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गोरखपुर: सेहत रखना है ठीक तो 'गिर' नस्ल की गाय के दूध का करें प्रयोग - औषधीय गुणों से भरपूर गिर गाय का दूध

गुजरात प्रांत में पाई और पाली जाने वाली गिर नस्ल की गाय का दूध A2 कैटेगरी का सबसे उत्तम दूध माना जाता है. इसका दूध बेहद फायदेमंद होता है. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में भी इस नस्ल की गायों का पालन किया जा रहा है.

पोषक तत्वों से भरपूर गिर गायों का दूध.
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Published : Sep 3, 2019, 4:39 PM IST

गोरखपुर: उत्तम स्वास्थ्य के लिए दूध का प्रयोग बेहद लाभकारी माना जाता है. भारतीय पशु चिकित्सा और विज्ञान से जुड़े हुए डॉक्टरों की माने तो भारतीय नस्ल की जो भी गायें हैं, उनका दूध हम सभी के लिए बेहद फायदेमंद है. इसमें A-2 कैटेगरी का दूध पाया जाता है.

गिर गायों के बारे में बताते पशु चिकित्सक

क्या खासियत है गिर नस्ल की गायों की

देश के गुजरात प्रांत में पाई और पाली जाने वाली गिर नस्ल की गाय A2 कैटेगरी की सबसे उत्तम गाय मानी जाती हैं. इसका दूध बेहद फायदेमंद होता है. यही वजह है कि ब्राजील, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और दुनिया के न जाने कितने देशों में इसकी मांग बढ़ी है. यही नहीं इस गाय की नस्ल से वह अपने देश की गायों की नस्ल सुधार की कोशिश भी कर रहे हैं. गिर नस्ल की गाय का दूध पीने से ना तो बच्चों में हार्मोन चेंजेज होंगे और ना ही हार्ट अटैक, ब्लड शुगर, ऑटिज्म, मंदबुद्धि और मेंटल डिसऑर्डर जैसी बीमारियां.

ये भी पढ़ें:- चंद्रयान में विराजे लालबाग के राजा, गणपति बप्पा मोरया की मच गई धूम

क्या होता है A1और A2 कटेगरी का दूध-

दूध के अंदर विभिन्न पोषक तत्व होता है, जैसे लेक्टोज, प्रोटीन, फैट, कैल्शियम और अन्य विटामिंस, मिनरल्स. जिस दूध में यह तत्व बेहद कम पाए जाते हैं, वह A1 कैटेगरी का दूध माना जाता है. साथ ही उसमें बीटा केसीन प्रोटीन पाया जाता है जो हानिकारक माना जाता है. जबकि A2 कैटेगरी के दूध में अमीनो एसिड पाया जाता है, यह लाभकारी होता है.

औषधीय गुणों से भरपूर है गिर गाय का दूध

गिर गाय का दूध औषधीय गुणों से भरपूर है. यह पचने में सुपाच्य है. यह सेहत के साथ वातावरण के लिए काफी लाभदायक है. इस गाय का पालन करना भी आसान है क्योंकि यह 42 से 45 डिग्री तापमान पर बहुत आसानी से रह लेती हैं और शांत प्रवृत्ति की गाय हैं. खास बात यह है कि इनमें बीमारियां न के बराबर होती है. जिसके पीछे इनकी बनावट मुख्य वजह है.

यूरोपियन देशों की फ्रीजियन, याक शायर जैसी गाय का दूध नहीं पीना चाहिए. इनका दूध A1 कैटेगरी का होता है जो हानिकारक है. भारतीय नस्ल की साहिवाल, थारपारकर, राठी, हरियाणी और देसी नस्ल की गाय A-2 कैटेगरी के दूध के लिए बेहद उपयोगी है.
-डॉ. बीके सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी

गोरखपुर: उत्तम स्वास्थ्य के लिए दूध का प्रयोग बेहद लाभकारी माना जाता है. भारतीय पशु चिकित्सा और विज्ञान से जुड़े हुए डॉक्टरों की माने तो भारतीय नस्ल की जो भी गायें हैं, उनका दूध हम सभी के लिए बेहद फायदेमंद है. इसमें A-2 कैटेगरी का दूध पाया जाता है.

गिर गायों के बारे में बताते पशु चिकित्सक

क्या खासियत है गिर नस्ल की गायों की

देश के गुजरात प्रांत में पाई और पाली जाने वाली गिर नस्ल की गाय A2 कैटेगरी की सबसे उत्तम गाय मानी जाती हैं. इसका दूध बेहद फायदेमंद होता है. यही वजह है कि ब्राजील, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और दुनिया के न जाने कितने देशों में इसकी मांग बढ़ी है. यही नहीं इस गाय की नस्ल से वह अपने देश की गायों की नस्ल सुधार की कोशिश भी कर रहे हैं. गिर नस्ल की गाय का दूध पीने से ना तो बच्चों में हार्मोन चेंजेज होंगे और ना ही हार्ट अटैक, ब्लड शुगर, ऑटिज्म, मंदबुद्धि और मेंटल डिसऑर्डर जैसी बीमारियां.

ये भी पढ़ें:- चंद्रयान में विराजे लालबाग के राजा, गणपति बप्पा मोरया की मच गई धूम

क्या होता है A1और A2 कटेगरी का दूध-

दूध के अंदर विभिन्न पोषक तत्व होता है, जैसे लेक्टोज, प्रोटीन, फैट, कैल्शियम और अन्य विटामिंस, मिनरल्स. जिस दूध में यह तत्व बेहद कम पाए जाते हैं, वह A1 कैटेगरी का दूध माना जाता है. साथ ही उसमें बीटा केसीन प्रोटीन पाया जाता है जो हानिकारक माना जाता है. जबकि A2 कैटेगरी के दूध में अमीनो एसिड पाया जाता है, यह लाभकारी होता है.

औषधीय गुणों से भरपूर है गिर गाय का दूध

गिर गाय का दूध औषधीय गुणों से भरपूर है. यह पचने में सुपाच्य है. यह सेहत के साथ वातावरण के लिए काफी लाभदायक है. इस गाय का पालन करना भी आसान है क्योंकि यह 42 से 45 डिग्री तापमान पर बहुत आसानी से रह लेती हैं और शांत प्रवृत्ति की गाय हैं. खास बात यह है कि इनमें बीमारियां न के बराबर होती है. जिसके पीछे इनकी बनावट मुख्य वजह है.

यूरोपियन देशों की फ्रीजियन, याक शायर जैसी गाय का दूध नहीं पीना चाहिए. इनका दूध A1 कैटेगरी का होता है जो हानिकारक है. भारतीय नस्ल की साहिवाल, थारपारकर, राठी, हरियाणी और देसी नस्ल की गाय A-2 कैटेगरी के दूध के लिए बेहद उपयोगी है.
-डॉ. बीके सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी

Intro:गोरखपुर। उत्तम स्वास्थ्य के लिए दूध का प्रयोग बेहद लाभकारी माना जाता है। लेकिन कौन सा और किस गाय का दूध सेहत के लिए सबसे अच्छा है यह भी जानना सभी के लिए बेहद आवश्यक है। आपाधापी और भागमभाग की जिंदगी में पीने और खाने के लिए दूध तो सभी इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन वह इस बात से अनजान हैं की वह जो दूध पी रहे हैं उनके और उनके बच्चे के लिए फायदेमंद भी है कि नहीं। देश के लोगों के लिए ईटीवी भारत की यह रिपोर्ट बेहद लाभकारी सिद्ध होगी जो आपको यह बताने में सफल सफल होगी कि आप कौन से गाय का दूध प्रयोग करें जिससे आप बीमारियों से दूर रहेंगे और आपके बच्चे भी पूरी तरह से स्वस्थ और फिट। पेश है एक रिपोर्ट...

नोट--कम्प्लीट पैकेज, वॉइस ओवर अटैच है।


Body:भारतीय पशु चिकित्सा और विज्ञान से जुड़े हुए डॉक्टरों की माने तो भारतीय नस्ल की जो भी गाय हैं उनका दूध हम सभी के लिए बेहद फायदेमंद है। जिसमें A-2 कैटेगरी का दूध पाया जाता है। जबकि विदेशी नस्ल की गायों में A-1 कैटेगरी का दूध पाया जाता है जो सेहत के लिए पूरी तरह हानिकारक है। देश के गुजरात प्रांत में पाई और पाली जाने वाली गिर नस्ल की गाय A2 कैटेगरी की सबसे उत्तम गाय मानी जाती है। इसका दूध बेहद फायदेमंद होता है। यही वजह है कि ब्राजील, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और दुनिया के न जाने कितने देशों में इसकी मांग बढ़ी है। और यही नहीं इस गाय की नस्ल से वह अपने देश की गायों की नस्ल सुधार की कोशिश भी कर रहे हैं। गोरखपुर क्षेत्र में भी इस गाय के पालन और दूध विक्री को बढ़ावा देने में एक व्यवसाई लगे हैं जिसके पीछे गुणवत्ता परक दूध की चाहत मुख्य उद्देश्य है। वह अपने इस डेरी के संचालन के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह भी ले रहे हैं जो यह दावा करते हैं कि गिर नस्ल की गाय का दूध पीने से ना तो बच्चों में हार्मोन चेंजेज होंगे और ना ही हार्ट अटैक, ब्लड शुगर, ऑटिज्म, मंदबुद्धि और मेंटल डिसऑर्डर जैसी बीमारी बच्चों को घेर पाएगी।

बाइट--जीएन सिंह, गिर गाय के पालक
बाइट--डॉ बीके सिंह, पशु चिकित्सक एवं शोधकर्ता


Conclusion:गिर गाय का दूध औषधीय गुणों से भरपूर है। यह पचने में सुपाच्य है। यह सेहत के साथ वातावरण के लिए काफी लाभदायक है। इस गायक का पालन करना भी आसान है क्योंकि यह 42 से 45 डिग्री तापमान पर बहुत आसानी से रह लेती हैं और शांत प्रवृत्ति की गाय हैं। खास बात यह है कि इनमें बीमारियां न के बराबर होती है। जिसके पीछे इनकी बनावट मुख्य वजह है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी रहे डॉ बीके सिंह की मानें तो यूरोपियन कंट्री की फ्रीजियन, याक शायर और जैसी गाय का दूध नहीं पीना चाहिए। इनका दूध A1 कैटेगरी का होता है जो हानिकारक है। भारतीय नस्ल की साहिवाल, थारपारकर, राठी, हरियाणी और देसी नस्ल की गाय A-2 कैटेगरी के दूध के लिए बेहद उपयोगी है। उन्होंने बताया कि 209 अमीनो एसिड की चेन में 67वें स्थान पर प्रोलीन होना चाहिए जबकि इसकी जगह अब हिस्टडीन नामक तत्व ने ले लिया है। जिससे दूध में बीटाकेसोमार्फीन पैदा हो जाता है और यही दूध को जहरीलाल बनाता है। जो सेहत को फायदे की जगह नुकसान पहुंचाने लगता है। उन्होंने कहा कि लोगों की दूध की जरूरत पूरा करने के लिए देश में श्वेत क्रांति का सूत्रपात सरकार ने किया था। जिसके तहत विदेशी नस्ल की गायों को भारत में लाकर उसका क्रास ब्रीडिंग कराया गया और दूध उत्पादन बढ़ा लेकिन जिन गायों के दूध में A-2 कैटेगरी नहीं पाया जाता उसका कोई फायदा सेहत को नहीं मिलता।

पोषक तत्वों के आधार पर दूध को A1और A2 कटेगरी में दूध को बांटा जाता है--

दूध के अंदर विभिन्न पोषक तत्व होता है जैसे लेक्टोज, प्रोटीन, फैट,कैल्शियम और अन्य विटामिंस, मिनरल्स। जिस दूध में यह तत्व बेहद कम पाए जाते हैं वह A1 कैटेगरी का दूध माना जाता है। साथ ही उसमें बीटा केसीन प्रोटीन पाया जाता है जो हानिकारक माना जाता है। जबकि A2 कैटेगरी के दूध में अमीनो एसिड पाया जाता है यह लाभकारी होता है।

बाइट--डॉ बीके सिंह,पशु चिकित्सक

क्लोजिंग पीटीसी
मुकेश पाण्डेय
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