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आम बजट 2021-22ः विस्टाडोम कोच से पर्यटकों को लुभाने की कोशिश

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Published : Feb 1, 2021, 6:40 PM IST

केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार 1 फरवरी को संसद में अपना आम बजट पेश किया. इस बजट में रेलवे के लिए जो धन आवंटित किए हैं और जो व्यवस्थाएं दी गई हैं. उसका आने वाले समय में बेहतर परिणाम देखने को मिल सकता है. यह कहना है पूर्वोत्तर रेलवे के पूर्व मुख्य परिचालन प्रबंधक राकेश त्रिपाठी का.

रेल बजट.
रेल बजट.

गोरखपुरः बजट में रेलवे के लिए जो भी बजट भारत सरकार ने दिया है. उस पर तात्कालिक प्रतिक्रिया देते हुए र्वोत्तर रेलवे के पूर्व मुख्य परिचालन प्रबंधक राकेश त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से कहा कि, जिस तरह से रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण का खाका बजट में दिखाई दिया है. उससे यह लगता है कि सरकार वर्ष 2023 तक देश में 46 हजार किलोमीटर तक रेलवे ट्रैक पर विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लेगी. इससे इन रूटों पर चलने वाली ट्रेनों की संख्या में 72 प्रतिशत का इजाफा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही देश के प्रमुख पर्यटन केंद्रों को रेलवे ट्रैक के माध्यम से जोड़ने की सरकार पहल करती नजर आई है. इसमें पर्यटकों को आकर्षित करने वाले 'विस्टाडोम कोच' पर्यटन ट्रेनों में लगाए जाएंगे.

रेल बजट पर प्रतिक्रिया.

राष्ट्रीय रेल योजना के पूरा होने का समय वर्ष 2030 निर्धारित

उन्होंने बताया कि बजट के अंदर करीब 1 लाख 10 हजार 55 करोड़ रुपये का प्रावधान रेलवे के ढांचागत विकास के लिए किया गया है. इसके माध्यम से रेलवे में कई तरह के बदलाव आने वाले समय में देखने को मिलेंगे. उन्होंने कहा कि माल ढुलाई को लेकर बजट में ईस्ट और वेस्ट कॉरीडोर बनाए जाने का प्रावधान किया गया है. इसे जून 2022 तक पूरा कर दिया जाएगा. इसके बन जाने से माल गाड़ियों का अलग रूट होगा और माल ढुलाई में आसानी होगी.

रेल बजट 2021-22
रेल बजट 2021-22

उन्होंने कहा कि बजट में जो सबसे बड़ी बात देखने को मिली है. वह राष्ट्रीय रेल योजना की है, जो वर्ष 2030 तक पूरी होगी. इसके तहत यह संकल्प दिखाया गया है कि रेलवे में जो कुछ भी जरूरी बदलाव किए जाने हैं. उसे 2030 तक हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार यात्रियों को बेहतर और सुरक्षित यात्रा देने के प्रति भी गंभीर दिखाई दी है. यही वजह है कि यात्री ट्रेनों में एलएचबी कोच लगाए जाने का प्रावधान किया गया है.

रेल बजट 2021-22
रेल बजट 2021-22

पिछले वर्षों की तुलना में इस बार का रेल बजट कम है

पूर्वोत्तर रेलवे में करीब 31 वर्षों तक सेवा देते हुए मुख्य परिचालन प्रबंधक, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, सचिव महाप्रबंधक, मुख्य यात्री यातायात प्रबंधक और मुख्य वाणिज्य प्रबंधक जैसे पदों पर रहते हुए राकेश त्रिपाठी ने रेलवे को लेकर पेश होने वाले पिछले कई बजटों को बहुत ध्यान से देखा और समझा है. हालांकि पिछले वर्षो की तुलना में बजट के अंदर रेलवे के लिए जो बजट आवंटित हुआ है वह कम दिखाई देता है. क्योंकि वर्ष 2020 में रेलवे का बजट 1 लाख 48 हजार करोड़ का था. वर्ष 2019 में रेलवे का बजट 1 लाख 30 हजार करोड़ का रखा गया था. उनका मानना है कि इस वर्ष रेल बजट में कमी कोविड-19 महामारी की वजह से हो सकती है, क्योंकि सरकार का फोकस स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर और कृषि को मजबूती देने पर ज्यादा है.

गोरखपुरः बजट में रेलवे के लिए जो भी बजट भारत सरकार ने दिया है. उस पर तात्कालिक प्रतिक्रिया देते हुए र्वोत्तर रेलवे के पूर्व मुख्य परिचालन प्रबंधक राकेश त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से कहा कि, जिस तरह से रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण का खाका बजट में दिखाई दिया है. उससे यह लगता है कि सरकार वर्ष 2023 तक देश में 46 हजार किलोमीटर तक रेलवे ट्रैक पर विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लेगी. इससे इन रूटों पर चलने वाली ट्रेनों की संख्या में 72 प्रतिशत का इजाफा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही देश के प्रमुख पर्यटन केंद्रों को रेलवे ट्रैक के माध्यम से जोड़ने की सरकार पहल करती नजर आई है. इसमें पर्यटकों को आकर्षित करने वाले 'विस्टाडोम कोच' पर्यटन ट्रेनों में लगाए जाएंगे.

रेल बजट पर प्रतिक्रिया.

राष्ट्रीय रेल योजना के पूरा होने का समय वर्ष 2030 निर्धारित

उन्होंने बताया कि बजट के अंदर करीब 1 लाख 10 हजार 55 करोड़ रुपये का प्रावधान रेलवे के ढांचागत विकास के लिए किया गया है. इसके माध्यम से रेलवे में कई तरह के बदलाव आने वाले समय में देखने को मिलेंगे. उन्होंने कहा कि माल ढुलाई को लेकर बजट में ईस्ट और वेस्ट कॉरीडोर बनाए जाने का प्रावधान किया गया है. इसे जून 2022 तक पूरा कर दिया जाएगा. इसके बन जाने से माल गाड़ियों का अलग रूट होगा और माल ढुलाई में आसानी होगी.

रेल बजट 2021-22
रेल बजट 2021-22

उन्होंने कहा कि बजट में जो सबसे बड़ी बात देखने को मिली है. वह राष्ट्रीय रेल योजना की है, जो वर्ष 2030 तक पूरी होगी. इसके तहत यह संकल्प दिखाया गया है कि रेलवे में जो कुछ भी जरूरी बदलाव किए जाने हैं. उसे 2030 तक हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार यात्रियों को बेहतर और सुरक्षित यात्रा देने के प्रति भी गंभीर दिखाई दी है. यही वजह है कि यात्री ट्रेनों में एलएचबी कोच लगाए जाने का प्रावधान किया गया है.

रेल बजट 2021-22
रेल बजट 2021-22

पिछले वर्षों की तुलना में इस बार का रेल बजट कम है

पूर्वोत्तर रेलवे में करीब 31 वर्षों तक सेवा देते हुए मुख्य परिचालन प्रबंधक, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, सचिव महाप्रबंधक, मुख्य यात्री यातायात प्रबंधक और मुख्य वाणिज्य प्रबंधक जैसे पदों पर रहते हुए राकेश त्रिपाठी ने रेलवे को लेकर पेश होने वाले पिछले कई बजटों को बहुत ध्यान से देखा और समझा है. हालांकि पिछले वर्षो की तुलना में बजट के अंदर रेलवे के लिए जो बजट आवंटित हुआ है वह कम दिखाई देता है. क्योंकि वर्ष 2020 में रेलवे का बजट 1 लाख 48 हजार करोड़ का था. वर्ष 2019 में रेलवे का बजट 1 लाख 30 हजार करोड़ का रखा गया था. उनका मानना है कि इस वर्ष रेल बजट में कमी कोविड-19 महामारी की वजह से हो सकती है, क्योंकि सरकार का फोकस स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर और कृषि को मजबूती देने पर ज्यादा है.

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