गोरखपुर: कोरोना महामारी ने सिर्फ मानव जीवन पर ही असर नहीं डाला है, बल्कि इसने हर तरह के विकास कार्यों को भी खासा प्रभावित किया है. गोरखपुर में विकास की जो भी परियोजनाएं संचालित हो रही थीं, उनकी गति पर इस बीमारी ने ब्रेक लगा दिया है. हालांकि मुख्यमंत्री का शहर होने की वजह से जब अनलॉक शुरू हुआ तो निर्माण कार्यों पर जोर दिया गया. लोक निर्माण विभाग ही अपनी दो-तीन सड़कों को समय से पहले पूर्ण कर पाया, जबकि अभी दर्जनों सड़कों पर काम चल रहा है.
लोगों को हो रही परेशानी
शहर में जल निकासी की व्यवस्था हो या नगर निगम के द्वारा वार्ड में किए जाने वाला विकास कार्य, हॉटस्पॉट और भारी बारिश की वजह से सभी काम अधर में लटके हुए हैं. इससे लोग खासे परेशान हैं. शहर हो या जिला, यहां विकास की परियोजनाओं को गति देने के लिए लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, पंचायती राज विभाग, जल निगम और ग्राम्य विकास विभाग सहित नगर निगम काम करता है. करीब 10 करोड़ की 72 परियोजनाओं पर इस समय जिले में काम चल रहा है. वहीं 17 परियोजनाएं ऐसी हैं, जो स्वीकृत तो हैं, लेकिन फंड के अभाव में अभी शुरू नहीं की जा सकी है.
ये हैं सबसे बड़े प्रोजेक्ट
सबसे बड़े प्रोजेक्ट के रूप में यहां चिड़ियाघर, खाद कारखाना, एम्स, शहर के अंदर से होकर गुजरने वाली फोरलेन और जल निकासी है. यह सभी परियोजनाएं अप्रैल 2020 तक पूरी होनी थी, लेकिन अब इनके पूरे होने की उम्मीद दिसंबर 2020 लगाई जा रही है, जिसके लिए प्रदेश के मुख्य सचिव ने साफ निर्देश दे दिया है. चिड़ियाघर पर करीब 225 करोड़ का बजट खर्च होना हैं तो एम्स के निर्माण पर भी 13 सौ करोड़ का बजट खर्च होगा. जब से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई है तब से इन सब जगहों पर काम चल रहा है, लेकिन इस बीच भारी बारिश ने भी यहां के कामों पर ब्रेक लगाया है.
काम नहीं पकड़ रहा रफ्तार
खाद कारखाने के निर्माण पर 6500 करोड़ रुपये खर्च होंगे, लेकिन यहां का काम भी रफ्तार नहीं पकड़ रहा. लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता समय से पहले काम करा कर उत्साहित हैं और बाकी काम को भी पूर्ण करने में जुटे हैं, लेकिन बेतरतीब और लेटलतीफी में फंसे विकास कार्यों पर स्थानीय लोगों ने सीएम योगी से नजर डालने की अपील की है, जिससे उनकी परेशानी जल्दी से जल्दी कम हो सके.
शहर में बनाई जाएगी पहली सिक्स लेन
गोरखपुर में इसके अलावा जिला न्यायालय के कोर्ट रूम का भी काम चल रहा है, जिस पर 48.42 करोड़ रुपये खर्च होगा. शहर में पहली सिक्स लेन सड़क भी बनाई जाएगी, जो 14. 7 किलोमीटर की होगी. इसके निर्माण पर 205 करोड़ रुपये खर्च होगा. इसके अलावा पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस-वे पर भी काम तेजी से शुरू हो गया है. गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन के काम की प्रगति भी बहुत धीमी है. बनाई जाने वाली सड़क में इतने गड्ढे हैं कि 1 घंटे की दूरी 4 घंटे में तय हो रही है और दुर्घटनाएं अलग से होती हैं.
करोड़ों रुपये की चल रही सड़क परियोजनाएं
गोरखपुर से देवरिया के लिए बनाई जा रही फोरलेन में 267.47 करोड़ रुपये खर्च होगा. इसमें तीन पुल भी बनाए जाएंगे. गोरखपुर-महराजगंज मार्ग पर 434.91 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. शहर में नगर निगम का भवन भी बनाया जा रहा है, जिस पर 24 करोड़ रुपये खर्च होगा. इसी प्रकार मोहद्दीपुर-कौड़िया फोरलेन के निर्माण पर 285 करोड़ खर्च किये जाएंगे. इन सभी प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है और इसमें प्रवासी मजदूरों को भी काम मिला है.
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विभागीय आंकड़े के हिसाब से करीब 86 हजार प्रवासी मजदूरों को विभिन्न परियोजनाओं में लगाकर काम दिया गया है, जिसमें कुछ कुशल और अकुशल श्रमिक भी शामिल हैं. इसके अलावा जल निकासी और सीवर सिस्टम पर भी काम चल रहा है, लेकिन भारी बारिश ने इस काम को प्रभावित किया है. बिल्डर का काम करने वालों का भी काम इस महामारी में ठप पड़ा हुआ है.