गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विजयादशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में भगवान श्रीनाथ की पूजा की. वह 5 अक्टूबर से नवरात्र के पर्व पर गोरखनाथ मंदिर में निवास करते हुए देवी के विभिन्न रूपों की आराधना, पूजन, हवन और कुमारी कन्याओं का पूजन किए. इसके उपरांत विजयादशमी को उनका सबसे पहला कार्यक्रम श्रीनाथ पूजा का होता है जो बाबा गोरखनाथ की पूजा मानी जाती है. बाबा गोरखनाथ की पूजा एक राजा के रूप में की जाती है, जैसा कि भगवान राम का अयोध्या के राजा के रूप में होता है.
जयकारों से गूंज उठता है मंदिर
श्रीनाथ पूजा से पहले योगी आदित्यनाथ मंदिर परिसर स्थित पूजा गृह में मां भगवती की आराधना करते हैं. इसके बाद विशेष साज-सज्जा और साथ साधु-संतों के साथ शिव अवतारी कर बाबा गोरखनाथ की पूजा करके मुख्य मंदिर में प्रवेश करते हैं. इस दौरान वह यहां करीब डेढ़ घण्टे तक पूजा करते हैं और उनकी आरती उतारते हैं. योगी की इस पूजा के दौरान मंदिर परिसर में उनके अनुयायी शस्त्र और ढोल के साथ बड़े-बड़े डमरूओं से अपने करतब और उत्साह को प्रदर्शित करते रहते हैं. योगी इस पूजा के बाद मंदिर में स्थापित हर देवी-देवताओं को अपनी उपस्थिति देते हैं. वहीं इस दौरान मंदिर परिसर जयकारों से गूंजता रहता है.
इसे भी पढ़ें:- सीएम योगी ने 'तेजस एक्सप्रेस' को दिखाई हरी झंडी, जानिए क्या है ट्रेन की विशषता
श्री राम का तिलक करेंगे योगी
योगी आदित्यनाथ नवरात्र में कलश स्थापना के साथ व्रत करते हुए साधना में लीन रहते हैं और इस दौरान वह मंदिर से बाहर विजयादशमी के दिन ही निकलते हैं. वह भगवान राम का तिलक करने मानसरोवर स्थित राम लीला मैदान पहुंचते हैं लेकिन सीएम बनने के बाद उन्हें अपने इस पूजा के नियम और सिद्धांत में थोड़ा परिवर्तन करना पड़ा है. फिर भी वह 5 अक्टूबर से अनवरत मंदिर में रहकर सारे धार्मिक कार्यों और अनुष्ठान को पूरा किये है. आज उनका सबसे रोचक और भावपूर्ण कार्यक्रम राम का तिलक होगा जिसके लिए वह भव्य शोभा यात्रा के साथ निकलते हैं.