गोरखपुर : प्रतिबंधित संगठन पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) पर शिकंजा कसने के लिए एनआईए (NIA) की टीम पूरे देश में छापेमारी कर रही है. टीम ने बुधवार की शाम इसी क्रम में गोरखपुर में भी छापेमारी की. शहर के बक्शीपुर और नखास चौक पर धार्मिक पुस्तक केंद्र और प्रिंटिंग प्रेस पर टीम पहुंची. टीम में शामिल सदस्य करीब चार घंटे जांच करते रहे. टीम ने दुकानदार द्वारा खरीदे गए धार्मिक पुस्तकों के बिल व प्रपत्रों की जांच की. हालांकि टीम को कुछ नहीं मिला. टीम ने किसी को पूछताछ के लिए हिरासत में भी नहीं लिया.
टीम ने पांच शहरों में की छापेमारी : केंद्र सरकार ने कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया और इससे जुड़े कई संगठनों पर 5 वर्ष के लिए प्रतिबंध लगा रखा है. ही वजह है कि जांच एजेंसी कहीं भी इस संगठन से जुड़े लोगों के बारे में जानकारी मिलते ही वहां छापेमारी कर सुबूत जुटाने में लग जाती है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को गोरखपुर समेत उत्तर प्रदेश के 5 शहरों लखनऊ, सिद्धार्थनगर, संत रविदास नगर और कानपुर में भी छापेमारी की.
कागजात और बिल को किया चेक : गोरखपुर में बक्शीपुर और नखास चौक पर धार्मिक पुस्तक केंद्र और प्रिंटिंग प्रेस पर पहुंचकर टीम ने जांच-पड़ताल की. यहां टीम को कुछ नहीं मिला. गुरुवार को दुकानदार जमालुदीन ने बताया कि टीम ने उनकी दुकान के एक-एक कागजात और बिल को चेक किया. टीम को कुछ नहीं मिला. दुकानदार ने बताया कि टीम की जांच से वह थोड़े हैरान जरूर हुए, क्योंकि संगठन या संगठन से जुड़े किसी व्यक्ति से उनका कोई लेना-देना नहीं है. जांच के बाद टीम लौट गई.
गोरखपुर में पीएफआई के 7 सदस्य : लखनऊ के इंस्पेक्टर के नेतृत्व में 6 सदस्यीय टीम ने इस छापेमारी को अंजाम दिया. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार गोरखपुर में 07, देवरिया में 11, कुशीनगर में 28 और महराजगंज में 29 संदिग्ध सदस्य पीएफआई के हैं. उनकी निगरानी की जा रही है. गोरखपुर क्षेत्र में पीएफआई से जुड़े कुल 75 लोग चिन्हित हैं, गोरखनाथ मंदिर में करीब साल भर पहले जवानों पर हमला करने वाले मुर्तुजा अब्बास और तारिक अतहर के पकड़े जाने के बाद जिहादी साहित्य में रुचि रखने वालों को चिन्हित किया जा रहा है. यह छापेमारी भी उसी क्रम में चल रही है. पड़ोसी जिले और नेपाल का सीमावर्ती इलाका इन साहित्य के जरिए संदेश देता है. महराजगंज और सिद्धार्थनगर में नेटवर्किंग पकड़ी जा चुकी है.
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