गोरखपुर : गुरुवार रात गोरखपुर से कुशीनगर जा रही रोडवेज की बस में ट्रक की टक्कर से अब तक सात लोगों की जान जा चुकी है. मौके पर दो तो पांच घायलों ने जिला अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. इस घटना नें कुल 27 लोग घायल हुए हैं, जिनमें दस का इलाज अभी अस्पताल में चल रहा है. बाकी घायलों को उपचार के बाद परिजनों के साथ भेज दिया गया है.
दिवाली पर घर लौट रहे थे हादसे में जान गंवाने वाले
दिवाली पर कानपुर, पुणे, लखनऊ और कुछ अन्य शहरों से लोग कुशीनगर के लिए निकले थे. लेकिन पर्व पर घर पहुंचने की उनकी खुशी ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया. हाईवे पर जगदीशपुर के पास डीसीएम ने बस में जोरदार टक्कर मार दी. इस घटना के बाद मौके पर कोहराम मच गया. आसपास के लोगों ने घायलों की मदद की। परिजन अपनों के शव देखकर सदमे में हैं. कुछ मृतकों के बैग से उनके आधार, मोबाइल और रूपए पैसे भी गायब हो गए हैं. हादसे के शिकार बने कुछ लोगों के परिजनों ने ईटीवी भारत से अपना दर्द बयां किए. वहीं इस घटना के संबंध में एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा है कि घायलों के इलाज पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है.
हिमांशु के बैग से गायब हो गए रुपये और मोबाइल
हादसे का शिकार बना हिमांशु यादव (20) कानपुर में रहकर गाड़ी चलाता था. करीब 6 महीने से वह घर नहीं आया था. दिवाली की छुट्टी में वह घर के लिए पूरे उत्साह के साथ चला था. गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद वह जिस बस में सवार हुआ, वही आगे चलकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हिमांशु को क्या पता था कि जिन खुशियों को बटोरकर वह घर जा रहा है, वह रास्ते में ही दम तोड़ देंगी. ईटीवी भारत से हिमांशु के पिता बनारसी यादव ने कहा कि वह तीन बेटों में सबसे छोटा था. उसकी मौत ने पूरे परिवार को झकझोर दिया है. कहा कि घटना के बाद जब वह लोग मौके पर पहुंचे तो बेटे के बैग और कुछ कागजात से उसकी पहचान हुई. लेकिन उसमें न तो उसका आधार कार्ड मिला और न ही मोबाइल. कुछ पैसे भी थे. जो गायब हैं.
शैलेश के परिवार पर टूटा दुख का पहाड़
इस घटना में बस चालक शैलेश पटेल की भी मृत्यु हो गई है. जिसकी उम्र करीब 35 वर्ष थी. वह पिछले करीब 15 वर्षों से बस चलाता था. उसके भाई नरेश पटेल ने बताया कि वे बिहार में सिवान के रहने वाले हैं. उनका भाई पिछले कई वर्षों से गोरखपुर से ही बस चलाता था. उसकी मौत से परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है. शैलेश के चार बच्चे हैं. उनका लालन पालन अब हमारी जिम्मेदारी है.
सुरेश के घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल
हादसे में सुरेश चौहान (24) की भी जान चली गई है. वह मूल रूप से तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र कुशीनगर का रहने वाला था. वह पुणे में नौकरी करता था. जहां से वह घर के लिए गोरखपुर गुरुवार की रात पहुंचा था. वह बस में सवार होकर बाकी यात्रियों के साथ कुशीनगर के लिए निकला था लेकिन बीच रास्ते में हादसा हो गया. उसके पिता मुलायम सिंह चौहान का बुरा हाल है. सभी परिजन पोस्टमार्टम हाउस पर बिलखते रहे. हादसे में अशोक सिंह निवासी मदरहा कुशीनगर की भी मौत हुई है, जो गोरखपुर से अपने घर जा रहे थे.
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