गोरखपुर : जिला प्रशासन द्वारा बीते दिनों मंडी परिषद के थोक फल व्यापारियों की दुकानों के आगे बने छज्जों को अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया गया. इसके विरोध में सैकड़ों फल व्यापारियों द्वारा अनिश्चितकालीन फल मंडी बंद करने की घोषणा की गई है, जिसके तहत आज व्यापारियों ने मंडी परिषद में एकत्रित होकर जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
मंडी परिषद स्थित नवीन फल मंडी के सैकड़ों फल व्यापारियों ने आज गोरखपुर फ्रूट एसोसिएशन के बैनर तले अनिश्चितकालीन बंदी का ऐलान किया. इस दौरान व्यापारियों की मांग थी कि हमारे दुकानों के आगे बने छज्जों का पुनर्निर्माण जिला प्रशासन द्वारा कराया जाए, जिसे अतिक्रमण बता कर जिला प्रशासन व मंडी समिति ने तोड़ दिया था. इससे हमारे व्यापार पर असर पढ़ रहा है. वहीं मंडी समिति को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है.
इस संबंध में गोरखपुर फ्रूट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार सोनकर ने बताया कि बाहर से आने वाले कच्चे फल को हम इन्हीं छज्जों के जरिए धूप और पानी से बचाने का कार्य करते थे, लेकिन जिला प्रशासन और मंडी समिति के उदासीन रवैये के कारण मंडी परिषद द्वारा आवंटित जगह को अवैध बताते हुए उसे तोड़ दिया गया. इसकी शिकायत हमने मंडी परिषद, कृषि उत्पादन मंडी समिति के सचिव, गोरखपुर जिला प्रशासन सहित अन्य जगहों पर की, लेकिन कहीं से कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया.
अध्यक्ष ने कहा कि वहीं इस परिसर में गल्ला मंडी, सब्जी मंडी और मछली मंडी भी स्थापित है. लेकिन इन मंडियों में किसी प्रकार की कोई तोड़ फोड़ नहीं की गई. आखिर हमारे साथ यह सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है. इस बन्दी से लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है. सैकड़ों परिवार बेरोजगार हो गए हैं. इन सब के बावजूद जिला प्रशासन और मंडी समिति मूकदर्शक बन देख रहा है.