गोरखपुर: कोविड-19 के मामले में जिले के स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. संक्रमित के नाम की सूची मिलने के बाद संक्रमित मरीज को सामान्य क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती कराया और जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी उसको बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती करा दिया गया. इस बात की जानकारी जब मंडलायुक्त जयंत नारलीकर को मिली तो उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए जांच के आदेश दे दिए.
बेलघाट के शाहपुर के रहने वाले एक व्यक्ति को 100 बेड टीवी अस्पताल में क्वारंटाइन कराया गया था. उसी नाम का एक अन्य व्यक्ति पीपीगंज के रायपुर के क्वारंटाइन सेंटर में था. दोनों की रिपोर्ट आई तो रायपुर का व्यक्ति पॉजिटिव और शाहपुर का व्यक्ति निगेटिव मिला. रिपोर्ट मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम क्वारंटाइन सेंटर गई, जहां कोरोना पॉजिटिव को नाम से बुलाया. दोनों के नाम एक होने की वजह से गलतफहमी हो गई और कोरोना पॉजिटिव मरीज को सामान्य वार्ड में भेज दिया गया.
इसकी भनक जब स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को लगी तो उन्होंने आनन-फानन में मरीजों को सही इलाज के लिए सही जगह पर भेज दिया. लेकिन तब तक काफी देर हो गई थी क्योंकि संक्रमित मरीज सामान्य क्वारंटाइन में रह रहे लोगों के बीच घूम रहा था और सामान्य मरीज वाला इलाज भी करा रहा था. इसकी सूचना मिलने पर मंडलायुक्त जयंत नारलीकर ने स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को फटकार लगाई और जांच कर कार्रवाई करने की बात कही.