गोरखपुर: नवरात्र के अंतिम दिन गुरु गोरक्षनाथ मंदिर से गोरक्षपीठाधीश्वर के नेतृत्व में पारंपरिक विजयदशमी जुलूस निकाला गया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में पहुंचे नाथ संप्रदाय से जुड़े हुए अनुयायी, साधु-संत और विभिन्न अखाड़ों के छात्रों ने अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन किया.
यह है मान्यता...
सैकड़ों वर्ष पूर्व राजा मान सिंह द्वारा मानसरोवर मंदिर का निर्माण कराया गया था. ऐसी मान्यता है कि राजा मान सिंह को सपने में भगवान भोले ने दर्शन देकर मानसरोवर पोखरी का निर्माण कराने की बात कही थी. इस पर राजा मान सिंह ने पोखरे का निर्माण कराया और वहां पर शिवलिंग मिला. इस शिवलिंग को पूरे विधि-विधान के साथ मानसरोवर परिसर में ही स्थापित किया गया. इस शिवलिंग का जुड़ाव सीधे नाथ संप्रदाय के साथ देखा जाता है. नाथ संप्रदाय के लोग गोरक्ष पीठाधीश्वर मानसरोवर में विभिन्न पर्व और त्योहारों पर मंदिर आकर पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करते हैं.
विजयदशमी के अवसर पर गुरु गोरक्षनाथ मंदिर से गोरक्षपीठाधीश्वर के नेतृत्व में निकलने वाला पारंपरिक विजय जुलूस कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मानसरोवर मंदिर पहुंचा, जहां पर सूबे के मुखिया नाथ संप्रदाय के गुरु गोरक्षनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने भगवान भोले का विधिवत पूजन कर दुग्ध अभिषेक किया और समाज के हित के लिए मंगल कामना की.
सीएम योगी ने मानसरोवर मंदिर में राम दरबार, श्री कृष्ण दरबार, मां भगवती दरबार सहित विभिन्न मंदिरों में पहुंचकर शीश झुकाया. इस दौरान मंदिर के पुरोहित वैदिक मंत्रोच्चार के बीच लगातार मंत्रों का उच्चारण करते रहे. इस दौरान सूबे के मुखिया सभी देवी देवताओं की पूजा-अर्चना में विलीन दिखे. इसके बाद गोरक्ष पीठाधीश्वर का काफिला रामलीला मैदान की तरफ निकल पड़ा, जहां भगवान श्री राम का राजतिलक गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के द्वारा किया गया.