गोरखपुर: जिले की चौरी चौरा तहसील क्षेत्र के ब्रह्मपुर ब्लॉक के गोर्रा तथा राप्ती नदी के दोआब क्षेत्र के बीच के गांव बारिश के पानी से पिछले एक माह से चारों तरफ से घिर हुए है. कई गांव में बाढ़ जैसे हालात हो गए है. हालांकि नदियों का जलस्तर में भारी गिरावट आई है, लेकिन फिर भी बारिश का पानी कछार क्षेत्र की फसलों को तबाह कर रहा है. कई हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है. बारिश के पानी को गोर्रा नदी में जाने के लिए रेगुलेटर लगाए गए हैं. विभागीय लापरवाही के कारण रेगुलेटर को खोला नहीं गया है.
चौरी चौरा तहसील क्षेत्र के ब्रह्मपुर ब्लॉक में स्थित कछार क्षेत्र के कई दर्जन गांव बीते एक दशक से अधिक समय से मानसून आने के बाद बारिश के पानी से महीनों डूबे रहते हैं. इस दौरान कई गावों में बाढ़ जैसे हालात हो जाते हैं. किसानों की धान और मक्के की फसल वर्षों से प्रभावित हो रही है. इस वर्ष भी कछार क्षेत्र के कई गांव बारिश के पानी से घिरे हुए हैं. सबसे बदतर स्थित जमरु गांव की है. गांव में चारों तरफ पानी लगा हुआ है. मुख्य मार्ग पर भी कई फुट पानी भरा हुआ है. किसानों की फसलें बारिश के पानी में डूब गई हैं. पशुओं के लिए हरे चारे की किल्लत हो रही है. महीनों से जल जमाव होने से संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है. बारिश के पानी को गोर्रा नदी में जाने के लिए कई रेगुटर बनाए गए है, लेकिन विडम्बना है कि रेगुलेटर्स के रास्ते पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं निकल रहा है.
सभी रेगुलेटर नाम मात्र के लिए खुले है. विभागीय अधिकारियों की लापरवाही भी उजागर हो रही है. कछार क्षेत्र में रहने वाले लोगो का आरोप है कि हमारी समस्या का निराकरण कराने के लिए गोर्रा नदी के गोरखपुर देवरिया सीमा पर लगे कोटवा तटबन्ध के रेगुलेटर की स्थित को देखने के लिए अब तक कोई जनप्रतिनिधि या अधिकारी नहीं आया है. ग्रमीणों ने कोटवा तटबन्ध पर लगे रेगुलेटर को खुलवाने के लिए जिम्मेदारों से मांग की है.
ब्रह्मपुर ब्लॉक के कछार क्षेत्र रहने वाले रामबेलास यादव चंद्रशेखर व रामगणेश मौर्य ने बताया कि हमारे क्षेत्र में रेगुलेटर से बारिश का पानी नदी में नहीं जा पा रहा है. इसलिए कई गांवों में पानी भरा हुआ है. ग्रामीणों ने जिम्मेदारों से मांग की है कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए.