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गोरखपुर में धड़ल्ले से चल रहा फर्जी अस्पताल, जिम्मेदार कर रहे नजर अंदाज

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में मृत डॉक्टर के नाम से वैष्णवी अस्पताल चलाया जा रहा है. इस अस्पताल में फर्जी तरीके से मरीजों का इलाज किया जा रहा है. यह अस्पताल जिस डॉक्टर के नाम से रजिस्ट्रेशन किया गया है कि उसकी मृत्यु पहले ही हो चुकी है.

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Published : Jan 10, 2020, 12:17 PM IST

फर्जी अस्पताल का हुआ खुलासा
फर्जी अस्पताल का हुआ खुलासा

गोरखपुर: सरकार आम जनमानस के बेहतर स्वास्थ्य को लेकर काफी संवेदनशील है. आये दिन कुछ न कुछ जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है. इसके लिए सरकार सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए काफी बेहतर सुविधाएं मुहैया करा रखी है ताकि किसी भी मरीज को प्राइवेट अस्पतालों का दरवाजा न खटखटाना पड़े. कुछ लोगों की वजह से मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खुला खिलवाड़ किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग व सरकार की मंशा पर पानी फेरा जा रहा है. ऐसे में सरकार का यह सपना की 'स्वस्थ रहेगा, इंडिया तभी बढ़ेगा इंडिया' कैसे साकार होगा.

फर्जी अस्पताल का हुआ खुलासा.

मृत डॉक्टर के नाम पर चलाया जा रहा अस्पताल

जिले के अतरौलिया भटहट स्थित एक अस्पताल में जहां मृत डॉक्टर के नाम पर फर्जी अस्पताल चलाया जा रहा है. भटहट स्थित वैष्णवी हॉस्पिटल संचालित हो रहा है. यह अस्पताल फर्जी तरीके से चल रहा है और इसका रजिस्ट्रेशन किसी मृत डॉ. के नाम पर है. इसके बोर्ड पर जिन डॉक्टरों का नाम लिखा है वह डॉक्टर यहां नहीं बैठते हैं.

मरीजों का किया जा रहा है फर्जी इलाज
ईटीवी भारत की टीम जब वहां पहुंची तो पाया गया कि वहां मौजूद व्यक्ति जो कि अपने आप को अस्पताल का मालिक बता रहा था, पूछताछ के दौरान वह व्यक्ति कैमरे के सामने बोलने से टाल-मटोल करने लगा. यह अस्पताल किसी मृत डॉ. राघवेंद्र सिंह के नाम से चलाया जा रहा है और मरीजों का फर्जी इलाज किया जा रहा है.

अस्पताल में किए जाते है गैर-कानूनी काम

अस्पताल में स्थित एक कमरा बंद मिला और बोलने पर भी नहीं खोला गया. इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि उस कमरे में अल्ट्रासाउंड मशीन हो सकती है. इस यमराज रूपी अस्पताल भ्रूण हत्या जैसा जघन्य अपराध करता होगा. इस तरह के अस्पतालों पर बैन नहीं लगाया गया तो हो सकता है कि जो बेटियां इस संसार में आना चाहतीं हैं उनको गर्भ में ही मार दिया जाए.

डॉक्टर के जगह साला ने उठाया फोन
अस्पताल के मालिक के मोबाइल नंबर पर फोन किया गया तो डॉ. साहब के साले साहब राजकुमार ने फोन उठाया और बताया कि डॉ. साहब अब इस दुनियां में नहीं हैं. उनकों गुजरे लगभग सालों हो गए और इस तरह किसी अस्पताल से उनका कोई लेना देना नहीं है. जब डॉ. साहब जीवित थे तब इस रजिस्ट्रेशन के नाम से बिछिया में अस्पताल चलता था और अब नहीं चलता है.

किसी अन्य डॉक्टर के नाम से चलाया जा रहा है अस्पताल
वहीं अस्पताल के पर्चे पर अंकित डॉ. दीनानाथ पटेल जो कि एक सर्जन हैं और मेडिकल कॉलेज में कार्यरत थे और स्वेच्छा से सेवानिवृत्त हो चुके हैं. उनसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस अस्पताल से हमारा कोई लेना देना नहीं है. अगर कोई मेरे नाम का दुरुपयोग कर रहा है तो वह स्वयं दोषी है. इस मामले में सीएमओ डॉ. श्रीकांत त्रिपाठी का कहना है कि इस मामले की जांच की जाएगी. यदि दोषी पाए जाते हैं तो उस सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ें:- गोरखपुर: चौरी-चौरा में तहसील दिवस पर अधिकारियों ने सुनीं लोगों की फरियाद

गोरखपुर: सरकार आम जनमानस के बेहतर स्वास्थ्य को लेकर काफी संवेदनशील है. आये दिन कुछ न कुछ जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है. इसके लिए सरकार सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए काफी बेहतर सुविधाएं मुहैया करा रखी है ताकि किसी भी मरीज को प्राइवेट अस्पतालों का दरवाजा न खटखटाना पड़े. कुछ लोगों की वजह से मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खुला खिलवाड़ किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग व सरकार की मंशा पर पानी फेरा जा रहा है. ऐसे में सरकार का यह सपना की 'स्वस्थ रहेगा, इंडिया तभी बढ़ेगा इंडिया' कैसे साकार होगा.

फर्जी अस्पताल का हुआ खुलासा.

मृत डॉक्टर के नाम पर चलाया जा रहा अस्पताल

जिले के अतरौलिया भटहट स्थित एक अस्पताल में जहां मृत डॉक्टर के नाम पर फर्जी अस्पताल चलाया जा रहा है. भटहट स्थित वैष्णवी हॉस्पिटल संचालित हो रहा है. यह अस्पताल फर्जी तरीके से चल रहा है और इसका रजिस्ट्रेशन किसी मृत डॉ. के नाम पर है. इसके बोर्ड पर जिन डॉक्टरों का नाम लिखा है वह डॉक्टर यहां नहीं बैठते हैं.

मरीजों का किया जा रहा है फर्जी इलाज
ईटीवी भारत की टीम जब वहां पहुंची तो पाया गया कि वहां मौजूद व्यक्ति जो कि अपने आप को अस्पताल का मालिक बता रहा था, पूछताछ के दौरान वह व्यक्ति कैमरे के सामने बोलने से टाल-मटोल करने लगा. यह अस्पताल किसी मृत डॉ. राघवेंद्र सिंह के नाम से चलाया जा रहा है और मरीजों का फर्जी इलाज किया जा रहा है.

अस्पताल में किए जाते है गैर-कानूनी काम

अस्पताल में स्थित एक कमरा बंद मिला और बोलने पर भी नहीं खोला गया. इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि उस कमरे में अल्ट्रासाउंड मशीन हो सकती है. इस यमराज रूपी अस्पताल भ्रूण हत्या जैसा जघन्य अपराध करता होगा. इस तरह के अस्पतालों पर बैन नहीं लगाया गया तो हो सकता है कि जो बेटियां इस संसार में आना चाहतीं हैं उनको गर्भ में ही मार दिया जाए.

डॉक्टर के जगह साला ने उठाया फोन
अस्पताल के मालिक के मोबाइल नंबर पर फोन किया गया तो डॉ. साहब के साले साहब राजकुमार ने फोन उठाया और बताया कि डॉ. साहब अब इस दुनियां में नहीं हैं. उनकों गुजरे लगभग सालों हो गए और इस तरह किसी अस्पताल से उनका कोई लेना देना नहीं है. जब डॉ. साहब जीवित थे तब इस रजिस्ट्रेशन के नाम से बिछिया में अस्पताल चलता था और अब नहीं चलता है.

किसी अन्य डॉक्टर के नाम से चलाया जा रहा है अस्पताल
वहीं अस्पताल के पर्चे पर अंकित डॉ. दीनानाथ पटेल जो कि एक सर्जन हैं और मेडिकल कॉलेज में कार्यरत थे और स्वेच्छा से सेवानिवृत्त हो चुके हैं. उनसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस अस्पताल से हमारा कोई लेना देना नहीं है. अगर कोई मेरे नाम का दुरुपयोग कर रहा है तो वह स्वयं दोषी है. इस मामले में सीएमओ डॉ. श्रीकांत त्रिपाठी का कहना है कि इस मामले की जांच की जाएगी. यदि दोषी पाए जाते हैं तो उस सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ें:- गोरखपुर: चौरी-चौरा में तहसील दिवस पर अधिकारियों ने सुनीं लोगों की फरियाद

Intro:सहजनवां गोरखपुर:- सरकार एक ओर जहाँ आम जनमानस के बेहतर स्वास्थ्य को लेकर काफी संबेदन शील है और आये दिन कुछ न कुछ जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है ताकि आमजनमानस स्वस्थ और निरोग रहे इसके लिए सरकार सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए काफी बेहतर सुभिधाएँ मुहैया करा रखी है ताकि किसी भी मरीज को प्राइवेट अस्पतालों का दरवाजा न खटखटाना पड़े लेकिन कुछ कतिपय किस्म के लोगों की वजह से मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खुला खिलवाड़ किया जा रहा है और स्वास्थ्य विभाग व सरकार की मंशा पर पानी फेरा जा रहा है और जिम्मेदार मूकदर्शक बने हुए हैं ऐसे में सरकार का यह सपना की स्वस्थ रहेगा इंडिया तभी बढेगा इंडिया कैसे साकार होगा ऐसा ही वाकया गोरखपुर जिले के अतरौलिया भटहट स्थित एक अस्पताल पर देखने को मिला जहां मृत डॉक्टर के नाम पर फर्जी अस्पताल चलाया जा रहा है।Body:बताते चलें कि गोरखपुर के अतरौलिया भटहट स्थित वैष्णवी हॉस्पिटल संचालित होरहा है सूत्रों के हवाले से यह खबर मिली कि यह अस्पताल फर्जी तरीके से चलरहा है और इसका रजिस्ट्रेशन किसी मृत डॉ0के नाम पर है और इसके बोर्ड पर जिन डॉक्टरों का नाम लिखा है वह डॉक्टर यहाँ नहीं बैठते हैं।
जब इस खबर की पड़ताल पर सवांददाता पहुँचा तो मामला बिल्कुल सही पाया गया जब अस्पताल के रजिस्ट्रेशन के बारे में वहाँ मौजूद ब्यक्ति जो कि अपने आप को अस्पताल का मालिक बता रहा था पूछा गया तो पहले वह कैमरे के सामने बोलने से टाल मटोल कर रहा था फिर बाद में बोलने को तैयार हुआ तो पता चला कि यह रजिस्ट्रेशन इसके नाम से नहीं है अपितु किसी डॉ0राघवेंद्र सिंह के नाम से है और कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पायाConclusion:मेडिकल वेस्ट बेतरतीब तरीके से बाहर फेंके पाये गए अस्पताल में स्थित एक कमरा बंद मिला जिसे संवददाता के बार बार कहने पर भी नहीं खोला गया जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि उस कमरे में अल्ट्रासाउंड मशीन हो सकती है जिससे यह यमराज रूपी अस्पताल भ्रूण हत्या जैसा जघन्य अपराध करता होगा अगर इस तरह के अस्पतालों पर बैन नहीं लगाया गया तो हो सकता है कि जो बेटियां इस संसार में आना चाहतीं हैं उनको गर्भ में ही मार दिया जाय।
इस अस्पताल के मालिक जिनके नाम से रजिस्ट्रेशन है और उसपर अंकित मोबाइल नंबर पर जब उनसे बात की गई तो डॉ0 साहब के साले साहब राजकुमार ने फोन उठाया और बताया कि डॉ0साहब अब इस दुनियां में नहीं हैं उनकों गुजरे लगभग सालों हो गए और इस तरह किसी अस्पताल से उनका कोई लेना देना नहीं है जब डॉ साहब जीवित थे तब इस रजिस्ट्रेशन के नाम से बिछिया में अस्पताल चलता था अब नहीं चलता है।
वहीं अस्पताल के पर्चे पर अंकित डॉ0 दीनानाथ पटेल जो कि एक सर्जन हैं और मेडिकल कॉलेज में कार्यरत थे और स्वेच्छा से सेवानिवृत्त हो चुके हैं उनसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस अस्पताल से हमारा कोई लेनादेना नहीं है अगर कोई मेरे नाम का दुरुपयोग कर रहा है तो वह स्वयं दोषी है ।
इस बावत सी एम ओ डॉ0 श्रीकांत त्रिपाठी का कहना था कि मामला संज्ञान में आया है जिसकी जाँच की जाएगी अगर दोषी पायेजाते हैं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बाइट:- सी एम ओ डॉ0श्रीकांत त्रिपाठी
बाइट:- मृत डॉ0के परिजन राजकुमार
बाइट:- अस्पताल पर डिलीवरी कराने आये परिजन

मुकेश कुमार दुबे
सहजनवां विधानसभा
मो0:- 9621227277
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