ETV Bharat / state

DDU के छात्रों का मेस बंद होने पर हंगामा, विश्वविद्यालय प्रबंधन पर लगाया ठगी का आरोप

पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में मेस के नाम पर 17 हजार वसूलने के बाद सिर्फ 3 दिन में ही मेस चलाकर बंद कर दी गई. ऐसी ठंड में खाने का समय से इंतजाम न होने से छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया है. छात्र विश्वविद्यालय प्रबंधन की इस हठधर्मिता के खिलाफ आंदोलन पर उतर आए हैं और कुलपति कार्यालय पर धरने पर आ बैठे हैं.

DDU के छात्रों का मेस बंद होने पर हंगामाDDU के छात्रों का मेस बंद होने पर हंगामा
DDU के छात्रों का मेस बंद होने पर हंगामाDDU के छात्रों का मेस बंद होने पर हंगामा
author img

By

Published : Dec 22, 2021, 11:52 AM IST

गोरखपुर: पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में आजकल शैक्षणिक गतिविधियों से ज्यादा आंदोलन और सत्याग्रह की गतिविधियां तेज हो गई हैं. विश्वविद्यालय की कई व्यवस्थाओं पर प्रोफेसर से लेकर छात्र तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं. हालात यहां तक बन पड़े कि उनको सड़क पर उतरकर आंदोलन करना पड़ रहा है. ताजा मामला विश्वविद्यालय के नाथ चंद्रावत हॉस्टल में रहने वाले छात्रों का है. जिनसे विश्वविद्यालय ने मेस के नाम पर साल भर की फीस 17 हजार वसूलने के बाद सिर्फ 3 दिन में ही मेस चलाकर बंद कर दी. ठंड में खाने का समय से इंतजाम न होने से छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया है.

छात्र विश्वविद्यालय प्रबंधन की इस हठधर्मिता के खिलाफ आंदोलन पर उतर आए और कुलपति कार्यालय पर धरने पर आ बैठे हैं. उनकी मांग है कि जब एक माह पूर्व ही उनसे मेस की फीस विश्वविद्यालय ने वसूल लिया था तो मेस के संचालन के लिए किसी उचित फर्म को जिम्मेदारी क्यों नहीं दी गई. आखिर में वह खाना खाने के लिए अब जाए तो जाए कहां. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रबंधन से तत्काल पैसा वापस करने को कहा है.

DDU के छात्रों का मेस बंद होने पर हंगामा
वहीं मेस बंद होने और और छात्रों को उनका पैसा तत्काल वापस करने के संबंध में हॉस्टल वार्डन प्रोफेसर श्रीकांत सिंह से ईटीवी भारत ने जब बात की तो उन्होंने कहा कि हॉस्टल में अराजक तत्वों के पहुंचने से मेस को बंद करना पड़ा है. जो मेस संचालक की मजबूरी हो गई. उन्होंने छात्रों से मेस संचालन में सहयोग की उम्मीद जताई थी लेकिन छात्रों से कोई सहयोग नहीं मिल रहा था और बाहरी बच्चे आकर जबरन खाना खा जा रहे थे. रही बात छात्रों के पैसे वापस करने की तो उसके लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन से बात की जा रही है. वहीं छात्रों का आरोप था कि विश्वविद्यालय प्रबंधन और हॉस्टल वार्डन अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं. हॉस्टल में अराजक तत्वों का प्रवेश रोकना विश्वविद्यालय प्रबंधन और हॉस्टल वार्डन की जिम्मेदारी है, जो बाहरी छात्र आ रहे हैं उनसे हॉस्टल के छात्र लड़ाई-झगड़ा नहीं कर सकते. वह पढ़ने आए हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रबंधन उनकी पढ़ाई में अव्यवस्थाएं फैलाकर बाधा डाल रहा है. उन्होंने मेस संचालक के मनमानी रवैये का भी खुलासा किया और कहा कि छात्रों को भरपेट भोजन कराने की बजाय दो-चार रोटी परोसकर वह अपना काम समेट लेना चाह रहे थे जबकि पैसे पूरे लिए गए हैं.यह
भी पढ़ें- लव जिहाद मामले में पहला फैसला, कानपुर कोर्ट ने आरोपी को सुनाई 10 साल की सजा



छात्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रबंधन का मेस को लेकर इस तरह का यह पहला मामला नहीं है. पिछले वर्षों में भी छात्र मेस की व्यवस्था के नाम पर ठगे गए हैं. विश्वविद्यालय उनसे पैसे तो वसूल लेता है लेकिन सुविधाएं दे पाने में सफल नहीं होता. छात्र भूखे पेट दौड़ते हैं. अपने मेस फीस की वापसी की मांग करते हैं, लेकिन विश्वविद्यालय उन्हें टुकड़े-टुकड़े में भी फीस वापस नहीं कर पाता. इस बार की व्यवस्था से वह बेहद गुस्से में हैं. उन्होंने साफ कहा कि अगर उनका पैसा समय से वापस नहीं होता तो वह हॉस्टल के अंदर ही भूख हड़ताल करने को मजबूर होंगे. जिसकी जिम्मेदारी विश्व विद्यालय प्रबंधन की होगी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

गोरखपुर: पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में आजकल शैक्षणिक गतिविधियों से ज्यादा आंदोलन और सत्याग्रह की गतिविधियां तेज हो गई हैं. विश्वविद्यालय की कई व्यवस्थाओं पर प्रोफेसर से लेकर छात्र तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं. हालात यहां तक बन पड़े कि उनको सड़क पर उतरकर आंदोलन करना पड़ रहा है. ताजा मामला विश्वविद्यालय के नाथ चंद्रावत हॉस्टल में रहने वाले छात्रों का है. जिनसे विश्वविद्यालय ने मेस के नाम पर साल भर की फीस 17 हजार वसूलने के बाद सिर्फ 3 दिन में ही मेस चलाकर बंद कर दी. ठंड में खाने का समय से इंतजाम न होने से छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया है.

छात्र विश्वविद्यालय प्रबंधन की इस हठधर्मिता के खिलाफ आंदोलन पर उतर आए और कुलपति कार्यालय पर धरने पर आ बैठे हैं. उनकी मांग है कि जब एक माह पूर्व ही उनसे मेस की फीस विश्वविद्यालय ने वसूल लिया था तो मेस के संचालन के लिए किसी उचित फर्म को जिम्मेदारी क्यों नहीं दी गई. आखिर में वह खाना खाने के लिए अब जाए तो जाए कहां. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रबंधन से तत्काल पैसा वापस करने को कहा है.

DDU के छात्रों का मेस बंद होने पर हंगामा
वहीं मेस बंद होने और और छात्रों को उनका पैसा तत्काल वापस करने के संबंध में हॉस्टल वार्डन प्रोफेसर श्रीकांत सिंह से ईटीवी भारत ने जब बात की तो उन्होंने कहा कि हॉस्टल में अराजक तत्वों के पहुंचने से मेस को बंद करना पड़ा है. जो मेस संचालक की मजबूरी हो गई. उन्होंने छात्रों से मेस संचालन में सहयोग की उम्मीद जताई थी लेकिन छात्रों से कोई सहयोग नहीं मिल रहा था और बाहरी बच्चे आकर जबरन खाना खा जा रहे थे. रही बात छात्रों के पैसे वापस करने की तो उसके लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन से बात की जा रही है. वहीं छात्रों का आरोप था कि विश्वविद्यालय प्रबंधन और हॉस्टल वार्डन अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं. हॉस्टल में अराजक तत्वों का प्रवेश रोकना विश्वविद्यालय प्रबंधन और हॉस्टल वार्डन की जिम्मेदारी है, जो बाहरी छात्र आ रहे हैं उनसे हॉस्टल के छात्र लड़ाई-झगड़ा नहीं कर सकते. वह पढ़ने आए हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रबंधन उनकी पढ़ाई में अव्यवस्थाएं फैलाकर बाधा डाल रहा है. उन्होंने मेस संचालक के मनमानी रवैये का भी खुलासा किया और कहा कि छात्रों को भरपेट भोजन कराने की बजाय दो-चार रोटी परोसकर वह अपना काम समेट लेना चाह रहे थे जबकि पैसे पूरे लिए गए हैं.यह
भी पढ़ें- लव जिहाद मामले में पहला फैसला, कानपुर कोर्ट ने आरोपी को सुनाई 10 साल की सजा



छात्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रबंधन का मेस को लेकर इस तरह का यह पहला मामला नहीं है. पिछले वर्षों में भी छात्र मेस की व्यवस्था के नाम पर ठगे गए हैं. विश्वविद्यालय उनसे पैसे तो वसूल लेता है लेकिन सुविधाएं दे पाने में सफल नहीं होता. छात्र भूखे पेट दौड़ते हैं. अपने मेस फीस की वापसी की मांग करते हैं, लेकिन विश्वविद्यालय उन्हें टुकड़े-टुकड़े में भी फीस वापस नहीं कर पाता. इस बार की व्यवस्था से वह बेहद गुस्से में हैं. उन्होंने साफ कहा कि अगर उनका पैसा समय से वापस नहीं होता तो वह हॉस्टल के अंदर ही भूख हड़ताल करने को मजबूर होंगे. जिसकी जिम्मेदारी विश्व विद्यालय प्रबंधन की होगी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.