गोरखपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को अपने दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर पहुंचे. इस दौरान उनका सबसे पहला कार्यक्रम जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में आयोजित हुआ. यहां उन्होंने सदर तहसील और कलेक्ट्रेट के अधिवक्ताओं के लिए अधिवक्ता चेंबर के निर्माण की आधारशिला रखी. इस दौरान योगी ने कहा कि पीड़ित न्याय के लिए जो सबसे पहले दरवाजा खटखटाता है वह अधिवक्ताओं का चेंबर ही होता है. ऐसे में अधिवक्ताओं का चेंबर व्यवस्थित और सुचारु ढंग से काम करने वाला होना चाहिए. इससे यहां आने वाले पीड़ित और फरियादी में विश्वास का भाव भी जागेगा. उन्होंने कहा कि व्यवस्था का मन मस्तिष्क पर बड़ा असर पड़ता है. जब अधिवक्ता ही टूटी झोपड़ी और खपरैल के चेंबर में बैठेगा तो, उसके पास न्याय के लिए आने वाला फरियादी मायूस हो जाएगा.
प्रदेश के सभी जिले में बनेंगे अधिवक्ता चेम्बर
योगी ने कहा कि गांव से आने वाले तमाम फरियादियों के लिए अधिवक्ता ही न्याय का रास्ता बताता है. पीड़ित को नहीं मालूम होता है कि वह अपनी फरियाद डीएम से करें या कमिश्नर से. ऐसे में अधिवक्ता ही उसकी मदद करता है. इसके लिए अधिवक्ताओं को भी एक बेहतर माहौल देना राज्य सरकार का दायित्व होता है. योगी ने कहा कि उनकी सरकार इस ओर मजबूती के साथ कदम बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि अधिवक्ता चेंबर के निर्माण की प्रक्रिया प्रदेश में सबसे पहले वह गोरखपुर से शुरु कर रहे हैं. समय के साथ यह हर जिले में लागू होगी. उन्होंने कहा कि मंडलायुक्त और जिलाधिकारी कार्यालय भी एकीकृत करने जा रहे हैं. इसकी शुरुआत भी गोरखपुर और बनारस से होगी. ऐसे कार्यालय भी लोगों को न्याय दिलाने में काफी मददगार होंगे. छोटे अधिकारियों पर वरिष्ठ अधिकारियों की नजर होगी. साथ ही अधिवक्ता और फरियादी भी एक ही बिल्डिंग में आकर अपने सभी समस्याओं के निराकरण का प्रयास कर सकेंगे. सीएम के इस कार्यक्रम के दौरान पूरा कलेक्ट्रेट परिसर अधिवक्ताओं से भरा था. मंच पर सांसद रवि किशन शुक्ला, विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल, विपिन सिंह समेत अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी भी मौजूद थे.
लाइब्रेरी को डिजिटल बनाने का सीएम ने दिया आश्वासन
योगी ने जिस कलेक्ट्रेट परिसर में अधिवक्ता चेम्बर के निर्माण की आधारशिला रखी. उसके निर्माण पर 4 करोड़ 54 लाख रुपए की धनराशि खर्च होगी. इसके साथ ही सदर तहसील परिसर में निर्मित होने वाले अधिवक्ता चेंबर पर भी 4 करोड़ 54 लाख, कैंपियरगंज तहसील में 2 करोड़ 60 लाख की लागत से अधिवक्ता चेंबर बनेगा. इन सभी चेंबर को कार्यदायी संस्था ग्रामीण अभियंत्रण विभाग 11.68 करोड़ की धनराशि से बनाएगा. उन्होंने इस दौरान जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए कहा कि कलेक्ट्रेट बार की लाइब्रेरी को उनकी सरकार डिजिटलाइजेशन करने का प्रयास करेगी. इसके साथ ही उन्होंने तकनीकी के इस प्रयोग को कोरोना की महामारी में बहुत ही उपयोगी बताया और कहा कि अगर तकनीक नहीं होती तो वर्चुअल कोर्ट नहीं चल पाती. इस महामारी में विधवा, दिव्यांग और किसानों के खाते में एक भी पैसा नहीं जा पाता.