गोरखपुर: शिक्षक फर्जीवाड़ा में फर्जी शिक्षकों को बचाने के एवज में मोटी रकम ऐंठने का बड़ा मामला सामने आया है. यूपी एटीएफ की गोरखपुर यूनिट ने सिद्धार्थनगर बीएसए ऑफिस में तैनात स्टेनों और दो फर्जी शिक्षक समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.
धनउगाही का आरोप
गोरखपुर के एएसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने बताया कि इनके खिलाफ शिक्षक फर्जीवाड़ा में फंसे शिक्षकों को फांसकर धनउगाही करने का आरोप है. ये ऐसे शिक्षकों को चिन्हित कर उन्हें बचाने के नाम पर ऊंची रसूख का सब्जबाग दिखाकर ब्लैकमेल करते थे और उनसे मोटी रकम ऐठते रहे हैं. एसटीएफ ने इनके पास से ढाई लाख रुपये नकद, स्कार्पियों, दस्तावेज और मोबाइल बरामद किए हैं.
गिरफ्तार आरोपी शिक्षकों को बचाने के लिए रिश्वत लेते थे
रोहन प्रमोद बोत्रे ने बताया कि एसटीएफ गोरखपुर यूनिट ने कैण्ट इलाके के गोरखपुर क्लब के पास से पांच लोगों को देर रात गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान हरेन्द्र कुमार सिंह, चन्द्रदेव पाण्डेय, बाबूलाल चौधरी, अवधेश मिश्र और सचिदानंद पाण्डेय के रुप में की गई है. उन्होंने बताया कि इन पर आरोप है कि ये लोग जो फर्जी शिक्षकों का मामला सामने आ रहा है, उन शिक्षकों को बचाने के लिए उनसे रिश्वत लेते थे. गिरफ्तार आरोपी ऐसा दिखाते थे कि वह किसी सरकारी एजेंसी को जानते हैं.
थाना कैण्ट में मामला दर्ज
रोहन प्रमोद बोत्रे का कहना है कि इनके पास से कुछ रुपये और दस्तावेज बरामद हुए हैं. आरोपियों के खिलाफ थाना कैण्ट में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7/13 के तहत मामला दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया. इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. इसमें और कौन-कौन से लोग शामिल हैं यह विवेचना के क्रम में पता चलेगा.
एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट के हत्थे चढ़ा हरेन्द्र सिंह बीएसए ऑफिस में स्टेनों के पद पर कार्यरत है. वहीं सचिदानंद पाण्डेय और अवधेश मिश्रा फर्जी शिक्षक बताए जा रहे हैं. गिरफ्तार किया गया चन्द्रदेव पाण्डेय स्टेनों का ड्राइवर और और बाबू लाल बिचौलिया बताया जा रहा है. इनके पास से एसटीएफ ने कई सांसदों के सादे हस्ताक्षर किए हुए लेटर पैड और सामाजिक संस्थाओं के लेटर हेड बरामद किए हैं.