ETV Bharat / state

गोरखपुर में जानलेवा बने जर्जर मकान, ध्वस्तीकरण बना नगर निगम के लिए बड़ा सवाल - विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष

यूपी के गोरखपुर जिले में करीब 128 मकान चिह्नित किए गए हैं, जो सैकड़ों वर्ष पुराने हैं. यह मकान कभी भी जानलेवा हो सकते हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jul 19, 2023, 11:49 AM IST

देखें पूरी खबर

गोरखपुर : बरसात के दिनों में जर्जर मकानों के गिरने से प्रदेश के कई हिस्सों के साथ ही गोरखपुर शहर में भी कई हादसे हो चुके हैं. जब-जब बारिश का मौसम आता है ऐसे मकानों को नगर निगम ध्वस्तीकरण के प्रयास में जुटता है, लेकिन यह मंशा कामयाब नहीं हो पा रही है. शहर में करीब 128 मकान चिह्नित किए गए हैं, जो सैकड़ों वर्ष पुराने हैं और जानलेवा हो चुके हैं. जर्जर मकानों को ध्वस्त करने के लिए सितंबर 2022 में ही आपदा प्रबंधन अधिनियम का हवाला देते हुए एसएसपी गोरखपुर, विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और नगर आयुक्त को लिखित पत्र भेजा गया था. इसमें लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता को नोडल अधिकारी भी बनाया गया था, जो इन जर्जर भवनों की आयु की गणना कर सकें. बावजूद इसके कार्रवाई शून्य है और बारिश के बीच खतरा कब उत्पन्न हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता.

गोरखपुर में जानलेवा बने जर्जर मकान
गोरखपुर में जानलेवा बने जर्जर मकान
गोरखपुर में जानलेवा बने जर्जर मकान
गोरखपुर में जानलेवा बने जर्जर मकान

हादसों की बात करें तो 3 फरवरी 2023 को कोतवाली क्षेत्र की बेनीगंज पुलिस चौकी की दीवार गिर गई थी. दीवार के नीचे दबकर आठ साल की मासूम की मौत हो गई थी. जिसके बाद जर्जर भवनों और दीवारों के संबंध में नगर निगम की कार्रवाई और तेज हो गई थी. करीब 134 मकान इसके दायरे में शहर में चिह्नित किए गए थे, जो सैकड़ों वर्ष पुराने हैं और जानलेवा हो चुके हैं. मौजूदा समय में नगर निगम में आंकड़ा 128 का बता रहा है. सितंबर 2022 में भी शहर के जगन्नाथपुर मोहल्ले में जर्जर भवन गिरने से एक युवक की मौत हो गई थी और परिवार के भी चार लोग घायल हुए थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसी घटनाओं में मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख मुआवजे की घोषणा भी की थी. ईटीवी भारत ने ऐसे लोगों से बात किया तो कुछ ने कहा कि 'डर तो लगता है तो, कुछ ने कहा कि बिल्डिंग सैकड़ों वर्ष पुरानी है. भूकंप में यह नहीं हिली, जबकि दूसरी हिल गई. ध्वस्तीकरण का मामला मकान मालिक और किराएदार के विवाद में फंसा पड़ा है. अधिकारी आते हैं देखते हैं और चले जाते हैं.'

गोरखपुर में जानलेवा बने जर्जर मकान
गोरखपुर में जानलेवा बने जर्जर मकान

इस संबंध में ईटीवी भारत ने नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल से बात किया तो उन्होंने कहा कि, 'निश्चित रूप से जो मकान जर्जर हैं वह लोगों के लिए जानलेवा न बनें उनके ध्वस्तीकरण का प्लान तैयार किया जाता है. नगर निगम के सुपरवाइजर, सफाई कर्मी, इंजीनियर ऐसे मकानों की लिस्ट तैयार करते हैं और उन्हें नोटिस भी भेजी जाती है. ताजा हालात में इसकी समीक्षा होनी है और जो कार्रवाई बची हुई है उसे पूर्ण किया जाएगा. जिन्हें नोटिस भेजी गई है उसकी समीक्षा की जाएगी. कार्रवाई हुई कि नहीं और कितनों को नोटिस भेजी जानी है उसको भी तेजी के साथ निपटाया जाएगा, जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके. उन्होंने कहा कि यह अभियान नगर निगम तेजी के साथ चलाएगा. ऐसे मकानों के पास पड़ोस में रहने वाले लोगों की सूचना को नगर निगम गंभीरता से लेता है और जांच कराता है.'

यह भी पढ़ें : बुलंदशहर में मकान का लिंटर गिरा, एक ही परिवार के चार लोगों की मौत, सीएम योगी ने लिया संज्ञान

देखें पूरी खबर

गोरखपुर : बरसात के दिनों में जर्जर मकानों के गिरने से प्रदेश के कई हिस्सों के साथ ही गोरखपुर शहर में भी कई हादसे हो चुके हैं. जब-जब बारिश का मौसम आता है ऐसे मकानों को नगर निगम ध्वस्तीकरण के प्रयास में जुटता है, लेकिन यह मंशा कामयाब नहीं हो पा रही है. शहर में करीब 128 मकान चिह्नित किए गए हैं, जो सैकड़ों वर्ष पुराने हैं और जानलेवा हो चुके हैं. जर्जर मकानों को ध्वस्त करने के लिए सितंबर 2022 में ही आपदा प्रबंधन अधिनियम का हवाला देते हुए एसएसपी गोरखपुर, विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और नगर आयुक्त को लिखित पत्र भेजा गया था. इसमें लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता को नोडल अधिकारी भी बनाया गया था, जो इन जर्जर भवनों की आयु की गणना कर सकें. बावजूद इसके कार्रवाई शून्य है और बारिश के बीच खतरा कब उत्पन्न हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता.

गोरखपुर में जानलेवा बने जर्जर मकान
गोरखपुर में जानलेवा बने जर्जर मकान
गोरखपुर में जानलेवा बने जर्जर मकान
गोरखपुर में जानलेवा बने जर्जर मकान

हादसों की बात करें तो 3 फरवरी 2023 को कोतवाली क्षेत्र की बेनीगंज पुलिस चौकी की दीवार गिर गई थी. दीवार के नीचे दबकर आठ साल की मासूम की मौत हो गई थी. जिसके बाद जर्जर भवनों और दीवारों के संबंध में नगर निगम की कार्रवाई और तेज हो गई थी. करीब 134 मकान इसके दायरे में शहर में चिह्नित किए गए थे, जो सैकड़ों वर्ष पुराने हैं और जानलेवा हो चुके हैं. मौजूदा समय में नगर निगम में आंकड़ा 128 का बता रहा है. सितंबर 2022 में भी शहर के जगन्नाथपुर मोहल्ले में जर्जर भवन गिरने से एक युवक की मौत हो गई थी और परिवार के भी चार लोग घायल हुए थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसी घटनाओं में मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख मुआवजे की घोषणा भी की थी. ईटीवी भारत ने ऐसे लोगों से बात किया तो कुछ ने कहा कि 'डर तो लगता है तो, कुछ ने कहा कि बिल्डिंग सैकड़ों वर्ष पुरानी है. भूकंप में यह नहीं हिली, जबकि दूसरी हिल गई. ध्वस्तीकरण का मामला मकान मालिक और किराएदार के विवाद में फंसा पड़ा है. अधिकारी आते हैं देखते हैं और चले जाते हैं.'

गोरखपुर में जानलेवा बने जर्जर मकान
गोरखपुर में जानलेवा बने जर्जर मकान

इस संबंध में ईटीवी भारत ने नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल से बात किया तो उन्होंने कहा कि, 'निश्चित रूप से जो मकान जर्जर हैं वह लोगों के लिए जानलेवा न बनें उनके ध्वस्तीकरण का प्लान तैयार किया जाता है. नगर निगम के सुपरवाइजर, सफाई कर्मी, इंजीनियर ऐसे मकानों की लिस्ट तैयार करते हैं और उन्हें नोटिस भी भेजी जाती है. ताजा हालात में इसकी समीक्षा होनी है और जो कार्रवाई बची हुई है उसे पूर्ण किया जाएगा. जिन्हें नोटिस भेजी गई है उसकी समीक्षा की जाएगी. कार्रवाई हुई कि नहीं और कितनों को नोटिस भेजी जानी है उसको भी तेजी के साथ निपटाया जाएगा, जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके. उन्होंने कहा कि यह अभियान नगर निगम तेजी के साथ चलाएगा. ऐसे मकानों के पास पड़ोस में रहने वाले लोगों की सूचना को नगर निगम गंभीरता से लेता है और जांच कराता है.'

यह भी पढ़ें : बुलंदशहर में मकान का लिंटर गिरा, एक ही परिवार के चार लोगों की मौत, सीएम योगी ने लिया संज्ञान
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.