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CM Yogi in Gorakhpur : गोरखपुर में सीएम योगी ने कहा- संत का जीवन देश और धर्म के लिए समर्पित

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) सोमवार को गोरखपुर में थे. यहां उन्होंने महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ को श्रद्धाजंलि देने के लिए आयोजित श्रद्धाजंलि समारोह (tribute ceremony) में हिस्सा लिया. इस दौरान योगी ने दोनों महंतों से जुड़े प्रसंग सुनाए.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 2, 2023, 10:32 PM IST

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक संत का अपना व्यक्तिगत जीवन नहीं होता. वह देश व धर्म के लिए समर्पित होता है. देश और समाज की आवश्यकता क्या है, संत की वही प्राथमिकता है. महंत दिग्विजयनाथ ऐसे ही संत थे, जिन्होंने अपने समय की चुनौतियों के लिए संघर्ष किया. ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 54वीं और महंत अवेद्यनाथ की 9वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित साप्ताहिक श्रद्धाजंलि समारोह में बोल रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि महंत दिग्विजयनाथ का संबंध राजस्थान के मेवाड़ के उस राणा कुल से है, जिसने देश के स्वाभिमान के लिए लड़ते हुए अपना जीवन समर्पित कर दिया.

योगी ने महंत दिग्विजयनाथ के कार्यों को याद किया : मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि महंत दिग्विजयनाथ ने गोरक्षपीठ से जुड़कर सबसे पहले शिक्षा पर जोर देते हुए महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की. युवा पीढ़ी राष्ट्रभावना से ओतप्रोत हो, इसके लिए उन्होंने अपने संस्थानों का विस्तार किया. उनके द्वारा स्थापित शिक्षा परिषद एक विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान देने के साथ अपना विश्वविद्यालय स्थापित कर चुका है. साथ ही ही चार दर्जन शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना कर राष्ट्र व समाज से जुड़ी चुनौतियों के लिए युवा पीढ़ी को तैयार करने का काम कर रहा है. महंत दिग्विजयनाथ ने बिखरे हुए नाथ योगियो को संगठित करने के लिए योगी महासभा का गठन किया.

देश के नेतृत्व के साथ चलें : योगी ने कहा कि यह एक नया भारत है. हम सभी का दायित्व है कि हम देश के नेतृत्व के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें. इसके लिए हमें शिक्षा पर ध्यान देना होगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसके लिए एक संकल्प पत्र है. इसके आधार पर हम देश के साथ-साथ अपने जीवन के सपनों को साकार कर सकते हैं.

भव्य राम मंदिर सच्ची श्रद्धांजलि : श्रद्धांजलि समारोह में जगद्गुरु रामानंदाचार्य डॉ. राजकमल दास वेदांती जी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज एवं महंत अवेद्यनाथ किसी व्यक्ति में योग्यता देखते ही पहचान लेते थे.अयोध्या से आए महंत कमलनयन दास ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ व ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने रामजन्म भूमि तथा हिंदुत्व के लिए आगे आकर नेतृत्व किया. आज उनके संकल्प तथा तपस्या के फलस्वरुप प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है. यह उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि है. जूनागढ़ गुजरात से आए महंत शेरनाथ बापू ने कहा कि पूज्य महंतद्वय ने शिक्षा तथा चिकित्सा के माध्यम से समाज में अदभुत योगदान दिया. अयोध्या से आए जगतगुरु स्वामी दिनेशाचार्य महाराज ने कहा कि गुरु की महिमा का वर्णन करना कठिन होता है. मां अपनी गोद में बैठाती है, पिता कंधों पर बैठाता है, किंतु गुरु सर्वप्रथम अपने शिष्य को स्वयं के पैरों पर खड़ा होना सिखाता है.

यह भी पढ़ें : CM Yogi ने जयंती पर महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को किया नमन, कही ये बात

यह भी पढ़ें : सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- शोध के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाएं तकनीकी विश्वविद्यालय, पुराना तरीका छोड़ें

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक संत का अपना व्यक्तिगत जीवन नहीं होता. वह देश व धर्म के लिए समर्पित होता है. देश और समाज की आवश्यकता क्या है, संत की वही प्राथमिकता है. महंत दिग्विजयनाथ ऐसे ही संत थे, जिन्होंने अपने समय की चुनौतियों के लिए संघर्ष किया. ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 54वीं और महंत अवेद्यनाथ की 9वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित साप्ताहिक श्रद्धाजंलि समारोह में बोल रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि महंत दिग्विजयनाथ का संबंध राजस्थान के मेवाड़ के उस राणा कुल से है, जिसने देश के स्वाभिमान के लिए लड़ते हुए अपना जीवन समर्पित कर दिया.

योगी ने महंत दिग्विजयनाथ के कार्यों को याद किया : मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि महंत दिग्विजयनाथ ने गोरक्षपीठ से जुड़कर सबसे पहले शिक्षा पर जोर देते हुए महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की. युवा पीढ़ी राष्ट्रभावना से ओतप्रोत हो, इसके लिए उन्होंने अपने संस्थानों का विस्तार किया. उनके द्वारा स्थापित शिक्षा परिषद एक विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान देने के साथ अपना विश्वविद्यालय स्थापित कर चुका है. साथ ही ही चार दर्जन शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना कर राष्ट्र व समाज से जुड़ी चुनौतियों के लिए युवा पीढ़ी को तैयार करने का काम कर रहा है. महंत दिग्विजयनाथ ने बिखरे हुए नाथ योगियो को संगठित करने के लिए योगी महासभा का गठन किया.

देश के नेतृत्व के साथ चलें : योगी ने कहा कि यह एक नया भारत है. हम सभी का दायित्व है कि हम देश के नेतृत्व के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें. इसके लिए हमें शिक्षा पर ध्यान देना होगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसके लिए एक संकल्प पत्र है. इसके आधार पर हम देश के साथ-साथ अपने जीवन के सपनों को साकार कर सकते हैं.

भव्य राम मंदिर सच्ची श्रद्धांजलि : श्रद्धांजलि समारोह में जगद्गुरु रामानंदाचार्य डॉ. राजकमल दास वेदांती जी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज एवं महंत अवेद्यनाथ किसी व्यक्ति में योग्यता देखते ही पहचान लेते थे.अयोध्या से आए महंत कमलनयन दास ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ व ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने रामजन्म भूमि तथा हिंदुत्व के लिए आगे आकर नेतृत्व किया. आज उनके संकल्प तथा तपस्या के फलस्वरुप प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है. यह उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि है. जूनागढ़ गुजरात से आए महंत शेरनाथ बापू ने कहा कि पूज्य महंतद्वय ने शिक्षा तथा चिकित्सा के माध्यम से समाज में अदभुत योगदान दिया. अयोध्या से आए जगतगुरु स्वामी दिनेशाचार्य महाराज ने कहा कि गुरु की महिमा का वर्णन करना कठिन होता है. मां अपनी गोद में बैठाती है, पिता कंधों पर बैठाता है, किंतु गुरु सर्वप्रथम अपने शिष्य को स्वयं के पैरों पर खड़ा होना सिखाता है.

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