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MMMTU दीक्षांत समारोह: एनआर नारायण मूर्ति को डीएससी की मानद उपाधि, इंफोसिस के हैं संस्थापक

गोरखपुर के एमएमएमटीयू दीक्षांत समारोह में इंफोसिस के संस्थापक इंजीनियर एनआर नारायण मूर्ति को डॉक्टरेट ऑफ साइंस की मानद उपाधि से नवाजा गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि तकनीक के क्षेत्र में काम करने वाले विद्यार्थियों के लिए अनंत अवसर हैं.

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Published : Aug 22, 2019, 6:03 PM IST

एनआर नारायण मूर्ति को डीएससी की मानद उपाधि.

गोरखपुर: इंफोसिस के संस्थापक इंजीनियर एनआर नारायण मूर्ति को एमएमएमटीयू की तरफ से डॉक्टरेट ऑफ साइंस की मानद उपाधि से नवाजा गया. नारायण मूर्ति विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि और दीक्षांत भाषण के प्रमुख वक्ता के रूप में यहां पहुंचे थे. खास बात यह है कि नारायण मूर्ति को यह सम्मान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों दिया गया, जिसपर जमकर तालियां बजी.

एनआर नारायण मूर्ति को डीएससी की मानद उपाधि.

तकनीक के क्षेत्र में विद्यार्थियों के लिए अनंत अवसर

  • नारायणमूर्ति ने इस दौरान कार्यक्रम के मंच से प्रमुख वक्ता के रूप में अपना संबोधन भी दिया, उनका पूरा संबोधन अंग्रेजी में था.
  • उन्होंने अपने संबोधन में इस बात की ओर साफ इशारा किया कि तकनीक के क्षेत्र में काम करने वाले विद्यार्थियों के लिए अनंत अवसर हैं.
  • वह कुछ नया करके सिर्फ अपना ही नहीं देश का मान बढ़ाएंगे, जिससे पूरी दुनिया लाभान्वित होगी.
  • नारायण मूर्ति ने कहा कि मौजूदा दौर में देश का विकास की दर भी अच्छी है. इन्वेस्टर्स भी देश में रुचि दिखा रहे हैं.

मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय को बने कुल पांच साल हुए हैं, लेकिन इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में यह पिछले 60 सालों से काम कर रहा था. जिसके तमाम विद्यार्थियों ने देश दुनिया में तकनीकी के क्षेत्र में अच्छा मुकाम हासिल किया है. विश्वविद्यालय बनने के बाद देश के नामी हस्तियों को बुलाना, उन्हें मानद उपाधि देना और उनके द्वारा अपने विश्वविद्यालय के होनहार छात्रों का मार्गदर्शन कराने की परंपरा की कड़ी में नारायण मूर्ति को यह सम्मान मिला है. यही नहीं पिछले साल के दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय ने यही मानद उपाधि मेट्रो मैन के नाम से विख्यात इंजीनियर श्रीधरन को दिया था.

गोरखपुर: इंफोसिस के संस्थापक इंजीनियर एनआर नारायण मूर्ति को एमएमएमटीयू की तरफ से डॉक्टरेट ऑफ साइंस की मानद उपाधि से नवाजा गया. नारायण मूर्ति विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि और दीक्षांत भाषण के प्रमुख वक्ता के रूप में यहां पहुंचे थे. खास बात यह है कि नारायण मूर्ति को यह सम्मान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों दिया गया, जिसपर जमकर तालियां बजी.

एनआर नारायण मूर्ति को डीएससी की मानद उपाधि.

तकनीक के क्षेत्र में विद्यार्थियों के लिए अनंत अवसर

  • नारायणमूर्ति ने इस दौरान कार्यक्रम के मंच से प्रमुख वक्ता के रूप में अपना संबोधन भी दिया, उनका पूरा संबोधन अंग्रेजी में था.
  • उन्होंने अपने संबोधन में इस बात की ओर साफ इशारा किया कि तकनीक के क्षेत्र में काम करने वाले विद्यार्थियों के लिए अनंत अवसर हैं.
  • वह कुछ नया करके सिर्फ अपना ही नहीं देश का मान बढ़ाएंगे, जिससे पूरी दुनिया लाभान्वित होगी.
  • नारायण मूर्ति ने कहा कि मौजूदा दौर में देश का विकास की दर भी अच्छी है. इन्वेस्टर्स भी देश में रुचि दिखा रहे हैं.

मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय को बने कुल पांच साल हुए हैं, लेकिन इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में यह पिछले 60 सालों से काम कर रहा था. जिसके तमाम विद्यार्थियों ने देश दुनिया में तकनीकी के क्षेत्र में अच्छा मुकाम हासिल किया है. विश्वविद्यालय बनने के बाद देश के नामी हस्तियों को बुलाना, उन्हें मानद उपाधि देना और उनके द्वारा अपने विश्वविद्यालय के होनहार छात्रों का मार्गदर्शन कराने की परंपरा की कड़ी में नारायण मूर्ति को यह सम्मान मिला है. यही नहीं पिछले साल के दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय ने यही मानद उपाधि मेट्रो मैन के नाम से विख्यात इंजीनियर श्रीधरन को दिया था.

Intro:गोरखपुर। इंफोसिस के संस्थापक इंजीनियर एन आर नारायण मूर्ति को आज मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय की तरफ से डीएससी(डॉक्टरेट ऑफ साइंस) की मानद उपाधि से नवाजा गया। नारायण मूर्ति विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि और दीक्षांत भाषण के प्रमुख वक्ता के रूप में यहां शिरकत करने पहुंचे थे। जहां समारोह के खचाखच भरे हाल में उन्हें यह सम्मान दिया गया। खास बात यह है कि नारायण मूर्ति को यह सम्मान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों दिया गया जिसपर जमकर तालियां बजी।


Body:नारायणमूर्ति ने इस दौरान कार्यक्रम के मंच से प्रमुख वक्ता के रूप में अपना संबोधन भी दिया। उनका पूरा संबोधन अंग्रेजी में था। लेकिन उन्होंने अपने संबोधन में इस बात की ओर साफ इशारा किया की तकनीक के क्षेत्र में काम करने वाले विद्यार्थियों के लिए अनंत अवसर है। वह कुछ नया करके सिर्फ अपना ही नहीं देश का मान बढ़ाएंगे जिससे पूरी दुनिया लाभान्वित होगी। नारायण मूर्ति ने कहा कि मौजूदा दौर में देश का विकास ग्रोथ भी अच्छा है। इन्वेस्टर्स भी देश में रुचि दिखा रहे हैं। साथ ही कई तरह के माहौल में परिवर्तन आया है। इसलिए लिहाज से विद्यार्थियों को आगे आना चाहिए।

बाइट--एनआर नारायण मूर्ति, इंफोसिस के संस्थापक


Conclusion:मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय बने कुल 5 वर्ष हुए हैं। लेकिन इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में यह पिछले 60 सालों से काम कर रहा था। जिसके तमाम विद्यार्थियों ने देश दुनिया में तकनीकी के क्षेत्र में अच्छा मुकाम हासिल किया है। विश्वविद्यालय बनने के बाद देश के नामी हस्तियों को बुलाना, उन्हें मानद उपाधि देना और उनके द्वारा अपने विश्वविद्यालय के होनहार छात्रों का मार्गदर्शन कराने की परंपरा की कड़ी में नारायणमूर्ति को यह सम्मान मिला है। यही नहीं पिछले वर्ष के दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय ने यही मानद उपाधि मेट्रो मैन के नाम से विख्यात इंजीनियर श्रीधरन को दिया था।

मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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