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दलित समाज में रोजगार क्रांति लाएगी अनुसूचित जाति अभ्युदय योजनाः लालजी प्रसाद निर्मल - गोरखपुर ताजा खबर

गोरखुपर जिले में अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन ने अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना को लांच किया. साथ ही इसकी विशेषताओं के बारे में मीडिया से चर्चा की.

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डॉक्टर लालजी प्रसाद निर्मल
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Published : Jul 18, 2022, 5:36 PM IST

गोरखपुरः उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन डॉक्टर लालजी प्रसाद निर्मल सोमवार को गोरखपुर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री के दलित उत्थान के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम अजय) को लांच किया. इस दौरान उन्होंने इस योजना की विशेषताओं को मीडिया के सामने रखा. उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से देश के अंदर दलित उद्योगपतियों को तैयार करने में बड़ी सफलता मिलेगी.

चेयरमैन डॉक्टर लालजी प्रसाद निर्मल

चेयरमैन डॉक्टर लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि इस योजना के माध्यम से दलित समाज में रोजगार को लेकर क्रांति आएगी. समूह बनाकर किसी बड़े प्रोजेक्ट पर काम करने वाले दलित समाज के लोगों को इस योजना से लाभान्वित करते हुए देश के विकास में आगे लाया जाएगा.

निर्मल ने कहा कि पहले से दलित उत्थान और रोजगार के लिए वित्त निगम की योजनाएं चल रही थी. जिसमें शहरी और ग्रामीण स्तर पर पात्रता के लिए 56 हजार से लेकर 46 हजार रुपये की आय निर्धारित थी. लेकिन अब प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना के तहत इस आय सीमा को खत्म कर दिया गया है. इसमें अब दलित समाज का कोई भी व्यक्ति किसी भी आय वर्ग का उद्योग और रोजगार के लिए आवेदन कर सकता है. लेकिन निगम अधिकतम ढाई लाख तक की आय वाले लोगों को ही प्राथमिकता देगा. उन्होंने कहा कि निगम की योजनाओं में अनुदान की राशि अधिकतम 50 हजार दी जाएगी.

पढ़ेंः जीएसटी दरों में बढ़ोतरी को लेकर अखिलेश यादव ने किया ट्वीट, लिखा- गई सारी तनख्वाह

डॉ. निर्मल ने कहा कि अनुसूचित जातियों को उद्यमी बनाने के लिए आजादी के बाद पहली बार पात्रता और अनुदान राशि में बड़ा परिवर्तन किया गया है. जिसके तहत कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प, हथकरघा उद्योग जैसा रोजगार किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अभी तक स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत देश में करीब बारह हजार दलित उद्यमी तैयार हो चुके हैं. जिनकी संख्या और बढे़गी. इन योजनाओं के माध्यम से अनुसूचित जाति के लोग सदियों से झेल रहे त्रासदी से बाहर निकलेंगे. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मोदी- योगी सरकार इस समाज के उत्थान में लगी है,आजादी के 100 वर्ष आते-आते अनुसूचित कहने की भी अनिवार्यता खत्म हो जाएगी.

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गोरखपुरः उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन डॉक्टर लालजी प्रसाद निर्मल सोमवार को गोरखपुर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री के दलित उत्थान के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम अजय) को लांच किया. इस दौरान उन्होंने इस योजना की विशेषताओं को मीडिया के सामने रखा. उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से देश के अंदर दलित उद्योगपतियों को तैयार करने में बड़ी सफलता मिलेगी.

चेयरमैन डॉक्टर लालजी प्रसाद निर्मल

चेयरमैन डॉक्टर लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि इस योजना के माध्यम से दलित समाज में रोजगार को लेकर क्रांति आएगी. समूह बनाकर किसी बड़े प्रोजेक्ट पर काम करने वाले दलित समाज के लोगों को इस योजना से लाभान्वित करते हुए देश के विकास में आगे लाया जाएगा.

निर्मल ने कहा कि पहले से दलित उत्थान और रोजगार के लिए वित्त निगम की योजनाएं चल रही थी. जिसमें शहरी और ग्रामीण स्तर पर पात्रता के लिए 56 हजार से लेकर 46 हजार रुपये की आय निर्धारित थी. लेकिन अब प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना के तहत इस आय सीमा को खत्म कर दिया गया है. इसमें अब दलित समाज का कोई भी व्यक्ति किसी भी आय वर्ग का उद्योग और रोजगार के लिए आवेदन कर सकता है. लेकिन निगम अधिकतम ढाई लाख तक की आय वाले लोगों को ही प्राथमिकता देगा. उन्होंने कहा कि निगम की योजनाओं में अनुदान की राशि अधिकतम 50 हजार दी जाएगी.

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डॉ. निर्मल ने कहा कि अनुसूचित जातियों को उद्यमी बनाने के लिए आजादी के बाद पहली बार पात्रता और अनुदान राशि में बड़ा परिवर्तन किया गया है. जिसके तहत कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प, हथकरघा उद्योग जैसा रोजगार किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अभी तक स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत देश में करीब बारह हजार दलित उद्यमी तैयार हो चुके हैं. जिनकी संख्या और बढे़गी. इन योजनाओं के माध्यम से अनुसूचित जाति के लोग सदियों से झेल रहे त्रासदी से बाहर निकलेंगे. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मोदी- योगी सरकार इस समाज के उत्थान में लगी है,आजादी के 100 वर्ष आते-आते अनुसूचित कहने की भी अनिवार्यता खत्म हो जाएगी.

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