गोरखपुरः विद्युत विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से पावर कॉरपोरेशन को लगभग 142 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. विभाग के गोरखपुर जोन में यह नुकसान कॉरपोरेशन के खाते में दर्ज हुआ है. दरअसल बिजली के कुछ ऐसे उपभोक्ता भी हैं जो बिजली का उपयोग करने के बाद बिल जमा नहीं कर रहे हैं. ऐसे उपभोक्ताओं पर बिलिंग कंपनी की बड़ी लापरवाही सामने आई है. मामला सामने आने के बाद एमडी पावर कॉरपोरेशन ने गोरखपुर मंडल के मुख्य अभियंता को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. एमडी पावर कॉरपोरेशन द्वारा बिजली बिल जमा न करने वाले उपभोक्ताओं को चिन्हित करके वसूली करने के निर्देश दिए हैं. एमडी पावर कॉरपोरेशन के नोटिस के बाद विभाग के अधिकारियों की सक्रियता बढ़ गई है.
वसूला जाएगा बकाया बिजली बिल, काटे जाएंगे कनेक्शन
गोरखपुर जोन में बिजली विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण विभाग को बड़ा झटका लगा है. गोरखपुर जोन के चीफ इंजीनियर देवेंद्र सिंह ने बताया कि ऐसे उपभोक्ताओं की कुल संख्या लगभग 2.44 लाख है. जो देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर और महाराजगंज जिले में कनेक्शन लिए हुए हैं. इन उपभोक्ताओं ने बिजली बिल का कभी भुगतान ही नहीं किया है.
पावर कॉरपोरेशन की जांच में यह मामला सामने आया है. जिसके बाद ऐसे उपभोक्ताओं को काली सूची में डाल दिया गया है. पावर कॉरपोरेशन ने यह सूची मुख्य अभियंता को भेज दी है. साथ ही यह निर्देश भी दिया है कि टीम बनाकर ऐसे उपभोक्ताओं की तलाश की जाए और उनसे बकाया बिजली बिल वसूला जाए.
ऐसे उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटने का भी निर्देश दिया गया है. मुख्य अभियंता ने जोन के सभी वितरण मंडलों को पत्र भेजकर नेवर पेमेंट वाले उपभोक्ताओं की तलाश करने का निर्देश दिया है.
बकाया बिजली बिल के उपभोक्ताओं का क्या है आंकड़ा ?
गोरखपुर जोन में बड़ी संख्या में ऐसे बिजली उपभोक्ता हैं, जिन्होंने कभी भी बिल का भुगतान नहीं किया है. आंकड़ों की बात करें तो जनपद महाराजगंज में ऐसे 6,6533 उपभोक्ता हैं, जिन पर 14 करोड़ 5 लाख रुपया बकाया है. वहीं कुशीनगर में 8,5686 उपभोक्ताओं पर 50 करोड़ 40 लाख, गोरखपुर में 2,4952 उपभोक्ताओं पर 65 करोड़ 37 लाख और देवरिया में 6,7571 उपभोक्ताओं पर 13 करोड़ 10 लाख रुपया बकाया है. विद्युत विभाग की सूची में जो बकायेदार शामिल हैं उन्हें विभाग ने वर्ष 2008 से लेकर वर्ष 2016 के बीच में कनेक्शन दिया था. विद्युत कनेक्शन देने के बाद बिजली विभाग ने बिल की वसूली नहीं की है.