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24 घंटे के उपवास पर विद्युत इंजीनियर, वेतन विसंगति समेत 18 मांगों को लेकर आंदोलन - गोरखपुर की ख़बर

गोरखपुर में राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन अपनी 18 सूत्री मांगों को लेकर 24 घंटे के उपवास पर हैं. इस दौरान वो मुख्य अभियंता कार्यालय पर उपवास धरना देते हुए अपनी मांगों पर विचार करने के लिए सरकार और प्रबंधन से अनुरोध कर रहा है.

24 घंटे के उपवास पर विद्युत इंजीनियर
24 घंटे के उपवास पर विद्युत इंजीनियर
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Published : Sep 14, 2021, 5:37 PM IST

गोरखपुरः 18 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन 24 घंटे के उपवास पर हैं. इस दौरान वो मुख्य अभियंता कार्यालय पर उपवास कर धरना देते हुए अपनी मांगों पर विचार करने के लिए सरकार और प्रबंधन से अनुरोध कर रहे हैं. अभियंता संघ का कहना है कि उनकी मांग वेतन विसंगति, वरिष्ठता निर्धारण, पुरानी पेंशन, ग्रेड पे से जुड़ी हुई हैं.

लाइनों, उपकेंद्रों के ब्रेकडाउन अटेंडेंट करने हेतु मेंटेनेंस सामग्री के उपलब्ध नहीं होने और यार्डस्टिक के अनुसार विभाग में कारकों की तैनाती से जुड़े मुद्दे शामिल हैं. उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दों पर सहमति और आदेश के बावजूद क्रियान्वयन नहीं होने की दशा में उनका संगठन विरोध में प्रबंधन की हठधर्मिता के खिलाफ भूख हड़ताल पर है. इस उपवास और धरना कार्यक्रम में गोरखपुर जिले के 157 अवर अभियंता, प्रोन्नत सहायक अभियंता और प्रोन्नत अधिशाषी अभियंता शामिल हैं.

वेतन विसंगति समेत 18 मांगों को लेकर आंदोलन
वेतन विसंगति समेत 18 मांगों को लेकर आंदोलन

अभियंता संघ के उपवास कार्यक्रम में उनके प्रांतीय उपाध्यक्ष अजय कुमार और क्षेत्रीय अध्यक्ष अमित कुमार निगम ने शामिल होकर अपने इंजीनियर साथियों का हौसला बढ़ाया. यही नहीं उपवास के इस कार्यक्रम को करने के दौरान उन्होंने अपने क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति को निर्बाध बनाए रखने पर भी पूरा ध्यान दिया. संगठन के प्रांतीय उपाध्यक्ष का कहना था कि विभाग में तैनात जूनियर इंजीनियर को प्रोन्नति देने में विभाग द्वारा दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है. सीधी भर्ती से आने वाले सहायक अभियंताओं को विज्ञापन के साथ ही वरिष्ठता क्रम निर्धारित कर दिया जा रहा है. जबकि विभाग में 10 सालों की सेवा देने के साथ प्रोन्नति पाने का हकदार है, उसे प्रोन्नति नहीं दी जा रही. यही नहीं वेतन के निर्धारण और ग्रेड पे के साथ भी असमानता अपनाई जा रही है. जो प्रबंधन की हठधर्मिता है. उन्होंने कहा कि इसके पूर्व भी प्रबंधन को जगाने के लिए आंदोलन हुआ है. यह उनके आंदोलन का दूसरा चरण है. इसके बाद भी प्रबंधन नहीं सुनता है, तो आने वाली 21 और 22 सितंबर को उनका संगठन और इंजीनियर 48 घंटे का उपवास रखकर एक बार फिर अपनी मांगों के लिए आवाज उठाएंगे.

इस दौरान क्षेत्रीय अध्यक्ष पुनीत कुमार निगम ने कहा कि अपने हक की लड़ाई लड़ना, उसके लिए आवाज उठाना, प्रबंधन और सरकार को अपनी मांगों की तरफ ध्यान दिलाने के लिए यह उपवास कार्यक्रम तो चल रहा है. लेकिन जो उनकी नैतिक और विभागीय जिम्मेदारी है, उससे वह पीछे नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि जनता को 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति मिले. लेकिन संसाधन का भारी अभाव है. ऐसे में विद्युत की समस्या आने में जूनियर इंजीनियर को ही जनता का सारा दबाव झेलना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सरकार और विभाग की छवि जनता के बीच बनाने का काम जूनियर इंजीनियर करता है. लेकिन न तो सरकार उनकी मांगों पर ध्यान दे रही है और न ही प्रबंधन गंभीरता से विचार कर रहा है. उन्होंने कहा कि अगर मांगे उनकी नहीं सुनी जाती हैं, तो 21 और 22 सितंबर को 48 घंटे का उपवास तो होगा ही इसके साथ ही 27 सितंबर से शक्ति भवन लखनऊ में प्रतिदिन 51-51 इंजीनियर्स का दल अनवरत उपवास पर बैठने का कार्य करेगा.

इसे भी पढ़ें- औद्योगिक इकाइयों से समृद्ध सहजनवा विधानसभा क्षेत्र, प्रदूषण,अधिग्रहण और बाढ़ यहां की मुख्य समस्या

उपवास के इस कार्यक्रम में इंजीनियर महेंद्र भारती, राजीव यादव, दुर्गा प्रसाद, सीबी चौरसिया, जितेंद्र नाथ, मृत्युंजय शर्मा, प्रमोद यादव, आशीष मिश्रा, अमित यादव, मनोज गुप्ता, निकेतन गुप्ता, जवाहिर कुमार, रोहन पांडेय, शिवम चौधरी, मुकेश कुमार, राजेश रंजन, कमलेश सिंह, गौतम कुमार, राम मनोहर, शशि कपूर और दीपक गुप्ता शामिल रहे.

गोरखपुरः 18 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन 24 घंटे के उपवास पर हैं. इस दौरान वो मुख्य अभियंता कार्यालय पर उपवास कर धरना देते हुए अपनी मांगों पर विचार करने के लिए सरकार और प्रबंधन से अनुरोध कर रहे हैं. अभियंता संघ का कहना है कि उनकी मांग वेतन विसंगति, वरिष्ठता निर्धारण, पुरानी पेंशन, ग्रेड पे से जुड़ी हुई हैं.

लाइनों, उपकेंद्रों के ब्रेकडाउन अटेंडेंट करने हेतु मेंटेनेंस सामग्री के उपलब्ध नहीं होने और यार्डस्टिक के अनुसार विभाग में कारकों की तैनाती से जुड़े मुद्दे शामिल हैं. उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दों पर सहमति और आदेश के बावजूद क्रियान्वयन नहीं होने की दशा में उनका संगठन विरोध में प्रबंधन की हठधर्मिता के खिलाफ भूख हड़ताल पर है. इस उपवास और धरना कार्यक्रम में गोरखपुर जिले के 157 अवर अभियंता, प्रोन्नत सहायक अभियंता और प्रोन्नत अधिशाषी अभियंता शामिल हैं.

वेतन विसंगति समेत 18 मांगों को लेकर आंदोलन
वेतन विसंगति समेत 18 मांगों को लेकर आंदोलन

अभियंता संघ के उपवास कार्यक्रम में उनके प्रांतीय उपाध्यक्ष अजय कुमार और क्षेत्रीय अध्यक्ष अमित कुमार निगम ने शामिल होकर अपने इंजीनियर साथियों का हौसला बढ़ाया. यही नहीं उपवास के इस कार्यक्रम को करने के दौरान उन्होंने अपने क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति को निर्बाध बनाए रखने पर भी पूरा ध्यान दिया. संगठन के प्रांतीय उपाध्यक्ष का कहना था कि विभाग में तैनात जूनियर इंजीनियर को प्रोन्नति देने में विभाग द्वारा दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है. सीधी भर्ती से आने वाले सहायक अभियंताओं को विज्ञापन के साथ ही वरिष्ठता क्रम निर्धारित कर दिया जा रहा है. जबकि विभाग में 10 सालों की सेवा देने के साथ प्रोन्नति पाने का हकदार है, उसे प्रोन्नति नहीं दी जा रही. यही नहीं वेतन के निर्धारण और ग्रेड पे के साथ भी असमानता अपनाई जा रही है. जो प्रबंधन की हठधर्मिता है. उन्होंने कहा कि इसके पूर्व भी प्रबंधन को जगाने के लिए आंदोलन हुआ है. यह उनके आंदोलन का दूसरा चरण है. इसके बाद भी प्रबंधन नहीं सुनता है, तो आने वाली 21 और 22 सितंबर को उनका संगठन और इंजीनियर 48 घंटे का उपवास रखकर एक बार फिर अपनी मांगों के लिए आवाज उठाएंगे.

इस दौरान क्षेत्रीय अध्यक्ष पुनीत कुमार निगम ने कहा कि अपने हक की लड़ाई लड़ना, उसके लिए आवाज उठाना, प्रबंधन और सरकार को अपनी मांगों की तरफ ध्यान दिलाने के लिए यह उपवास कार्यक्रम तो चल रहा है. लेकिन जो उनकी नैतिक और विभागीय जिम्मेदारी है, उससे वह पीछे नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि जनता को 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति मिले. लेकिन संसाधन का भारी अभाव है. ऐसे में विद्युत की समस्या आने में जूनियर इंजीनियर को ही जनता का सारा दबाव झेलना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सरकार और विभाग की छवि जनता के बीच बनाने का काम जूनियर इंजीनियर करता है. लेकिन न तो सरकार उनकी मांगों पर ध्यान दे रही है और न ही प्रबंधन गंभीरता से विचार कर रहा है. उन्होंने कहा कि अगर मांगे उनकी नहीं सुनी जाती हैं, तो 21 और 22 सितंबर को 48 घंटे का उपवास तो होगा ही इसके साथ ही 27 सितंबर से शक्ति भवन लखनऊ में प्रतिदिन 51-51 इंजीनियर्स का दल अनवरत उपवास पर बैठने का कार्य करेगा.

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उपवास के इस कार्यक्रम में इंजीनियर महेंद्र भारती, राजीव यादव, दुर्गा प्रसाद, सीबी चौरसिया, जितेंद्र नाथ, मृत्युंजय शर्मा, प्रमोद यादव, आशीष मिश्रा, अमित यादव, मनोज गुप्ता, निकेतन गुप्ता, जवाहिर कुमार, रोहन पांडेय, शिवम चौधरी, मुकेश कुमार, राजेश रंजन, कमलेश सिंह, गौतम कुमार, राम मनोहर, शशि कपूर और दीपक गुप्ता शामिल रहे.

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