वाराणसी: डीएलडब्ल्यू में बनने वाले विद्युत रेल इंजनों के निर्माण लागत में कमी आई है. डीरेका द्वारा पिछले वर्षों की तुलना में विगत वित्तीय वर्ष में WAP7 एवं WAG9H विद्युत रेल इंजनों की लागत में क्रमश: लगभग 40 लाख रुपया (3.3%) एवं 60 लाख रुपया (5.6%) की कमी दर्ज हुई. डीजल रेल इंजन कारखाना में विद्युत रेल इंजनों का निर्माण वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रारम्भ हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान के अंतर्गत विद्युत रेल इंजनों के उत्पादन में लगातार वृद्धि हुई.
इस कड़ी में डीरेका ने पिछले वित्तीय वर्ष में न केवल विद्युत रेल इंजनों की उत्पादन में वृद्धि की, बल्कि डीरेका निर्मित विद्युत रेल इंजनों की लागत में भी काफी कमी भी दर्ज की है.
डीरेका के महाप्रबंधक यशपाल सिंह ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में विगत वित्तीय वर्ष में WAP7 एवं WAG9H विद्युत रेल इंजनों की लागत मे क्रमश: लगभग 40 लाख रुपया (3.3%) एवं 60 लाख रुपया (5.6%) की कमी दर्ज हुई.
उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए डीरेका ने श्रमिक, सामग्री और प्रबंधन से जुड़ी प्रचलित रणनीति अपनाई. विनिर्माण प्रक्रिया में श्रमिकों के मोर्चे पर, कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया, ताकि कम समय में रेल इंजनों का उत्पादन किया जा सके. कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए विभिन्न सेमिनार, प्रशिक्षण सत्र एवं व्यवहारिक प्रदर्शन को अपनाया गया. कार्यस्थल की स्थितियों में सुधार के द्वारा कर्मचारियों के मनोबल को भी बढ़ाया गया.
सामग्री के मोर्चे पर विद्युत रेल इंजनों के पूर्जों की प्रतिस्पर्धी खरीद को प्रोत्साहित किया गया. परिणामस्वरूप सामग्री की लागत में कमी आई. प्रबंधन के मोर्चे पर, रेल इंजन के निर्माण में लगने वाले समय-चक्र और कर्मचारियों को कम करने के लिए विभिन्न स्तरों पर पर्यवेक्षण को बढ़ाया गया. ओवरहेड लागत को कम करने के उपाय भी किए गए.
आपको बता दें कि, मात्र दो विद्युत रेल इंजनों के साथ वित्तीय वर्ष 2016-17 से डीरेका में विद्युत रेल इंजनों का उत्पादन प्रारम्भ हुआ. डीरेका ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में 145 विद्युत रेल इंजनों की तुलना में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 272 विद्युत रेल इंजनों का उत्पादन किया है.
वाराणसी: DLW ने विद्युत रेल इंजनों के उत्पादन लागत को किया कम - डीएलडब्ल्यू वाराणसी
यूपी के वाराणसी में डीजल रेल इंजन कारखाने में बनने विद्युत रेल इंजनों की लागत में भारी कमी आई है. डीरेका के महाप्रबंधक यशपाल सिंह ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में विगत वित्तीय वर्ष में WAP7 एवं WAG9H विद्युत रेल इंजनों की लागत में काफी कमी दर्ज हुई.
वाराणसी: डीएलडब्ल्यू में बनने वाले विद्युत रेल इंजनों के निर्माण लागत में कमी आई है. डीरेका द्वारा पिछले वर्षों की तुलना में विगत वित्तीय वर्ष में WAP7 एवं WAG9H विद्युत रेल इंजनों की लागत में क्रमश: लगभग 40 लाख रुपया (3.3%) एवं 60 लाख रुपया (5.6%) की कमी दर्ज हुई. डीजल रेल इंजन कारखाना में विद्युत रेल इंजनों का निर्माण वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रारम्भ हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान के अंतर्गत विद्युत रेल इंजनों के उत्पादन में लगातार वृद्धि हुई.
इस कड़ी में डीरेका ने पिछले वित्तीय वर्ष में न केवल विद्युत रेल इंजनों की उत्पादन में वृद्धि की, बल्कि डीरेका निर्मित विद्युत रेल इंजनों की लागत में भी काफी कमी भी दर्ज की है.
डीरेका के महाप्रबंधक यशपाल सिंह ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में विगत वित्तीय वर्ष में WAP7 एवं WAG9H विद्युत रेल इंजनों की लागत मे क्रमश: लगभग 40 लाख रुपया (3.3%) एवं 60 लाख रुपया (5.6%) की कमी दर्ज हुई.
उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए डीरेका ने श्रमिक, सामग्री और प्रबंधन से जुड़ी प्रचलित रणनीति अपनाई. विनिर्माण प्रक्रिया में श्रमिकों के मोर्चे पर, कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया, ताकि कम समय में रेल इंजनों का उत्पादन किया जा सके. कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए विभिन्न सेमिनार, प्रशिक्षण सत्र एवं व्यवहारिक प्रदर्शन को अपनाया गया. कार्यस्थल की स्थितियों में सुधार के द्वारा कर्मचारियों के मनोबल को भी बढ़ाया गया.
सामग्री के मोर्चे पर विद्युत रेल इंजनों के पूर्जों की प्रतिस्पर्धी खरीद को प्रोत्साहित किया गया. परिणामस्वरूप सामग्री की लागत में कमी आई. प्रबंधन के मोर्चे पर, रेल इंजन के निर्माण में लगने वाले समय-चक्र और कर्मचारियों को कम करने के लिए विभिन्न स्तरों पर पर्यवेक्षण को बढ़ाया गया. ओवरहेड लागत को कम करने के उपाय भी किए गए.
आपको बता दें कि, मात्र दो विद्युत रेल इंजनों के साथ वित्तीय वर्ष 2016-17 से डीरेका में विद्युत रेल इंजनों का उत्पादन प्रारम्भ हुआ. डीरेका ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में 145 विद्युत रेल इंजनों की तुलना में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 272 विद्युत रेल इंजनों का उत्पादन किया है.