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15 साल पहले सील हुए पेट्रोल पम्प पर बनाया जा रहा था नकली डीजल, 4 गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में पुलिस ने 15 साल पहले सील हुए एक पेट्रोल पम्प पर नकली डीजल बनाने के धंधे का खुलासा किया है. इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से 40 हजार लीटर नकली डीजल बरामद हुआ है.

4 arrested for making fake diesel at petrol pump
पेट्रोल पंप पर नकली डीजल बनाने के धंधे का खुलासा
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Published : Apr 11, 2021, 9:53 PM IST

गोरखपुर: ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर कुलदीप मीना ने सदर तहसीलदार डॉ. संजीव दीक्षित के साथ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण पर निकले थे. बेलीपार थाना अंतर्गत जंगल दीर्धन सिंह इलाके में विनोद चंद्र पुत्र हरिश्चंद्र का भारत पेट्रोलियम का पम्प है, जिसे 15 वर्ष पूर्व जिला पूर्ति विभाग द्वारा सील कर दिया गया था. उसी पेट्रोल पंप पर रविवार को भ्रमण के दौरान कुछ अवैध गतिविधियां करते हुए कर्मचारी दिखाई दिए.

शक को दूर करने के लिए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर कुलदीप मीना अपने सहयोगी सदर तहसीलदार डॉ. संजीव दीक्षित, कानूनगो प्रदुमन सिंह और वीर बहादुर सिंह के साथ बंद पड़े पेट्रोल पंप पहुंचे तो अफरा तफरी मच गई. तत्काल ज्वाइंट मजिस्ट्रेट द्वारा जिला पूर्ति अधिकारी आनंद सिंह को सूचना दी गई. आनंद कुमार सिंह तत्काल अपने सहयोगियों अरुण सिंह और बृजेश दुबे के साथ उक्त बंद पड़े पेट्रोल पंप पर पहुंचे. यहां उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए बंद पड़े पेट्रोल पंप पर बायोकेमिकल से नकली डीजल बनाने का भंडाफोड़ करते हुए 40,000 लीटर नकली डीजल बरामद किया. साथ ही तीन टैंकरों को जब्त किया.

चार कर्मचारी गिरफ्तार

यहां अवैध तरीके से बंद पड़े पेट्रोल पंप पर बायोकेमिकल से डीजल बनाने का कार्य करने वाले चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है. उन्हें थाने की सुपुर्दगी में दिया गया है, जिससे आगे चलकर राजस्व को क्षति पहुंचाते हुए अवैध तरीके से डीजल न बनाया जा सके. बायोकेमिकल से तैयार डीजल को लेबोरेटरी में जांच हेतु भेज दिया गया है, रिपोर्ट आने के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. टैंकर मालिकों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

आरोपियों से की जा रही पूछताछ

जिला पूर्ति अधिकारी आनंद कुमार सिंह ने बताया कि पकड़े गए अवैध डीजल कारोबारियों से स्थानीय थाने पर कड़ी पूछताछ की जा रही है, ताकि उनके आकाओं तक पहुंच उनके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जा सकेगी. तभी अवैध तरीके से बायोकेमिकल से डीजल बनाने का कार्य पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लग सकेगा.

गोरखपुर: ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर कुलदीप मीना ने सदर तहसीलदार डॉ. संजीव दीक्षित के साथ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण पर निकले थे. बेलीपार थाना अंतर्गत जंगल दीर्धन सिंह इलाके में विनोद चंद्र पुत्र हरिश्चंद्र का भारत पेट्रोलियम का पम्प है, जिसे 15 वर्ष पूर्व जिला पूर्ति विभाग द्वारा सील कर दिया गया था. उसी पेट्रोल पंप पर रविवार को भ्रमण के दौरान कुछ अवैध गतिविधियां करते हुए कर्मचारी दिखाई दिए.

शक को दूर करने के लिए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर कुलदीप मीना अपने सहयोगी सदर तहसीलदार डॉ. संजीव दीक्षित, कानूनगो प्रदुमन सिंह और वीर बहादुर सिंह के साथ बंद पड़े पेट्रोल पंप पहुंचे तो अफरा तफरी मच गई. तत्काल ज्वाइंट मजिस्ट्रेट द्वारा जिला पूर्ति अधिकारी आनंद सिंह को सूचना दी गई. आनंद कुमार सिंह तत्काल अपने सहयोगियों अरुण सिंह और बृजेश दुबे के साथ उक्त बंद पड़े पेट्रोल पंप पर पहुंचे. यहां उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए बंद पड़े पेट्रोल पंप पर बायोकेमिकल से नकली डीजल बनाने का भंडाफोड़ करते हुए 40,000 लीटर नकली डीजल बरामद किया. साथ ही तीन टैंकरों को जब्त किया.

चार कर्मचारी गिरफ्तार

यहां अवैध तरीके से बंद पड़े पेट्रोल पंप पर बायोकेमिकल से डीजल बनाने का कार्य करने वाले चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है. उन्हें थाने की सुपुर्दगी में दिया गया है, जिससे आगे चलकर राजस्व को क्षति पहुंचाते हुए अवैध तरीके से डीजल न बनाया जा सके. बायोकेमिकल से तैयार डीजल को लेबोरेटरी में जांच हेतु भेज दिया गया है, रिपोर्ट आने के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. टैंकर मालिकों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

आरोपियों से की जा रही पूछताछ

जिला पूर्ति अधिकारी आनंद कुमार सिंह ने बताया कि पकड़े गए अवैध डीजल कारोबारियों से स्थानीय थाने पर कड़ी पूछताछ की जा रही है, ताकि उनके आकाओं तक पहुंच उनके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जा सकेगी. तभी अवैध तरीके से बायोकेमिकल से डीजल बनाने का कार्य पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लग सकेगा.

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