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गोरखपुर: बिजली कर्मी हड़ताल पर, उपभोक्ताओं की बढ़ी परेशानी - विद्युत नगरीय वितरण खण्ड बक्शीपुर

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी है. इससे बिजली उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हड़ताल पर गए कर्मचारी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं.

strike of electricians in gorakhpur
गोरखपुर में बिजली कर्मियों की हड़ताल.
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Published : Oct 5, 2020, 6:45 PM IST

गोरखपुर: पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण का प्रस्ताव सरकार की ओर से वापस न लेने से नाराज बिजली निगम के अफसर और कर्मचारी सोमवार को हड़ताल पर रहे. एक तरफ कर्मचारी जहां अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे तो वहीं उपभोक्ता इस हड़ताल की वजह से बेहद परेशान हुए.

शहर के कई विद्युत वितरण केंद्र पर बिजली का बिल जमा करने से लेकर संशोधन कराने को लेकर पहुंचने वाले उपभोक्ताओं को बिजलीकर्मियों की हड़ताल से निराशा भी हाथ लगी और परेशान भी होना पड़ा. विद्युत नगरीय वितरण खण्ड बक्शीपुर में बिजली का बिल जमा करने पहुंचे उपभोक्ताओं को गेट पर ताला लगा होने से निराश होकर वापस लौटना पड़ा.

उपभोक्ताओं ने बताया कि काफी दिनों से पेपरों और न्यूज चैनलों के माध्यम से जानकारी मिल रही थी कि विद्युतकर्मी निजीकरण के विरोध में लगातार आंदोलन कर रहे हैं लेकिन यह नहीं मालूम था कि आज कार्य बहिष्कार करेंगे. हम लोग किसी तरह से अपना काम धंधा छोड़कर बिजली का बिल जमा करने आए हैं और यहां पर ताला बंद है जो ठीक नहीं है. उपभोक्ताओं ने कहा कि निजीकरण सरकार का गलत फैसला है. वहीं कुछ उपभोक्ताओं ने इसे ठीक भी करार दिया.

बताते चलें कि सरकार द्वारा प्रस्तावित पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण और इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा सोमवार को कार्य बहिष्कार का आह्वान किया गया था, जिसकी वजह से विद्युत विभागों में ताला लगा मिला.

एक तरफ बिजली कर्मी जहां अपने इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए रविवार से ही जुटे रहे तो हड़ताल के दौरान आने वाली समस्याओं से निपटने के लिए जिला प्रशासन भी खाका तैयार करता रहा. ठेकेदारों और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को इस दौरान बिजली की आने वाली समस्याओं को दूर करने की जिम्मेदारी दी गई थी तो वहीं कंट्रोल रूम भी बनाए गए थे.

संविदा मजदूर संगठन ने बिजली कर्मियों के कार्य बहिष्कार में सहयोग का निर्णय रविवार को लखनऊ में अफसरों संग पांच सूत्रीय मांगों पर सहमति बनने पर वापस ले लिया. गोरखपुर की बात करें तो जिले में एक हजार से ज्यादा संविदा कर्मी हैं. सिर्फ शहर के 24 उप केंद्रों पर ही 294 संविदा कर्मी तैनात हैं. इनके काम पर रहने से प्रशासन ने राहत की सांस ली है.

उपकेंद्र पर दो से तीन स्थाई कर्मचारी तैनात हैं, लेकिन संविदा कर्मियों की संख्या 20 से ज्यादा है. विद्युत संविदा मजदूर संगठन के जोनल अध्यक्ष प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया कि प्रबंधन ने मांगें न मानी तो 12 अक्टूबर से उनका संगठन कार्य बहिष्कार करेगा.

गोरखपुर: पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण का प्रस्ताव सरकार की ओर से वापस न लेने से नाराज बिजली निगम के अफसर और कर्मचारी सोमवार को हड़ताल पर रहे. एक तरफ कर्मचारी जहां अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे तो वहीं उपभोक्ता इस हड़ताल की वजह से बेहद परेशान हुए.

शहर के कई विद्युत वितरण केंद्र पर बिजली का बिल जमा करने से लेकर संशोधन कराने को लेकर पहुंचने वाले उपभोक्ताओं को बिजलीकर्मियों की हड़ताल से निराशा भी हाथ लगी और परेशान भी होना पड़ा. विद्युत नगरीय वितरण खण्ड बक्शीपुर में बिजली का बिल जमा करने पहुंचे उपभोक्ताओं को गेट पर ताला लगा होने से निराश होकर वापस लौटना पड़ा.

उपभोक्ताओं ने बताया कि काफी दिनों से पेपरों और न्यूज चैनलों के माध्यम से जानकारी मिल रही थी कि विद्युतकर्मी निजीकरण के विरोध में लगातार आंदोलन कर रहे हैं लेकिन यह नहीं मालूम था कि आज कार्य बहिष्कार करेंगे. हम लोग किसी तरह से अपना काम धंधा छोड़कर बिजली का बिल जमा करने आए हैं और यहां पर ताला बंद है जो ठीक नहीं है. उपभोक्ताओं ने कहा कि निजीकरण सरकार का गलत फैसला है. वहीं कुछ उपभोक्ताओं ने इसे ठीक भी करार दिया.

बताते चलें कि सरकार द्वारा प्रस्तावित पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण और इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा सोमवार को कार्य बहिष्कार का आह्वान किया गया था, जिसकी वजह से विद्युत विभागों में ताला लगा मिला.

एक तरफ बिजली कर्मी जहां अपने इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए रविवार से ही जुटे रहे तो हड़ताल के दौरान आने वाली समस्याओं से निपटने के लिए जिला प्रशासन भी खाका तैयार करता रहा. ठेकेदारों और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को इस दौरान बिजली की आने वाली समस्याओं को दूर करने की जिम्मेदारी दी गई थी तो वहीं कंट्रोल रूम भी बनाए गए थे.

संविदा मजदूर संगठन ने बिजली कर्मियों के कार्य बहिष्कार में सहयोग का निर्णय रविवार को लखनऊ में अफसरों संग पांच सूत्रीय मांगों पर सहमति बनने पर वापस ले लिया. गोरखपुर की बात करें तो जिले में एक हजार से ज्यादा संविदा कर्मी हैं. सिर्फ शहर के 24 उप केंद्रों पर ही 294 संविदा कर्मी तैनात हैं. इनके काम पर रहने से प्रशासन ने राहत की सांस ली है.

उपकेंद्र पर दो से तीन स्थाई कर्मचारी तैनात हैं, लेकिन संविदा कर्मियों की संख्या 20 से ज्यादा है. विद्युत संविदा मजदूर संगठन के जोनल अध्यक्ष प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया कि प्रबंधन ने मांगें न मानी तो 12 अक्टूबर से उनका संगठन कार्य बहिष्कार करेगा.

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