ETV Bharat / state

गोरखपुर के खजनी विधानसभा सीट की डेमोग्राफिक रिपोर्ट, सुरक्षित सीट पर 'सुरक्षित यात्रा' की कठिनाई - गोरखपुर का समाचार

गोरखपुर में 9 विधानसभा सीटों में खजनी दूसरी सुरक्षित विधानसभा सीट है. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के सदल प्रसाद पिछले तीन दशकों में चार बार विधायक रहे हैं.

सुरक्षित सीट पर 'सुरक्षित यात्रा' की कठिनाई
सुरक्षित सीट पर 'सुरक्षित यात्रा' की कठिनाई
author img

By

Published : Oct 3, 2021, 3:37 PM IST

गोरखपुरः जिले की 9 विधानसभी सीटों में खजनी दूसरी सुरक्षित विधानसभा सीट है. बीजेपी के सदल प्रसाद पिछले चार बार से विधायक रहे हैं. मौजूदा कार्यकाल इनके लिए भले ही अच्छा हो, लेकिन जनता की नजर में ये पूरी तरह से लापरवाह और गायब चलने वाले विधायकों की श्रेणी में उठ खड़े हुए हैं. विधानसभा क्षेत्र की खस्ताहाल सड़क विधायक के विकास को पंचर कर रही है. इसलिए कहा जा रहा है कि इस सुरक्षित विधानसभा सीट पर सुरक्षित यात्रा करना लोगों के लिए खतरनाक हो गया है.

अगर मुख्य मार्ग को छोड़ दिया जाए तो खजनी तहसील ब्लॉक मुख्यालय को कनेक्ट करने वाली सड़कें, गांव को जोड़ने वाली सड़कें अधिकांश जर्जर ही हैं. इस विधानसभा क्षेत्र से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे कुछ हिस्सों को छूते हुए निकल रही है. जिससे किसानों को मुआवजे के रूप में अच्छी धनराशि मिली है. लेकिन बाकी किसानों को मंडी से लेकर उद्योग सब दूर की कौड़ी हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर रमापति राम त्रिपाठी का भी मूल निवास है. फिर भी इस क्षेत्र की न तो कभी बदहाली दूर हुई और न ही कोई ऐसी बड़ी उपलब्धि जिससे खजनी को जाना जा सके.

विधायक संत प्रसाद कहते हैं कि बीते 4 साल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य कराए हैं. जिसका सीधा लाभ जनता को मिल रहा है. घाघरा नदी की धारा मोड़ने का सीएम योगी से अनुरोध किया था. जो कटेया से जिगनिया शाहपुर तक 60 करोड़ की लागत से हुआ. बंधों पर बोल्डर, पिचिंग का कार्य हुआ. जिसकी वजह से 30 गांव आज बाढ़ से मुक्त हैं.

कोरोना को देखते हुए हरनही सीएचसी पर ऑक्सीजन प्लांट लगवाया गया. बनकटा घाट पर पक्के पुल का निर्माण कराया गया. उनके क्षेत्र के गड़ौना में विद्युत उप केंद्र की स्थापना हुई. सिकरीगंज-बेलघाट मार्ग का चौड़ीकरण हुआ. हरिहरपुर में वनवासी आश्रम की स्थापना हुई. जिसका सीधा लाभ जनता को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ योजनाएं कोविड-19 की वजह से प्रभावित हुई हैं. फिर भी विधानसभा क्षेत्र में ऐसे बहुत कार्य हुए हैं, जो क्षेत्र की जनता को लाभ पहुंचा रहे हैं. उनके खिलाफ बोलने वाले लोग कहीं न कहीं विरोधी दलों से जुड़े हुए लोग हैं. इसलिए उन्हें खजनी में हुआ विकास दिखाई नहीं देता.

पिछले चुनाव में उनके निकटतम प्रतिद्वंदी रहे बसपा के राजकुमार कहते हैं कि विधायक लोगों को क्षेत्र में नजर ही नहीं आते. जनता उन्हें ढूंढती है, वह कई बार के विधायक होकर अब जनता को भूलने पर उतारू हैं. टूटी सड़कें इस क्षेत्र की पहचान है. विधायक चाहे जो भी दावे करें.

बात करें विधायक के वादे की तो क्षेत्र के कटेया और बलुआ मार्ग को नाले के गंदा पानी से निजात दिलाने का उनका चुनावी वादा अभी भी अधूरा है. इसके चलते लोगों को 10 किलोमीटर अतिरिक्त घूमकर यात्रा करनी पड़ती है. खास बात है कि खजनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाने के लिए ही बड़ी असुविधा है. इस सीजन में घनघोर हुई बारिश में अस्पताल पानी में डूबा तो लोगों को घुटने भर पानी में घुसकर इलाज के लिए अस्पताल जाना हुआ.

इसे भी पढ़ें- जानिए मेरठ में GPS से क्यों खोजी जा रही गौरैया, क्या है इसका मकसद!

इस क्षेत्र में विकास की गंगा तब रही थी. जब यहां के मूल निवासी वीर बहादुर सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री हुए थे. उन्होंने ही खजनी को तहसील बनवाया. प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था कराई. संचार केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र समेत आईटीआई और कई अन्य सारी सुविधाओं को उन्होंने क्षेत्र में शुरू कराया. लेकिन उनके जाने के बाद धीरे-धीरे यह व्यवस्थाएं अव्यवस्था की शिकार हो गईं. संत प्रसाद को क्षेत्र की जनता ने चार बार और समाजवादी पार्टी के खाते में भी यह सीट दो बार रही. अब आने वाले विधानसभा चुनाव में यह सीट किस दल के कब्जे में जाती है. यह देखने वाली बात होगी. क्षेत्र में कुल 3,73,202 मतदाता हैं. जिसमें दो लाख 6,561 पुरुष मतदाता और 1,66,641 महिला मतदाता है. सुरक्षित सीट में दलितों की संख्या ज्यादा है. लेकिन विधायक वहीं बनता है. जिसके ऊपर क्षेत्र के ब्राह्मण और क्षत्रिय मतदाता की कृपा होती है.

गोरखपुरः जिले की 9 विधानसभी सीटों में खजनी दूसरी सुरक्षित विधानसभा सीट है. बीजेपी के सदल प्रसाद पिछले चार बार से विधायक रहे हैं. मौजूदा कार्यकाल इनके लिए भले ही अच्छा हो, लेकिन जनता की नजर में ये पूरी तरह से लापरवाह और गायब चलने वाले विधायकों की श्रेणी में उठ खड़े हुए हैं. विधानसभा क्षेत्र की खस्ताहाल सड़क विधायक के विकास को पंचर कर रही है. इसलिए कहा जा रहा है कि इस सुरक्षित विधानसभा सीट पर सुरक्षित यात्रा करना लोगों के लिए खतरनाक हो गया है.

अगर मुख्य मार्ग को छोड़ दिया जाए तो खजनी तहसील ब्लॉक मुख्यालय को कनेक्ट करने वाली सड़कें, गांव को जोड़ने वाली सड़कें अधिकांश जर्जर ही हैं. इस विधानसभा क्षेत्र से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे कुछ हिस्सों को छूते हुए निकल रही है. जिससे किसानों को मुआवजे के रूप में अच्छी धनराशि मिली है. लेकिन बाकी किसानों को मंडी से लेकर उद्योग सब दूर की कौड़ी हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर रमापति राम त्रिपाठी का भी मूल निवास है. फिर भी इस क्षेत्र की न तो कभी बदहाली दूर हुई और न ही कोई ऐसी बड़ी उपलब्धि जिससे खजनी को जाना जा सके.

विधायक संत प्रसाद कहते हैं कि बीते 4 साल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य कराए हैं. जिसका सीधा लाभ जनता को मिल रहा है. घाघरा नदी की धारा मोड़ने का सीएम योगी से अनुरोध किया था. जो कटेया से जिगनिया शाहपुर तक 60 करोड़ की लागत से हुआ. बंधों पर बोल्डर, पिचिंग का कार्य हुआ. जिसकी वजह से 30 गांव आज बाढ़ से मुक्त हैं.

कोरोना को देखते हुए हरनही सीएचसी पर ऑक्सीजन प्लांट लगवाया गया. बनकटा घाट पर पक्के पुल का निर्माण कराया गया. उनके क्षेत्र के गड़ौना में विद्युत उप केंद्र की स्थापना हुई. सिकरीगंज-बेलघाट मार्ग का चौड़ीकरण हुआ. हरिहरपुर में वनवासी आश्रम की स्थापना हुई. जिसका सीधा लाभ जनता को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ योजनाएं कोविड-19 की वजह से प्रभावित हुई हैं. फिर भी विधानसभा क्षेत्र में ऐसे बहुत कार्य हुए हैं, जो क्षेत्र की जनता को लाभ पहुंचा रहे हैं. उनके खिलाफ बोलने वाले लोग कहीं न कहीं विरोधी दलों से जुड़े हुए लोग हैं. इसलिए उन्हें खजनी में हुआ विकास दिखाई नहीं देता.

पिछले चुनाव में उनके निकटतम प्रतिद्वंदी रहे बसपा के राजकुमार कहते हैं कि विधायक लोगों को क्षेत्र में नजर ही नहीं आते. जनता उन्हें ढूंढती है, वह कई बार के विधायक होकर अब जनता को भूलने पर उतारू हैं. टूटी सड़कें इस क्षेत्र की पहचान है. विधायक चाहे जो भी दावे करें.

बात करें विधायक के वादे की तो क्षेत्र के कटेया और बलुआ मार्ग को नाले के गंदा पानी से निजात दिलाने का उनका चुनावी वादा अभी भी अधूरा है. इसके चलते लोगों को 10 किलोमीटर अतिरिक्त घूमकर यात्रा करनी पड़ती है. खास बात है कि खजनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाने के लिए ही बड़ी असुविधा है. इस सीजन में घनघोर हुई बारिश में अस्पताल पानी में डूबा तो लोगों को घुटने भर पानी में घुसकर इलाज के लिए अस्पताल जाना हुआ.

इसे भी पढ़ें- जानिए मेरठ में GPS से क्यों खोजी जा रही गौरैया, क्या है इसका मकसद!

इस क्षेत्र में विकास की गंगा तब रही थी. जब यहां के मूल निवासी वीर बहादुर सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री हुए थे. उन्होंने ही खजनी को तहसील बनवाया. प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था कराई. संचार केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र समेत आईटीआई और कई अन्य सारी सुविधाओं को उन्होंने क्षेत्र में शुरू कराया. लेकिन उनके जाने के बाद धीरे-धीरे यह व्यवस्थाएं अव्यवस्था की शिकार हो गईं. संत प्रसाद को क्षेत्र की जनता ने चार बार और समाजवादी पार्टी के खाते में भी यह सीट दो बार रही. अब आने वाले विधानसभा चुनाव में यह सीट किस दल के कब्जे में जाती है. यह देखने वाली बात होगी. क्षेत्र में कुल 3,73,202 मतदाता हैं. जिसमें दो लाख 6,561 पुरुष मतदाता और 1,66,641 महिला मतदाता है. सुरक्षित सीट में दलितों की संख्या ज्यादा है. लेकिन विधायक वहीं बनता है. जिसके ऊपर क्षेत्र के ब्राह्मण और क्षत्रिय मतदाता की कृपा होती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.