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गोरखपुरः डीजी ट्रेनिंग पहुंचे औरंगाबाद, हस्त शिल्पियों के कुम्हारी कला को सराहा

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में आलाधिकारी विश्वविद्यालय टेराकोटा औरंगाबाद के दस्तकारों की कारीगरी देखने पहुंचे. उनका काफिला शनिवार देर शाम टेराकोटा के वर्कशॉप पर पहुंचा. वहां कुम्हारों की अद्भूत कला को देखकर प्रशंसा करते नहीं थके.

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डीजी ट्रेनिंग ने हस्त शिल्पियों की कुम्हारी कला देखी.
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Published : Feb 9, 2020, 9:56 AM IST

Updated : Feb 9, 2020, 10:11 AM IST

गोरखपुरः जिले का टेराकोटा और औरंगाबाद विश्व पटल पर विख्यात है. योगी सरकार ने टेराकोटा को 'एक जिला, एक उत्पाद' में शामिल किया है. उनके पुश्तैनी कला को गति देने के लिए माटीकला बोर्ड का गठन किया गया है. शिल्पियों को जब योजनाओं का लाभ मिलने लगा, तो उनकी नक्काशी और भी निखरने लगी. यह कला आकर्षण का केन्द्र बनता जा रहा है. जिले के आलाधिकारियों का वहां दौरा होना तो आम बात थी, लेकिन उसकी आकर्षण पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण सुजानवीर सिंह को वहां खींच ले गई.

डीजी ट्रेनिंग ने हस्त शिल्पियों की कुम्हारी कला देखी.

बता दें कि श्रीमती किरन यादव प्रधानाचार्य पुलिस अधीक्षक प्रशिक्षण केंद्र गोरखपुर एवं महेंद्र सिंह यादव एसपी ट्रेनिंग के साथ टेराकोटा औरंगाबाद पहुंचे. वहां के दस्तकारों द्वारा बनाये गए रंग-बिरंगे कलाकृतियों को देखकर कारीगरों की खूब प्रशंसा की.

आलाधिकारियों ने हस्तशिल्पियों की देखी अद्भुत कलाकारी
दूसरे आलाधिकारियों का काफिला टेराकोटा के वर्कशॉप पहुंचा. हस्तशिल्पियों द्वारा तैयार की गयी कलाकृतियां देख कर उकनी अद्भुत कलाकारी की प्रशंसा करते नहीं थक रहे थे. अधिकारियों ने शिल्पकारों द्वारा निर्मित एक से बढ़कर एक विभिन्न टेराकोटा के वस्तुओं को देख उनके बारे में जानकारी हासिल की.

हस्तशिल्पियों ने पुश्तैनी कला की बारीकियों को बताया
हस्तशिल्पी लक्ष्मी चंद प्रजापति एवं गुलाब चंद प्रजापति ने अपनी पुश्तैनी कला की बारीकियों को विस्तार से बताया. अधिकारियों ने मिट्टी की उपलब्धता के साथ टेराकोटा के कच्चे सामानों को पकाने के तरीके की जानकारी हासिल की. इस दौरान उन्होंने पूछा कि बच्चे भी इस काम को कैसे करते हैं. शिल्पियों ने बताया कि उनको देखते-देखते बच्चे खुद सीख लेते हैं.

गोरखपुरः जिले का टेराकोटा और औरंगाबाद विश्व पटल पर विख्यात है. योगी सरकार ने टेराकोटा को 'एक जिला, एक उत्पाद' में शामिल किया है. उनके पुश्तैनी कला को गति देने के लिए माटीकला बोर्ड का गठन किया गया है. शिल्पियों को जब योजनाओं का लाभ मिलने लगा, तो उनकी नक्काशी और भी निखरने लगी. यह कला आकर्षण का केन्द्र बनता जा रहा है. जिले के आलाधिकारियों का वहां दौरा होना तो आम बात थी, लेकिन उसकी आकर्षण पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण सुजानवीर सिंह को वहां खींच ले गई.

डीजी ट्रेनिंग ने हस्त शिल्पियों की कुम्हारी कला देखी.

बता दें कि श्रीमती किरन यादव प्रधानाचार्य पुलिस अधीक्षक प्रशिक्षण केंद्र गोरखपुर एवं महेंद्र सिंह यादव एसपी ट्रेनिंग के साथ टेराकोटा औरंगाबाद पहुंचे. वहां के दस्तकारों द्वारा बनाये गए रंग-बिरंगे कलाकृतियों को देखकर कारीगरों की खूब प्रशंसा की.

आलाधिकारियों ने हस्तशिल्पियों की देखी अद्भुत कलाकारी
दूसरे आलाधिकारियों का काफिला टेराकोटा के वर्कशॉप पहुंचा. हस्तशिल्पियों द्वारा तैयार की गयी कलाकृतियां देख कर उकनी अद्भुत कलाकारी की प्रशंसा करते नहीं थक रहे थे. अधिकारियों ने शिल्पकारों द्वारा निर्मित एक से बढ़कर एक विभिन्न टेराकोटा के वस्तुओं को देख उनके बारे में जानकारी हासिल की.

हस्तशिल्पियों ने पुश्तैनी कला की बारीकियों को बताया
हस्तशिल्पी लक्ष्मी चंद प्रजापति एवं गुलाब चंद प्रजापति ने अपनी पुश्तैनी कला की बारीकियों को विस्तार से बताया. अधिकारियों ने मिट्टी की उपलब्धता के साथ टेराकोटा के कच्चे सामानों को पकाने के तरीके की जानकारी हासिल की. इस दौरान उन्होंने पूछा कि बच्चे भी इस काम को कैसे करते हैं. शिल्पियों ने बताया कि उनको देखते-देखते बच्चे खुद सीख लेते हैं.

Intro:उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के आलाधिकारियों ने विश्वविद्यालय टेराकोटा औरंगाब के दस्तकारों की कारीगरी का अवलोकन करने से खुद को रोक नही पाये. उनका काफिला शनिवार की देर शाम टेराकोटा के वर्कशाप पर पहूंचा उनकी अद्भूत कला को देख कुम्हारों की प्रशंसा करते नही थके.

Body:पिपराइच गोरखपुरः गोरखपुर का टेराकोटा औरंगाबाद विश्व पटल पर विख्यात है. योगी सयकार ने टेराकोटा को एक जिला एक उत्पाद में शामिल किया. और उनके पुसतैनीय कला को गति देने के लिए माटीकला बोर्ड का गठन भी किया. शिल्पियों को जब योजनाओं का लाभ मिलने लगा तो उनकी नक्काशी और भी निखरने लगी और आकर्षकता केन्द्र बनता जा रहा है. जिले के आलाधिकारियों का वहां दौरा होना तो आम बात लेकिन उसकी आकर्षकता पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण सुजानवीर सिंह को वहां खीच ले गई. श्रीमती किरन यादव प्रधानाचार्य पुलिस अधीक्षक प्रशिक्षण केंद्र गोरखपुर एवं महेंद्र सिंह यादव एसपी ट्रेनिंग के साथ टेराकोटा औरंगाबाद पहूंचे. वहां के दस्तकारों द्वारा बनाये गए रंगबिरंगे कलाकृतियों देखकर कारीगरों के कारीगरी का खूब प्रशंसा किया.Conclusion:उपरोक्त आलाधिकारियों का काफिला टेराकोटा के वर्कशाप पहूंचा. हस्तशिल्पियों द्वारा तैयार की गयी कलाकृतियां देख कर उकनी अद्भुत कलाकारी की प्रशंसा करते नही थक रहे थे. अधिकारियों ने शिल्पकारों द्वारा निर्मित एक से बढ़कर एक विभिन्न टेराकोटा के वस्तुओं को देख उनके उनके बारे और जानकारी हासिल करने की उनकी जिज्ञासा जगी तो बुजुर्ग कुम्हारों से रुबरु हुए. हस्तशिल्पी लक्ष्मी चंद प्रजापति एवं गुलाब चंद प्रजापति ने अपनी पुस्तैनीय कला की बारीकियों को विस्तार से बताया. अधिकारियों ने मिट्टी की उपलब्धता के साथ टेराकोटा के कच्चे सामानों को पकाने के तरीके पर जानकारी हासिल किया. इस दौरान उन्होंने पूछा की बच्चे भी इस काम को कैसे करते है. शिल्पियों ने बताया कि उनको देखते देखते खुदबखुद सीख लेते है.

बाइट--सुजानवीर सिंह (डीजी ट्रेनिंग)

रफिउल्लाह अन्सारी 8318103822
Etv भारत पिपराइच गोरखपुर
Last Updated : Feb 9, 2020, 10:11 AM IST
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