गोरखपुर: गोरखनाथ मंदिर में रविवार शाम पीएसी के दो जवानों पर हमला करने वाला अहमद मुर्तुजा का कनेक्शन आतंकियों से होने की जहां जांच एजेंसियां बातें कर रही हैं, वहीं मुर्तुजा की गतिविधियों पर सूत्रों की मानें तो एटीएस पहले से ही नजर गड़ाए बैठी थी. घटना से 2 दिन पहले एटीएस गोरखपुर शहर में थी और मुर्तुजा के घर तक वह बतौर अधिवक्ता बनकर दाखिल भी हुई थी. इस दौरान मुर्तुजा घर पर नहीं था.
उसके पिता की एटीएस के अधिवक्ता के रूप में पहुंचे लोगों से मुलाकात हुई थी. यही वह दिन था जब मुर्तजा शाम को घर लौटा और उसे इस बात की जानकारी परिवार के माध्यम से मिली तो वह अपने जरूरी सामानों के साथ बैग उठाया और नेपाल की ओर चल पड़ा. मुर्तजा ने अपने घर पहुंचे एटीएस के लोगों को पहचानने में सफलता हासिल की और वहीं से अपनी अगली योजना को अंजाम देने का इरादा बनाकर घर से निकल पड़ा.
इसके जिन दो साथियों को महाराजगंज से पकड़े जाने की बात सामने आई है, जिन्होंने मोटरसाइकिल पर बैठाकर उसे गोरखनाथ मंदिर तक छोड़ा था उनसे इसके तार पहले से जुड़े हुए थे. इस बात की जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि घर से बाहर जाने के बाद इसका मोबाइल फोन बंद था. सिद्धार्थनगर जिले के अलीगढ़वा से इसके दवा खरीदने की बात हो रही है. इस मामले में गोरखपुर सिद्धार्थनगर के 4 लोगों से पूछताछ की जा रही है.
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सूत्रों की मानें तो मुर्तुजा जाकिर नाईक को जहां फॉलो करता था, वहीं कई आतंकी संगठनों के वीडियो भी वह देखा करता था. लैपटॉप और मोबाइल से डिलीट किए गए उसके तमाम मैसेज को रिकवर करने की कोशिश की जा रही है. उसके आधार पर अन्य जानकारियों तक जांच एजेंसी पहुंचेगी. मुर्तजा की मानसिकता को पहले से ही भांप रही एटीएस के सूत्रों का मानना है कि वह इस तरह की वारदात को अंजाम देना चाह रहा था, लेकिन उसने गोरखनाथ मंदिर जैसे स्थान को इसलिए चुना जिससे वह किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सके या उसकी वारदात पूरी तरह से सनसनीखेज और चर्चा में आ सके. वहीं सोमवार को मुर्तुजा को कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस ने उसे रिमांड पर ले लिया है और बाकी पूछताछ चल रही है.
मुर्तजा की संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी कर रही एटीएस को इस घटना से पहले जो छानबीन करने की जिम्मेदारी मिली थी सूत्रों की मानें तो उसका निर्देश उन्हें ऊपर से ही प्राप्त था. ऐसा मुर्तजा को लेकर पहले से एटीएस क्यों कर रही थी? आखिर किस इनपुट के आधार पर वह मुर्तजा के करीब पहुंचना चाह रही थी? यह सब अब मुर्तुजा से चल रही पूछताछ के बाद ही निकल कर सामने आएगा. लेकिन एक बात तो तय है कि मुर्तजा का संबंध अगर आतंकी संगठन से है तो उसने अपने मंसूबे को कामयाबी देने में एक ऐसे ठिकाने को चुना जहां से वह चर्चा में तो आया ही इसके साथ ही उसने सभी जांच एजेंसियों के लिए एक बड़ा सवाल भी खड़ा किया हुआ है.
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इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी गोरखपुर पहुंचने, घटनास्थल का निरीक्षण करने, घायल पुलिसकर्मियों से मिलने और अधिकारियों को जांच प्रक्रिया तेज करने के निर्देश के बाद सभी जांच एजेंसी अपने-अपने स्तर से जांच कर रही हैं. आइबी भी मुर्तजा अब्बासी के घर मेडिकल कॉलेज से लेकर जिला अस्पताल तक छानबीन कर रही है. कुछ और मामले जुड़ेंगे तो इसकी जांच संभवत राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए भी कर सकती है. मुर्तजा के पिता के मुताबिक, वह घर से बाहर कम निकलता था. उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. उसका इलाज भी चल रहा था. फिर उसने इस तरह की वारदात से खुद को क्यों जोड़ा? उसके संबंध आतंकियों तक हैं तो कैसे हैं? आईबी भी मुर्तुजा के तमाम संबंधों को तलाश कर रही है.
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