ करीब 750 एमबीबीएस की सीटें मात्र सात जिलों के मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के लिए उपलब्ध होंगी.

इलाज के लिए आसपास के जिलों के अलावा नेपाल, बिहार से आते हैं लोग
गोरखपुर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नाम से जाना जाता था, जहां सात जिलों के लोग तो इलाज के लिए पहुंचते ही हैं. साथ ही बिहार और नेपाल के सीमावर्ती जिलों के लोग भी भारी संख्या में इलाज के लिए आते हैं. योगी सरकार में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 11 विभागों का सुपर स्पेशलिटी विभाग भी बनाया गया है तो 300 बेड का बच्चों का अलग से अस्पताल बनकर तैयार है.

इसे भी पढ़ें-गोरखपुर : योगी आदित्यनाथ ने किया बाबा पीतेश्वरनाथ का दर्शन

इसके अलावा सीएचसी, पीएचसी को भी आधुनिक संसाधनों से योगी सरकार ने लैस करने का काम किया है. सबसे बड़ी बात है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 500 बेड के अस्पताल का संचालन पिछले वर्ष हुआ है, उसे इस वर्ष भी एक्टिव किया जा रहा है. जिला अस्पताल में भी ट्रामा सेंटर का निर्माण शुरू होने वाला है. सबसे बड़ी बात यह है कि गोरखपुर में अब एम्स की स्थापना भी हो चुकी है. ओपीडी शुरू है. यह इलाज और स्वास्थ्य शिक्षा का एक बड़ा केंद्र है, जिसमें आने वाले समय में 750 बेड का अस्पताल भी संचालित होने लगेगा.

गोरखपुर: विकास की हजारों करोड़ की परियोजनाओं के साथ गोरखपुर और बस्ती मंडल स्वास्थ्य सुविधा और स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ा मुकाम हासिल करता जा रहा है. आने वाले समय में यह क्षेत्र पूर्वांचल के बड़े केंद्र के रूप में दिखाई देगा. बात करें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चार साल के कार्यकाल की तो इन वर्षों में गोरखपुर-बस्ती क्षेत्र में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई अमूलचूल परिवर्तन हुए. नई व्यवस्थाएं लागू की गईं. इसके साथ ही देवरिया और कुशीनगर जिले में भी मेडिकल कॉलेज की स्थापना निर्माण के साथ मूर्त रूप लेती दिखाई दे रही है. सुविधाओं के बढ़ते क्रम को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि यह क्षेत्र आने वाले समय में स्वास्थ्य सुविधा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हो जाएगा.

गोरखपुर-बस्ती मंडल के 7 जिलों में स्थापित हो रहे मेडिकल कॉलेज
आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में जब 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार आई थी तो गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की मात्र 100 सीटें हुआ करती थीं, लेकिन योगी सरकार ने इसे बढ़ाकर वर्तमान में 150 सीट कर दिया है. बस्ती मेडिकल कॉलेज में भी एमबीबीएस की 100 सीटों पर प्रवेश हो रहा है. इसके साथ ही 500 बेड का मेडिकल कॉलेज अपनी सेवाएं देना शुरू कर दिया है. इसी प्रकार देवरिया, और सिद्धार्थनगर में स्थापित हो रहे नए मेडिकल कॉलेज में भी एमबीबीएस की 100 सीटें राज्य सरकार ने स्वीकृत की हैं, जिसकी पढ़ाई इसी वर्ष शुरू हो जाएगी. सरकार की योजना प्रदेश के हर जिले को मेडिकल कॉलेज से जोड़ने की है, जिसमें पूर्वांचल के गोरखपुर और बस्ती मंडल के कुल सात जिलों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हो रही है, जिसमें महाराजगंज, संत कबीर नगर में भी मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित हैं. इन मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के साथ करीब 750 एमबीबीएस की सीटें मात्र सात जिलों के मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के लिए उपलब्ध होंगी.

इलाज के लिए आसपास के जिलों के अलावा नेपाल, बिहार से आते हैं लोग
गोरखपुर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नाम से जाना जाता था, जहां सात जिलों के लोग तो इलाज के लिए पहुंचते ही हैं. साथ ही बिहार और नेपाल के सीमावर्ती जिलों के लोग भी भारी संख्या में इलाज के लिए आते हैं. योगी सरकार में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 11 विभागों का सुपर स्पेशलिटी विभाग भी बनाया गया है तो 300 बेड का बच्चों का अलग से अस्पताल बनकर तैयार है.

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इसके अलावा सीएचसी, पीएचसी को भी आधुनिक संसाधनों से योगी सरकार ने लैस करने का काम किया है. सबसे बड़ी बात है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 500 बेड के अस्पताल का संचालन पिछले वर्ष हुआ है, उसे इस वर्ष भी एक्टिव किया जा रहा है. जिला अस्पताल में भी ट्रामा सेंटर का निर्माण शुरू होने वाला है. सबसे बड़ी बात यह है कि गोरखपुर में अब एम्स की स्थापना भी हो चुकी है. ओपीडी शुरू है. यह इलाज और स्वास्थ्य शिक्षा का एक बड़ा केंद्र है, जिसमें आने वाले समय में 750 बेड का अस्पताल भी संचालित होने लगेगा.

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